Explainer Bhargavastra: महाभारत काल का यह हथियार अब भारतीय सेनाओं की बनेगा ‘रीढ़’, दुश्मन के ड्रोनों का होगा सर्वनाश

explainer bhargavastra counter drone system
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.22 mintue

📍नई दिल्ली | 7 months ago

Explainer Bhargavastra: भारत ने हाल ही में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। महाभारत के प्रसिद्ध दिव्यास्त्रों से प्रेरणा लेते हुए भारत ने अत्याधुनिक काउंटर-ड्रोन सिस्टम विकसित किया है, जिसे भार्गवास्त्र नाम दिया गया है। भार्गवास्त्र का नाम महर्षि परशुराम द्वारा उपयोग किए गए शक्तिशाली दिव्यास्त्र से लिया गया है। महाभारत में वर्णित दिव्यास्त्रों में से एक, भार्गवास्त्र, अपनी अद्वितीय शक्ति और विनाशकारी क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह नया भार्गवास्त्र न केवल देश के डिफेंस सिस्टम को मजबूत करेगा, बल्कि फ्यूचर वारफेयर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

explainer bhargavastra counter drone system

भार्गवास्त्र को सोलर ग्रुप और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) ने मिल कर डेवलप किया है। यह एक माइक्रो-मिसाइल आधारित काउंटर-ड्रोन सिस्टम है, जिसे दुश्मन के ड्रोन्स और स्वार्म ड्रोन्स (झुंड में उड़ने वाले ड्रोन्स) को पहचानने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हाल के युद्धों में स्वार्म ड्रोन्स बड़े खतरे के रूप में उभरे हैं।

Explainer Bhargavastra: कैसा है भार्गवास्त्र?

भार्गवास्त्र एक मल्टी-लेयर काउंटर-ड्रोन सिस्टम है, जो माइक्रो-मिसाइल तकनीक पर बेस्ड है। यह सिस्टम दुश्मन के छोटे और स्वार्म ड्रोन्स को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि यह 6 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन का पता लगा सकता है और 64 माइक्रो-मिसाइलों को एक साथ फायर करने की क्षमता रखता है। इसकी सॉफ्ट-किल तकनीक ड्रोन के नेविगेशन और कम्यूनिकेशन सिस्टम को जाम कर देती है, जबकि हार्ड-किल सिस्टम ड्रोन को पूरी तरह से बरबाद कर देता है।

यह सिस्टम 5,000 मीटर तक की ऊंचाई पर भी तैनात किया जा सकता है, जिससे यह दुर्गम इलाकों में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। यह मोबाइल प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिससे इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिस्टम भारत के लिए एक बड़े रणनीतिक सुरक्षा उपाय के रूप में उभरेगा।

यह भी पढ़ें:  AMCA indigenous engine: स्वदेशी फाइटर जेट के लिए इंजन की जंग; रोल्स-रॉयस या साफरान? अब फैसला DRDO के हाथ में

explainer bhargavastra counter drone system

Explainer Bhargavastra: कैसे काम करता है भार्गवास्त्र?

भार्गवास्त्र को दुश्मन के ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को पहचानने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक सिस्टम है, यानी कि इसे किसी मनुष्य द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है। जब कोई ड्रोन इसकी रडार सीमा में आता है, तो यह तुरंत उसे पहचान लेता है। इसके बाद, यह तय करता है कि हार्ड-किल या सॉफ्ट-किल तकनीक का उपयोग करना है।

इसकी C4I कमांड और कंट्रोल प्रणाली रडार के माध्यम से 10 किलोमीटर तक बड़े UAVs और 6 किलोमीटर तक छोटे ड्रोन्स का पता लगा सकती है। इसके EO/IR सिस्टम (इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड) कम रडार क्रॉस सेक्शन वाले लक्ष्यों को भी ट्रैक करने में सक्षम हैं। यह प्रणाली खासतौर पर स्वार्म ड्रोन का सामना करने के लिए तैयार की गई है, जो सामान्य जामिंग तकनीकों से बच सकते हैं। भार्गवास्त्र का मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म एक समय में 16 मिसाइलों को कैरी कर सकता है, जिससे ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी में बढ़ोतरी होती है।

Drishti-10 Drone: पोरबंदर के पास समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ अडानी डिफेंस का बनाया ये खास ड्रोन, मेक इन इंडिया पर उठ रहे सवाल

भार्गवास्त्र का नाम महाभारत के महर्षि परशुराम के भार्गवास्त्र से लिया गया है। यह नाम इसके उद्देश्य को दर्शाता है, शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना। इस आधुनिक प्रणाली ने 12 और 13 जनवरी, 2025 को अपने पहले ट्रायल्स में शानदार प्रदर्शन किया। गंजम, ओडिशा के गोपालपुर सीवर्ड फायरिंग रेंज में इसे ट्रायल के लिए तैनात किया गया था। पहले परीक्षण में, 2,500 मीटर दूर और 400 मीटर की ऊंचाई पर एक इलेक्ट्रॉनिक टारगेट पर मिसाइल ने सटीक निशाना लगाया। दूसरे परीक्षण में, एक चलते हुए इलेक्ट्रॉनिक UAV मिमिक को सफलतापूर्वक नष्ट किया।

यह भी पढ़ें:  Indian Army drones: भारतीय सेना में शामिल होंगे घातक ड्रोन! चीन-पाकिस्तान की हर हरकत पर रहेगी पैनी नजर

क्या यह भारत का आयरन डोम है?  

भार्गवास्त्र को कई विशेषज्ञ भारत का आयरन डोम बता ररहे हैं। आयरन डोम इजरायल का प्रसिद्ध रक्षा प्रणाली है, जो मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने में सक्षम है। भार्गवास्त्र भी इसी प्रकार की सुरक्षा प्रदान करता है और इसे स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है।

आधुनिक युद्ध में भार्गवास्त्र है जरूरी

आधुनिक युद्धक्षेत्र में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है। हाल के वर्षों में अजरबैजान-आर्मेनिया और यूक्रेन-रूस जैसे युद्धों में ड्रोन तकनीक ने निर्णायक भूमिका निभाई है। स्वार्म ड्रोन का उपयोग करते हुए दुश्मन बड़ी संख्या में हमले कर सकते हैं, जिन्हें रोकने के लिए पारंपरिक डिफेंस सिस्टम काफी नहीं हैं। हर साल 100,000 से ज़्यादा ड्रोन तैनात किए जाते हैं, जिनका मुकाबला अक्सर महंगी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से किया जाता है। भार्गवस्त्र दुश्मन के यूएवी को बेअसर करने के लिए एक किफायती और प्रभावी विकल्प प्रदान करता है।

भार्गवास्त्र इस चुनौती का समाधान प्रदान करता है। यह तकनीक दुश्मन के ड्रोन्स को कम लागत और उच्च दक्षता के साथ नष्ट कर सकती है। इसकी मोबाइल और स्वचालित क्षमताएं इसे किसी भी युद्धक्षेत्र के लिए उपयुक्त बनाती हैं। क्योंकि ड्रोन्स का बढ़ता इस्तेमाल भविष्य के युद्धक्षेत्र की वास्तविकता है। ऐसे में भार्गवास्त्र जैसे सिस्टम भारत की सुरक्षा को न केवल मजबूत बनाएंगे, बल्कि यह भारतीय सेनाओं को आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करेंगे।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US