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COAS Visits Forward Areas: आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया राजस्थान के बॉर्डर इलाकों का दौरा, टेक्नोलॉजी एब्जॉर्प्शन पर दिया जोर

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, उद्योग जगत, शैक्षणिक संस्थानों और समाज के बीच सीमलेस सिनर्जी बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्होल-ओएफ-नेशन एप्रोच को अपनाकर ही भारत अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बना सकता है...

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📍नई दिल्ली/बीकानेर | 3 Oct, 2025, 7:48 PM

COAS Visits Forward Areas: भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को फॉरवर्ड इलाकों और बीकानेर मिलिट्री स्टेशन का दौरा कर सैनिकों की ऑपरेशनल रेडीनेस की रिव्यू की। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों और सैनिकों से मुलाकात की।

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दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी ने सेना के आधुनिकीकरण, कॉम्बैट प्रिपेयर्डनेस, टेक्नोलॉजिकल कैपेबिलिटी को मजबूत करने और ऑपरेशनल एक्सीलेंस पर भारतीय सेना के फोकस को दोहराया।

सैनिकों से की सीधी बातचीत

इस मौके पर थलसेना प्रमुख ने राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले वेटरंस को सम्मानित किया। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल हेम सिंह शेखावत (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट कर्नल बीरबल बिश्नोई (सेवानिवृत्त), रिसालदार भंवर सिंह (सेवानिवृत्त) और हवलदार नाकत सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल थे।

उन्होंने सभी रैंकों से संवाद किया और बदलते युद्ध के स्वरूप पर जोर देते हुए बताया कि भारतीय सेना कैसे अनमैंड एरियल सिस्टम्स और काउंटर-UAS टेक्नोलॉजीज को अपने ऑपरेशनल स्पेक्ट्रम में तेजी से शामिल कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव सेना को नई चुनौतियों के प्रति अधिक अनुकूल और तैयार बनाएगा।

बीकानेर में सैनिकों और वेटरंस को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने कठिन रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में डटे रहने वाले सैनिकों के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में काम करने के लिए न केवल शारीरिक क्षमता बल्कि मानसिक मजबूती, बेहतर समन्वय और टेक्नोलॉजी की समझ की भी आवश्यकता होती है।

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उन्होंने मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन के प्रभावी मॉडल की प्रशंसा की और कहा कि इस कॉर्डिनेशन ने ऑपरेशनल एफिशिएंसी को और बढ़ाया है।

थलसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और इस बदलाव से निपटने के लिए सभी स्तरों पर टेक्नोलॉजी एब्जॉर्प्शन को बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन सिस्टम्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसे क्षेत्रों में तेजी से इनोवेशन हो रहा है और भारतीय सेना इन तकनीकों को अपनी रणनीतियों में शामिल कर रही है।

उन्होंने बताया कि बदलते सुरक्षा परिदृश्य में भारतीय सेना का मकसद हर परिस्थिति में उच्च स्तरीय ऑपरेशनल तैयारी को बनाए रखना है।

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, उद्योग जगत, शैक्षणिक संस्थानों और समाज के बीच सीमलेस सिनर्जी बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्होल-ओएफ-नेशन एप्रोच को अपनाकर ही भारत अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बना सकता है।

उन्होंने मिलिटरी-सिविल फ्यूजन को लेकर पूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि वेटरन्स का अनुभव और समर्पण भारत की डिफेंस प्रिपेयर्डनेस को और मजबूती देता है और यह भारत की बैटलफील्ड डॉमिनेंस में अहम भूमिका निभाता है।

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