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Armed Forces Medical Services: आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज ने जारी की 18 करोड़ रुपये की बकाया पेंशन, वेटरंस और परिवारों को मिला हक

इस पहल से सबसे अधिक राहत उन परिवारों को मिली है जो लिबरलाइज्ड फैमिली पेंशन और स्पेशल फैमिली पेंशन जैसी श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं। शहीद जवानों के परिजन और विधवाओं को न सिर्फ बकाया राशि मिली बल्कि उनकी मासिक पेंशन में भी बढ़ोतरी हुई...

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📍नई दिल्ली | 30 Sep, 2025, 5:39 PM

Armed Forces Medical Services: भारतीय सेनाओं की मेडिकल विंग आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज (AFMS) ने वेटरंस और उनके परिवारों को एक बड़ी राहत दी है। सेना के डायरेक्टर जनरल मेडिकल सर्विसेज (आर्मी) के नेतृत्व में मेडिकल पर्सनल रिकॉर्ड सेक्शन ऑफिसर्स ने पेंशन से जुड़ी विसंगतियों का निपटारा करते हुए लगभग 18 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी कर दी है। इस पहल के बाद पेंशनभोगियों के न केवल पेंडिंग मामले निपटे हैं बल्कि उनकी मासिक पेंशन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

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यह पहल मुख्य रूप से उन मामलों पर केंद्रित रही जो वर्षों से लंबित थे। इनमें लिबरलाइज्ड फैमिली पेंशन, स्पेशियल फैमिली पेंशन, स्पेशियल फैमिली पेंशन, गैलेंट्री अवॉर्ड्स से जुड़ी आर्थिक सुविधाएं, और वन रैंक वन पेंशन संशोधन शामिल हैं। कई वेटरंस, वीर नारियां और शहीद जवानों के परिजन अपने हक की पेंशन और बकाया राशि से अनजान थे।

आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज ने एक कम्पैशनेट आउटरीच कैम्पेन चलाया, जिसके जरिए ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई और उनसे संपर्क साधा गया। इस प्रक्रिया में उन्हें दस्तावेजी मदद उपलब्ध कराई गई ताकि वे जल्दी से जल्दी अपने हक का पैसा प्राप्त कर सकें।

आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी पात्र वेटरंस और उनके परिवार स्पर्श SPARSH पोर्टल के माध्यम से खुद सत्यापित कर सकें। इसके अलावा डिफेंस पेंशन लाइजन सेंटर्स और मेडिकल पर्सनल रिकॉर्ड सेक्शन ऑफिसर्स ने विशेष हेल्प डेस्क बनाए, ताकि लाभार्थियों को हर स्तर पर सहायता मिल सके।

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इस पहल में डिजिटल पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया गया। सभी मामलों के लिए रियल-टाइम स्टेटस अपडेट्स और ग्रिवांस रीड्रेसल मैकेनिज्म शुरू किए गए, जिससे लाभार्थियों को अपनी फाइल की स्थिति पता चलती रही।

सीडीए पुणे और सीडीए इलाहाबाद की लायजन सेल्स में पर्सनलाइज्ड असिस्टेंस डेस्क बनाए गए, जहां परिवारों को दस्तावेजी सहायता दी गई और पेंशन वितरण की प्रक्रिया तेज की गई।

लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ मेडिकल सर्विसेज (आर्मी), ने इस पहल को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा, “कई वेटरंस और उनके परिवारों को यह जानकारी ही नहीं थी कि उन्हें बकाया राशि मिलनी है। पुरानी व्यवस्थाओं की वजह से यह भुगतान अटका हुआ था। हमने स्वयं आगे बढ़कर उनसे संपर्क किया, विवरण सत्यापित किया और सुनिश्चित किया कि जो उनका हक है वह उन्हें लौटाया जाए।”

इस पहल से सबसे अधिक राहत उन परिवारों को मिली है जो लिबरलाइज्ड फैमिली पेंशन और स्पेशल फैमिली पेंशन जैसी श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं। शहीद जवानों के परिजन और विधवाओं को न सिर्फ बकाया राशि मिली बल्कि उनकी मासिक पेंशन में भी बढ़ोतरी हुई। वहीं, ओआरओपी संशोधन के बाद जिन वेटरन्स को अतिरिक्त लाभ मिलना था, उन्हें भी अब सीधा फायदा पहुंचा है।

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