📍नई दिल्ली | 21 Oct, 2025, 2:20 PM
India Defence Upgrade: भारत की रक्षा तैयारियों में एक बड़ा कदम उठाते हुए डिफेंस प्रोक्योरमेंट बोर्ड ने तीन अहम स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन प्रस्तावों पर अंतिम फैसला 23 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की बैठक में लिया जा सकता है।
इन प्रस्तावों में नौसेना और वायुसेना के लिए मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम, थलसेना के लिए 1000 पिनाका रॉकेट, और नौसेना के लिए चार लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक जहाजों की डील शामिल है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम को भारतीय नौसेना और वायुसेना में शामिल किया जाएगा। दोनों सेनाओं को लगभग 300-300 मिसाइलें मिलेंगी। इन मिसाइलों की रेंज करीब 100 किलोमीटर है, और यह दुश्मन के हवाई और मिसाइल हमलों को मार गिराने में सक्षम हैं। यह सिस्टम पहले भी तीनों सेनाओं में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा चुका है।
वहीं, भारतीय सेना को पिनाका मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की 1000 रॉकेटों की खेप मिलेगी। पिनाका का लेटेस्ट वर्जन गाइडेड पिनाका है, जिसकी रेंज 90 किलोमीटर तक है। यह ऑर्डर 2024 के अंत में सेवा में आए अपडेटेड पिनाका वर्जन का रिपीट ऑर्डर हो सकता है।
इसके साथ ही भारतीय सेना के लिए स्पेशल कमांड एंड कंट्रोल वाहन की खरीद को भी मंजूरी दी गई है, जो एयर डिफेंस नेटवर्क के लिए जरूरी कम्यूनिकेशन एंड सर्वेलेंस सिस्टम्स को मजबूत करेंगे।
तीसरा और सबसे बड़ा प्रस्ताव नौसेना के लिए है। इसमें 33,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले चार लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक जहाज शामिल हैं। ये बड़े एम्फीबियस वारफेयर शिप होंगे, जिनका वजन लगभग 20,000 टन होगा। ये जहाज सैनिकों, टैंकों और हेलीकॉप्टरों को समुद्र से तटीय इलाकों तक पहुंचाने में मदद करेंगे। इस पर अंतिम मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से ली जाएगी। सूत्रों ने बताया कि ये जहाज आईडीडीएम यानी इंडिजेनसली डिजाइन्ड, डेवलप्ड एंड मैन्युफैक्चर्ड कैटेगरी में होंगे, जिससे भविष्य में इनका निर्यात भी संभव होगा।
नौसेना सूत्रों के अनुसार, इन एलपीडी जहाजों में रोल्स रॉयस एमटी-30 इंजन और इंटीग्रेटेड फुल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार होगा जब ऐसे हाई-टेक इंजन किसी भारत में बने जहाज में लगाए जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक डीपीबी की मंजूरी के बाद अब सभी प्रस्तावों को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) के सामने रखा जाएगा। इस बैठक में रक्षा सचिव आरके सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहेंगे। दिलचस्प बात यह है कि डीएसी की बैठक उसी दिन हो रही है जिस दिन नौसेना कमांडरों का सम्मेलन भी प्रस्तावित है। दोनों बैठकें दीपावली के बाद एक ही दिन आयोजित की जाएंगी।