📍बीजिंग | 17 Oct, 2025, 9:04 PM
China Military Purge: चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सेना में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एलान किया कि देश के दूसरे सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जनरल हे वेइदोंग समेत आठ दूसरे टॉप शीर्ष मिलिट्री कमांडरों को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, 68 वर्षीय हे वेइदोंग सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के उपाध्यक्ष और पार्टी की 24 सदस्यीय पोलितब्यूरो के सदस्य थे। वे चीन के मिलिट्री स्ट्रक्चर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बाद दूसरे सबसे ताकतवर अधिकारी माने जाते थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि हे वेइदोंग के साथ सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के सदस्य मियाओ हुआ को भी पार्टी और सेना से निकाल दिया गया है। इसके अलावा, सात अन्य पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में निष्कासित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने बताया कि इन अधिकारियों पर “पार्टी अनुशासन के गंभीर उल्लंघन और बड़े वित्तीय अपराधों” के आरोप लगे हैं। जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अत्यधिक धनराशि के लेनदेन में संलिप्तता दिखाई। प्रवक्ता के अनुसार, इन मामलों को अब सैन्य अभियोजन प्राधिकरण मिलिट्री प्रॉसिक्यूशन अथॉरिटीज को कानूनी समीक्षा और आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार है जब 1966-1976 के कल्चरल रिवॉल्यूशन के बाद किसी मौजूदा सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के जनरल को बर्खास्त किया गया है। हे वेइदोंग मार्च 2025 से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए थे, लेकिन उनकी जांच की जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई थी।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी बीजिंग में अपना फोर्थ प्लेनम सत्र आयोजित करने जा रही है। माना जा रहा है कि इन अधिकारियों की बर्खास्तगी को औपचारिक मंजूरी इसी बैठक में दी जाएगी।
चीन में बीते कुछ वर्षों से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में सेना और प्रशासनिक ढांचे में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार-रोधी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पहले भी कई हाई रैंकिंग सैन्य अधिकारियों, रक्षा उद्योग से जुड़े अधिकारियों और पार्टी सदस्यों को कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
शिन्हुआ एजेंसी के मुताबिक, यह कार्रवाई चीन के रक्षा संस्थानों में “पॉलिटिकल करेक्टनेस एंड पार्टी लॉयल्टी” को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक कड़ा कदम है।