Dhruv choppers: सेना दिवस परेड में स्वदेशी ALH ध्रुव और रूद्र ने नहीं भरी उड़ान, रिपब्लिक डे पर भी फ्लाईपास्ट से हो सकते हैं बाहर

Dhruv Choppers: Indigenous ALH and Rudra Skip Army Day Parade, May Miss Republic Day Flypast Too
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📍नई दिल्ली | 7 months ago

Dhruv choppers: 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और इसके आर्मर्ड वर्जन रुद्र के हिस्सा लेने पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। हाल ही में 5 जनवरी को गुजरात के पोरबंदर में तटरक्षक बल का एक एएलएच दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके बाद सेना और अन्य बलों ने जांच पूरी होने तक अपने पूरे एएलएच बेड़े की उड़ान पर रोक लगा दी थी।

Dhruv Choppers: Indigenous ALH and Rudra Skip Army Day Parade, May Miss Republic Day Flypast Too

इस दुर्घटना में दो पायलट और एक एयरक्रू गोताखोर की मौत हो गई थी, जिसके बाद इन हेलीकॉप्टरों की फ्लाइंग सेफ्टी को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है, और विस्तृत विश्लेषण के लिए दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पास भेजा जा रहा है।

Dhruv Choppers: सेना दिवस परेड में नहीं दिखा ALH

एएलएच हेलीकॉप्टर बुधवार को पुणे में आयोजित हुई सेना दिवस परेड में भी शामिल नहीं हुए। सेना दिवस परेड गणतंत्र दिवस की तरह ही एक भव्य औपचारिक समारोह है। इसमें चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों ने भी हिस्सा लिया, लेकिन एएलएच गायब दिखा। इस समारोह में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।

तीनों सेनाओं और तटरक्षक बल के पास कुल मिलाकर लगभग 330 एएलएच हैं, जबकि सेना और वायुसेना के पास 90 से अधिक रुद्र हेलीकॉप्टर हैं। जबकि कोस्ट गार्ड के पास 19 हेलीकॉप्टर हैं। सीमा सुरक्षा बल और अन्य सिविल एजेंसियां भी एएलएच का उपयोग करती हैं। इस सभी हेलीकॉप्टरों को फिलहाल निरीक्षण और फ्लाइट सेफ्टी चेक के लिए खड़ा कर दिया गया है।

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पिछले पांच सालों में एएलएच से जुड़ी करीब 15 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हाल ही में सितंबर 2024 में पोरबंदर के पास एक और तटरक्षक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद तटरक्षक बल ने अपने पूरे बेड़े की जांच की थी।

उस समय जांच का फोकस मुख्य ड्राइव शाफ्ट, टेल रोटर असेंबली और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की स्ट्रक्चरल सेफ्टी पर था। सेना ने 2023 में भी अपने ध्रुव हेलीकॉप्टरों को भी रोककर व्यापक जांच की थी, जिसमें बूस्टर कंट्रोल रॉड्स की डिजाइन की भी समीक्षा की गई थी।

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2023 में एएलएच हेलीकॉप्टरों के कमियों को दूर करने और उनमें सुधार के लिए एचएएल ने बड़ी पहल की थी। सभी एएलएच हेलीकॉप्टरों पर पुराने एल्युमिनियम बूस्टर कंट्रोल रॉड्स को स्टील रॉड्स से बदल दिया गया था। ये रॉड्स हेलीकॉप्टर की स्पीड को कंट्रोल करने में पायलटों की मदद करते हैं। रॉड्स की विफलता गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।

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बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC) ने अप्रैल 2023 में एएलएच हेलीकॉप्टरों की डिजाइन समीक्षा का आदेश दिया था। इसके तहत बूस्टर कंट्रोल रॉड्स की मजबूती बढ़ाने के लिए सुधार किए गए।

पोरबंदर दुर्घटना के बाद एचएएल ने हेलीकॉप्टर के ट्रांसमिशन सिस्टम, गियरबॉक्स, और रोटर हब सहित अन्य उपकरणों की व्यापक जांच शुरू की है। इसमें दो सप्ताह से अधिक समय लग सकता है। यदि कोई समस्या पाई जाती है, तो सुधारात्मक कदम उठाने में अतिरिक्त समय लग सकता है।

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गणतंत्र दिवस फ्लाईपास्ट में में तीनों सेनाओं और तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टर हिस्सा लेते हैं, लेकिन इस बार इस पर असर पड़ सकता है। फिलहाल, गणतंत्र दिवस परेड में ध्रुव हेलीकॉप्टरों के हिस्सा लेने को लेकर सभी ने चुप्पी साध रखी है। कहा जा रहा है कि उनकी जगह अन्य हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस साल गणतंत्र दिवस के फ्लाईपास्ट में तीनों सेनाओं के हेलिकॉप्टरों के साथ तीन तट रक्षक ALH को भी हिस्सा लेना था।

एएलएच हेलीकॉप्टर को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डिजाइन किया है। लेकिन हाल की घटनाओं ने इसकी उड़ान सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। सेना प्रमुख ने कहा है कि एविएशन सिक्योरिटी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब तक सभी जांच पूरी नहीं हो जातीं, तब तक इन हेलीकॉप्टरों की उड़ान पर रोक बनी रहेगी।

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