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Apollo Micro Systems क्यों बना हुआ है मल्टीबैगर डिफेंस स्टॉक? DRDO से मिली टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की ये बड़ी मंजूरी

Apollo Micro Systems को मेकेट्रॉनिक फ्यूज की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी मिलना रक्षा निर्माण क्षेत्र के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। यह तकनीक ग्रेनेड फ्यूजिंग सिस्टम से जुड़ी है...

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📍नई दिल्ली | 16 Oct, 2025, 12:33 PM

Apollo Micro Systems: हैदराबाद स्थित रक्षा कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (एएमएसएल) को भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। कंपनी को रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों यानी डिफेंस पीएसयू से कुल 39.27 करोड़ रुपये (392.70 मिलियन) के नए ऑर्डर मिले हैं। साथ ही, कंपनी को डीआरडीओ की ओर से मेकेट्रॉनिक फ्यूज फोर ग्रेनेड्स के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी भी मिली है।

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यह जानकारी कंपनी ने 16 अक्टूबर 2025 को अपने रेगुलेटरी फाइलिंग में दी है। इस घोषणा के बाद कंपनी के शेयरों में शुरुआती कारोबारी सत्र में लगभग 3 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर Apollo Micro Systems का शेयर 301.75 रुपये तक पहुंच गया, जबकि सुबह 10 बजे के आसपास यह 296 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

कंपनी ने बताया कि उसे डीआरडीओ से 4.3 करोड़ रुपये के ऑर्डर और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों से 34.97 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं। इन दोनों ऑर्डर्स को मिलाकर कुल मूल्य 39.27 करोड़ रुपये होता है।

Apollo Micro Systems को मेकेट्रॉनिक फ्यूज की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी मिलना रक्षा निर्माण क्षेत्र के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। यह तकनीक ग्रेनेड फ्यूजिंग सिस्टम से जुड़ी है, जो सटीक और सुरक्षित विस्फोट होता है। इस टेक्नोलॉजी को डीआरडीओ ने बनाया है और अब इसका ट्रांसफर Apollo Micro Systems को किया जा रहा है।

कंपनी अब इस तकनीक के उत्पादन और डिलीवरी में सीधे योगदान दे सकेगी, जिससे भारत की डिफेंस सप्लाई चैन में स्वदेशी तकनीक की हिस्सेदारी और बढ़ेगी।

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Apollo Micro Systems पहले से ही एयरोस्पेस, डिफेंस, रेलवे और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में काम कर रही है।

शेयर मार्केट के आंकड़ों के अनुसार, अपोलो माइक्रो सिस्टम का प्रदर्शन पिछले एक साल में बेहद शानदार रहा है। कंपनी के शेयर ने 12 महीनों में निवेशकों को 193 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। वहीं, दो साल में इसका मूल्य 340 प्रतिशत और पांच साल में 2,500 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।

शेयर विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के लगातार नए ऑर्डर्स और DRDO से मिली तकनीक की मंजूरी उसके लिए एक बड़ा प्रोत्साहन साबित होगी। इससे कंपनी की रेवेन्यू कैपेबिलिटी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

कंपनी ने सितंबर तिमाही के अपने कारोबारी नतीजे जारी किए थे, जिसमें कंपनी की कुल आय 225.26 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही के 161 करोड़ रुपये के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा है। इसके अलावा, पिछली तिमाही की तुलना में यह 68 फीसदी की बढ़त दिखी है।

कंपनी ने जून तिमाही में 18.51 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे ऊंचा शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था, जो सालाना आधार पर 115 फीसदी की बढ़त है।

Apollo Micro Systems ने हाल ही में डिफेंस और साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में कई अहम साझेदारियां की हैं। कंपनी ने सिबरसेंटिनेल टेक्नोलॉजीज और ज़ूम टेक्नोलॉजीज के साथ सरकारी एजेंसियों के लिए साइबर सुरक्षा सॉल्यूशन डेवलप करने के लिए एमओयू साइन किए हैं।

साथ ही, इसकी सहायक कंपनी अपोलो स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने अमेरिकी कंपनी डायनेमिक इंजीनियरिंग एंड डिजाइन इंक के साथ बीएम-21 ग्रैड ईआर डिजाइन मोटर के संयुक्त विकास के लिए समझौता किया है।

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कंपनी को डीआरडीओ से एनएएसएम-एसआर मिसाइल वॉरहेड्स के लिए तकनीक ट्रांसफर की मंजूरी भी मिली है। लगातार बढ़ते ऑर्डर्स और साझेदारियों के चलते कंपनी के शेयर ने छह महीनों में 200% की शानदार तेजी दर्ज की है।

डिस्क्लेमर: शेयरों में निवेश करने से वित्तीय नुकसान का जोखिम होता है। इसलिए, निवेशकों को शेयरों में निवेश या ट्रेडिंग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। निवेश करने से पहले कृपया अपने निवेश सलाहकार से सलाह लें।

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    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

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