back to top
HomeIndian ArmyArmy Father’s Heartfelt Gift: सड़क हादसे में बेटे को खोया, सेना के...

Army Father’s Heartfelt Gift: सड़क हादसे में बेटे को खोया, सेना के जवान ने लिया बड़ा फैसला, अंगदान से छह लोगों को दी जिंदगी

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.19 mintue

📍नई दिल्ली | 19 Feb, 2025, 2:38 PM

Army Father’s Heartfelt Gift: बेटे को खोने का गम एक पिता के लिए कितना भारी होता है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। लेकिन जब दुख को हिम्मत में बदल दिया जाए, तो वही कहानी इंसानियत की मिसाल बन जाती है। सेना के हवलदार नरेश कुमार ने अपने 18 साल के बेटे अर्शदीप सिंह की एक हादसे में हुई असमय मौत के बाद जो कदम उठाया, उसने छह लोगों को नई जिंदगी दे दी।

Army Father’s Heartfelt Gift: Donates Son’s Organs to Save Lives After Tragic Accident

8 फरवरी 2025 को हुए एक सड़क हादसे में अर्शदीप गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके। बेटे को खोने के इस असहनीय दर्द के बीच भी हवलदार नरेश कुमार ने ऐसा फैसला लिया, जिसने न सिर्फ कई लोगों को बचाया, बल्कि समाज में अंगदान को लेकर एक बड़ी सीख भी दी।

16 फरवरी को उन्होंने अपने बेटे के लिवर, किडनी, अग्न्याशय (पैंक्रियास) और कॉर्निया को दान करने की सहमति दी। यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने सोचा कि अगर उनके बेटे का कोई अंग किसी और की जिंदगी संवार सकता है, तो इससे बड़ी श्रद्धांजलि कुछ नहीं हो सकती।

Army Father’s Heartfelt Gift: ग्रीन कॉरिडोर से मरीजों तक पहुंचाए अंग

अर्शदीप का लिवर और एक किडनी तुरंत ग्रीन कॉरिडोर के जरिए सेना अस्पताल रिसर्च एंड रेफरल, नई दिल्ली भेजा गया। दूसरी किडनी और लिवर पीजीआई चंडीगढ़ में ऐसे मरीज को ट्रांसप्लांट किए गए, जो टाइप-1 डायबिटीज और क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहा था। इसके अलावा, दो जरूरतमंदों को रोशनी देने के लिए उनके कॉर्निया सुरक्षित रखे गए।

इस पूरी प्रक्रिया में चंडीमंदिर स्थित कमांड हॉस्पिटल की मेडिकल टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह अस्पताल ऑर्गन ट्रांसप्लांट और ऑर्गन रिट्रीवल के लिए जाना जाता है। विशेषज्ञों ने हर जरूरी कदम उठाकर यह सुनिश्चित किया कि हर एक अंग सही समय पर सही मरीज तक पहुंचे।

यह भी पढ़ें:  Pinaka MBRL: भारतीय सेना का बड़ा फैसला! पिनाका रॉकेट सिस्टम को देगी तरजीह, महंगी आयातित मिसाइलों से बनाएगी दूरी

भारत में हर साल हजारों लोग अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में रहते हैं, लेकिन समय पर डोनर न मिलने के कारण कई जिंदगियां खत्म हो जाती हैं। हवलदार नरेश कुमार जैसे लोगों की प्रेरणादायक कहानियां इस धारणा को बदलने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने अपने बेटे को खोने के गम को किसी और की जिंदगी की उम्मीद बना दिया।

हवलदार नरेश कुमार का यह फैसला केवल एक पिता के साहस की कहानी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा भी है। उन्होंने अपने गम को सेवा में बदल दिया। यह कदम हमें सिखाता है कि मुश्किल हालात में भी हम दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कुछ कर सकते हैं।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

Most Popular

Share on WhatsApp