📍नई दिल्ली | 21 Nov, 2025, 12:20 PM
Indonesia’s Defense Minister is coming to Delhi- इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री श्याफ्री स्यामसोएद्दीन नवंबर के अंतिम सप्ताह में भारत दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ब्रह्मोस (BrahMos) सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से जुड़े बड़े रक्षा समझौते के महत्वपूर्ण फॉलो-अप के रूप में देखी जा रही है। इससे भारत के बढ़ते रक्षा निर्यात कार्यक्रम को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने पुष्टि की है कि यह वार्ता बेहद अहम है क्योंकि हाल के महीनों में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच लगातार उच्च स्तरीय संवाद हुए हैं। इंडोनेशिया ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली खरीदने में गहरी रुचि दिखा चुका है, जिसके चलते कूटनीतिक और रक्षा स्तर पर तेज़ी से बातचीत आगे बढ़ रही है।
राजनाथ सिंह ने क्या कहा
हाल ही में लखनऊ के एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि इंडोनेशिया ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए आधिकारिक रूप से अनुरोध भेज दिया है। यह मिसाइलें लखनऊ में बनी नई ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में तैयार की जा रही हैं।
18 अक्टूबर को श्री सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस यूनिट में बनी पहली खेप को रवाना किया। अधिकारियों का कहना है कि इंडोनेशिया के साथ यह संभावित डील भारत के रक्षा निर्यात में एक बड़ी उपलब्धि होगी, जो यह साबित करेगी कि भारत अत्याधुनिक और युद्ध-परीक्षित स्वदेशी हथियार आपूर्ति करने में सक्षम है।
इससे पहले 28 अक्टूबर को भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने जकार्ता में मंत्री स्यामसोएद्दीन से मुलाकात कर रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर सटीक प्रहार ने वैश्विक स्तर पर भारत की रक्षा क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ा दिया है।
इंडोनेशिया की यह रुचि उसके राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो की जनवरी में भारत यात्रा के बाद और मजबूत हुई है। वे गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा उत्पादन व सप्लाई चेन साझेदारी पर महत्वपूर्ण बातचीत कर चुके हैं।
उधर भारत 2022 में किए गए 375 मिलियन डॉलर के समझौते के तहत फिलीपींस को ब्रह्मोस की तीसरी और अंतिम खेप देने की तैयारी कर रहा है। साथ ही वियतनाम, मलेशिया सहित कई अन्य देशों से भी मिसाइल प्रणाली की बिक्री पर वार्ता जारी है।
राजनाथ सिंह ने पहले कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया है कि ब्रह्मोस केवल परीक्षण तक सीमित नहीं, बल्कि “राष्ट्रीय सुरक्षा का सबसे बड़ा प्रमाण” बन चुका है। उनके अनुसार पाकिस्तान का हर हिस्सा अब ब्रह्मोस की जद में है। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल 290 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता और मैक-2.8 की रफ्तार रखती है। इसे भारत की डीआरडीओ और रूस की NPO Mashinostroyenia ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
