back to top
HomeLegal Policy NewsDisability Pension: रक्षा मंत्रालय के नए डिसेबिलिटी पेंशन नियमों पर छिड़ा विवाद,...

Disability Pension: रक्षा मंत्रालय के नए डिसेबिलिटी पेंशन नियमों पर छिड़ा विवाद, पूर्व सैनिक बोले- क्या पेंशन में भारी कटौती की तैयारी कर रही सरकार?

पूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार उन्हें मुकदमों में उलझाकर और पेंशन घटाकर उनका मनोबल गिरा रही है। उनका तर्क है कि जो सैनिक अपने प्राणों की परवाह किए बिना ड्यूटी करता है, उसे ऐसी नीतियों से नहीं बल्कि संवेदनशील फैसलों से समर्थन मिलना चाहिए...

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

📍नई दिल्ली | 14 Sep, 2025, 10:07 PM

Disability Pension: रक्षा मंत्रालय की तरफ से सितंबर 2023 में लागू किए गए नए डिसेबिलिटी पेंशन नियमों को लेकर विवाद छिड़ गया है। 21 सितंबर 2023 को जारी इन नियमों का नाम दिया गया है, “Entitlement Rules for Casualty Pension and Disability Compensation Awards to Armed Forces Personnel, 2023”। ये नियम सभी पुराने प्रावधानों की जगह ले चुके हैं और अब विकलांगता पेंशन को इम्पेयरमेंट रिलीफ कहा जाएगा।

Disability Pension: दिल्ली हाईकोर्ट की रक्षा मंत्रालय को फटकार, रिटायर्ड अफसर के मेडिकल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर पेंशन रोकने पर जताई नाराजगी

सैनिकों और पूर्व सैनिकों के अनुसार, इसके बदलाव से उनके अधिकारों और लंबे समय तक की गई सेवाओं पर असर पड़ सकता है। साथ ही, उन्हें यह भी आशंक है कि इन नियमों से पेंशन में भारी कटौती हो सकती है।

Disability Pension: नए नियमों में क्या है प्रावधान

नए प्रावधान के अनुसार अब सैनिकों की विकलांगता का प्रतिशत तय किया जाएगा और उसी हिसाब से पेंशन का निर्धारण होगा। पहले यह व्यवस्था काफी सुविधाजनक थी, लेकिन अब “डिसेबिलिटी एलिमेंट” को पूरी तरह से हटा दिया गया है और उसकी जगह “इम्पेयरमेंट रिलीफ” लागू किया गया है।

इस बदलाव का असर खासकर उन जवानों और अधिकारियों पर पड़ेगा, जिनकी सेहत नौकरी में रहने के दौरान बिगड़ती है। हालांकि पहली बार इन नियमों में लाइफस्टाइल बीमारियों जैसे हाइपरटेंशन और टाइप-2 डायबिटीज को शामिल किया गया है। लेकिन इनका फायदा सिर्फ उन सैनिकों को मिलेगा, जिन्होंने हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों या बेहद कठिन हालात में ड्यूटी करते हुए यह बीमारी झेली हो।

यह भी पढ़ें:  Commutation of Pension: 15 साल की रिकवरी पॉलिसी के खिलाफ एकजुट हुए पूर्व सैनिक, पेंशन कम्यूटेशन के नियमों पर फिर से हो विचार

पहले तक सभी हृदय रोग और स्ट्रेस से जुड़ी बीमारियां सेना की नौकरी से जुड़ी मानी जाती थीं, लेकिन अब यह प्रावधान सीमित कर दिया गया है।

Disability Pension: कैडेट्स और ऑफिसर ट्रेनिंग पर भी असर

नए नियमों में कैडेट्स और ऑफिसर ट्रेनिंग कर रहे उम्मीदवारों को भी फायदों से वंचित कर दिया गया है। अब उन्हें सिर्फ एक्स-ग्रेशिया भुगतान मिलेगा। सैनिक संगठनों का कहना है कि यह फैसला अनुचित है क्योंकि कैडेट्स भी कठिन ट्रेनिंग और दबाव का सामना करते हैं।

Disability Pension: सीएजी रिपोर्ट बनी आधार

मार्च 2023 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक-सीएजी की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि हर साल रिटायर होने वाले लगभग 36-40 फीसदी अफसरों को डिसेबिलिटी पेंशन मिलती है, जबकि केवल 15-18 फीसदी जवानों को यह लाभ मिलता है।

सेना के अनुसार, यह अंतर स्वाभाविक है क्योंकि जवान कम उम्र में रिटायर हो जाते हैं और अपेक्षाकृत स्वस्थ रहते हैं। दूसरी ओर, अधिकारी 54 से 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं, जब लंबे समय की सेवा और मानसिक दबाव उनकी सेहत पर असर डालता है। इसके आधार पर एक इंटर-सर्विस पैनल बनाया गया, जिसकी अध्यक्षता आर्मी के एडजुटेंट जनरल ने की थी।

Disability Pension: पूर्व सैनिकों की नाराजगी

ऑल इंडिया एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर इन नियमों को वापस लेने की मांग की है। संगठन का कहना है कि नए नियम सैनिकों की वास्तविक चुनौतियों को नजरअंदाज करते हैं और “इनवैलिडेशन” की परिभाषा को बदलकर इसे पिछड़ा हुआ कदम बना दिया गया है। संगठन ने कहा कि अब इनवैलिड पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करनी होगी।

यह भी पढ़ें:  India-China Talks: क्या है 2005 का समझौता जिस पर चीन है अटका? और भारत को क्यों नहीं है स्वीकार

संस्था ने कहा कि पहले हृदय रोग जैसे सभी मामले सर्विस स्ट्रेस से जुड़े माने जाते थे, लेकिन अब इन्हें सिर्फ ऊंचाई वाले इलाकों से जोड़ा गया है। जबकि तनाव और दबाव सैनिक चाहे जहां भी तैनात हों, हर समय झेलते हैं।

अदालत का फैसला और सरकार की हार

दिल्ली हाई कोर्ट ने जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय की उन 300 याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विकलांगता पेंशन को लेकर सैनिकों के खिलाफ अपील की गई थी।

न्यायमूर्ति नवीन चावला और शालिंदर कौर की बेंच ने कहा कि विकलांगता पेंशन का उद्देश्य उन सैनिकों की मदद करना है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान बीमारी या चोट झेली है। अदालत का स्पष्ट मत था कि यह पेंशन सैनिकों का अधिकार है और इसे छीनना न्याय के खिलाफ है।

सैनिकों के हालात की अनदेखी

संस्था का कहना है कि रक्षा मंत्रालय ने नए नियम बनाते समय सैनिकों की जमीनी वास्तविकताओं पर ध्यान नहीं दिया। भारतीय सैनिक ऊंचे ग्लेशियर से लेकर रेगिस्तान और घने जंगलों तक हर तरह की भौगोलिक परिस्थितियों में तैनात रहते हैं।

उनकी जिंदगी हमेशा खतरे में होती है कभी सीमा पर, कभी आतंकी इलाकों में और कभी आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर। हमेशा हाई-अलर्ट पर रहना उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। साथ ही, सैनिकों को सिर्फ भौगोलिक कठिनाइयां ही नहीं झेलनी पड़तीं, बल्कि परिवार की चिंता भी उनकी सेहत पर असर डालती है। लंबे समय तक पोस्टिंग के कारण परिवार से दूर रहना, बच्चों और पत्नी की देखभाल न कर पाना, और हर पल हमले का खतरा, यह सब मिलकर सैनिकों की सेहत बिगाड़ देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियां और मानसिक तनाव इन्हीं हालात की देन हैं।

यह भी पढ़ें:  Punjab-Haryana High Court Rules: Armed Forces Personnel Disabled During Service Entitled to Full Pension Benefits

वर्तमान नियमों को लेकर विशेषज्ञों और पूर्व सैनिकों का कहना है कि रक्षा मंत्रालय को संवेदनशीलता दिखाते हुए सैनिकों के मनोबल का ख्याल रखना चाहिए। सैनिक हर वक्त आदेश मानकर सीमा से लेकर शांति क्षेत्रों तक कहीं भी सेवा के लिए तैयार रहते हैं।

पूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार उन्हें मुकदमों में उलझाकर और पेंशन घटाकर उनका मनोबल गिरा रही है। उनका तर्क है कि जो सैनिक अपने प्राणों की परवाह किए बिना ड्यूटी करता है, उसे ऐसी नीतियों से नहीं बल्कि संवेदनशील फैसलों से समर्थन मिलना चाहिए।

Author

  • News Desk

    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें पेश करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा से जुड़ी।"

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें पेश करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा से जुड़ी।"

Most Popular