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Explainer: क्या हैं भारतीय नौसेना के R11 और R33? जानें इंडियन नेवी का डुअल कैरियर बैटल ग्रुप, जिससे कांपते हैं चीन और पाकिस्तान!

20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली का त्यौहार भारतीय नौसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ मनाया। उस समय विक्रांत गोवा-करवार तट पर तैनात था...

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📍नई दिल्ली | 21 Oct, 2025, 8:01 PM

Explainer Indian Navy Aircraft Carriers: भारतीय नौसेना के दो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य भारत की समुद्री शक्ति की पहचान हैं। 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली का त्यौहार भारतीय नौसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ मनाया। उस समय विक्रांत गोवा-करवार तट पर तैनात था। यह दौरा सैनिकों के साथ दीवाली मनाने की उनकी 12 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा था। उनके इस दौरे के बाद आईएनएस विक्रांत की चर्चा चारों तरफ होने लगी। वहीं आईएनएस विक्रांत को R11 भी कहा जाता है।

PM Modi Diwali INS Vikrant: पीएम मोदी ने नौसेना के साथ INS विक्रांत पर मनाई दीपावली, कहा- ‘ऑपरेशन सिंदूर में उड़ाई थी पाकिस्तान की नींद’

Explainer Indian Navy Aircraft Carriers: आईएनएस विक्रांत- स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर

आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर यानी विमानवाहक पोत है, जो पूर्वी तट (बे ऑफ बंगाल) पर तैनात है। इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने डिजाइन और मैन्युफैक्चर किया है और इसे 2 सितंबर 2022 को कमीशन किया गया था। लगभग 45,000 टन वजन वाले इस युद्धपोत की लंबाई 262 मीटर है। इसमें चार जीई एलएम2500+ गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं, जो इसे 28 नॉट्स (52 किमी/घंटा) की रफ्तार देते हैं।

यह वॉरशिप स्टोबर यानी शॉर्ट टेक-ओफ बट अरेस्टेड रिकवरी सिस्टम पर आधारित है और इस पर 26 से 30 विमान तैनात किए जा सकते हैं। इनमें मिग-29के लड़ाकू विमान, एचएएल ध्रुव, एडवांस मल्टी-रोल मैरीटाइम हेलीकॉप्टर रोमियो यानी एमएच-60आर सीहॉक शामिल हैं। साथ ही नौसेना में भविष्य में शामिल होने वाले राफेल-एम भी इसी एयरक्राफ्ट पर तैनात किए जाएंगे। इसके हथियारों की बात करें तो इनमें बराक-8 मिसाइल सिस्टम, एके-630 क्लोज-इन वेपन सिस्टम और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम शामिल हैं।

आईएनएस विक्रांत में लगभग 76 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, जिसमें बीईएल, बीएचईएल, एल एंड टी, और जीआरएसई जैसी भारतीय कंपनियों का बड़ा योगदान रहा। यह जहाज भारत की मैरिटाइम सिक्योरिटी, आत्मनिर्भरता और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक प्रभुत्व का प्रतीक है।

क्या है पेनेंट नंबर

वहीं, आईएनएस विक्रांत को भी एक पेनेंट नंबर मिला है। पेनेंट नंबर की बात करें, तो यह एक खास तरह का कोड होता है, जो नौसेना के जहाजों (विशेष रूप से युद्धपोतों, विमानवाहकों, पनडुब्बियों आदि) को पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे हल नंबर या फ्लैग नंबर भी कहते हैं। यह नौसेना में जहाजों को अलग-अलग करने और उनकी क्लास (जैसे विमानवाहक, डिस्ट्रॉयर) को दर्शाने का तरीका है। पेनेंट नंबर में आमतौर पर एक अक्षर और संख्या होती है।

जैसे आर का मतलब विमानवाहक या एयरक्राफ्ट कैरियर होता है। वहीं, डी का मतलब डिस्ट्रॉयर और एफ का मतलब फ्रिगेट होता है।

आईएनएस विक्रांत का पेनेंट नंबर है R11

यहां “आर” का मतलब कॉमनवेल्थ नौसेनाओं में एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए इस्तेमाल होता है। जबकि “11” इसकी पहचान संख्या है। यह नंबर पुराने आईएनएस विक्रांत (1961-1997) से प्रेरित है, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी। जिसकी वजह से इसे R11 भी कहा जाता है।

रूस से खरीदा था आईएनएस विक्रमादित्य

आईएनएस विक्रमादित्य को भारतीय नौसेना का दूसरा एक्टिव एयरक्राफ्ट कैरियर है। यह रूस के कीव-क्लास युद्धपोत एडमिरल गोर्शकोव का अपग्रेडेड वर्जन है, जिसे भारत ने 2013 में कमीशन किया था। इसका वजन भी लगभग 45,400 टन है और यह भी स्टोबार सिस्टम पर काम करता है।

इस वॉरशिप पर भी मिग-29के लड़ाकू विमान और रूसी कोअक्सियल-रोटर हेलीकॉप्टर कामोव केए-31 एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल हेलीकॉप्टर तैनात हैं। इस शिप पर बराक-8 मिसाइल सिस्टम, एके-630 क्लोज-इन वेपन सिस्टम, और आधुनिक नेविगेशन एवं रडार सिस्टम लगाए गए हैं। इसकी अधिकतम गति 30 नॉट्स (55 किमी/घंटा) है।

आईएनएस विक्रमादित्य का पेनेंट नंबर है R33

वहीं आईएनएस विक्रमादित्य का पेनेंट नंबर R33 है। यह पश्चिमी नौसैनिक कमान (अरब सागर) का हिस्सा है और अरब सागर में भारत की सामरिक मौजूदी को मजबूत बनाता है। अप्रैल 2025 में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान यह पाकिस्तान की नौसेना पर रणनीतिक दबाव बनाए रखने के लिए अरब सागर में सक्रिय तैनाती पर था।

डुअल कैरियर बैटल ग्रुप का हिस्सा

आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना के डुअल कैरियर बैटल ग्रुप का हिस्सा हैं। दुनिया के केवल कुछ चुनिंदा देशों जैसे अमेरिका, चीन और ब्रिटेन के पास यह क्षमता है। इन्ही दोनों कैरियर्स की वजह से हिंद महासागर क्षेत्र में चौबीस घंटें भारत की मौजूदगी रहती है। 2024 में इन दोनों ने मिलकर पहली बार क्रॉस-डेक फ्लाइट आपरेशंस किए, जिसमें मिग-29के विमानों ने एक से दूसरे कैरियर पर उड़ान भरी और लैंडिंग की। इन जहाजों की संयुक्त तैनाती से भारतीय नौसेना अब इंडो-पैसिफिक कमांड स्ट्रक्चर में एक निर्णायक भूमिका निभा रही है।

पीएम मोदी ने देखी मिग-29के फाइटर जेट्स की सॉर्टी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर दौरे के दौरान नौसेना की ताकत को नजदीक से देखा। इस दौरान उन्होंने न केवल मिग-29के फाइटर जेट्स की सॉर्टी देखी, बल्कि, बराक-8 मिसाइल लॉन्च और पनडुब्बी ऑपरेशंस का प्रदर्शन देखा। उन्होंने नौसैनिकों और अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी तैयारियों की सराहना की। इस दौरान वे नौसैनिकों के साथ पारंपरिक ‘बड़ा खाना’ में भी शरीक हुए।

उन्होंने नौसेना कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि यह जहाज “21वीं सदी के भारत की शक्ति, मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतीक” है। पीएम ने यह भी कहा, “आईएनएस विक्रांत पर कल रात बिताई गई रात शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। मैंने आप सभी में जो अपार ऊर्जा और उत्साह देखा, वह अद्भुत था। जब मैंने आपका देशभक्ति गीत सुना, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर का वर्णन था, तो कोई शब्द जवान के युद्धक्षेत्र के अनुभव को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर सकता। मेरा दीवाली आपके बीच बिताना विशेष रहा।”

पाकिस्तान को “नींद हराम” की थी आईएनएस विक्रांत ने

उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को “नींद हराम” कर दी थी। और कुछ दिनों में उसे घुटनों पर ला दिया। ब्रह्मोस मिसाइल अकेले ही कुछ देशों को घबराहट में डाल देती है। उन्होंने आगे कहा, जिसका नाम ही दुश्मन के साहस का अंत कर दे, वह है आईएनएस विक्रांत। यह न केवल एक वॉरशिप है, बल्कि भारत की सेना की क्षमता का प्रतीक है। यह 21वीं सदी के भारत की मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि 2022 में कमीशनिंग के दिन हमने औपनिवेशिक प्रतीक को अलविदा कहा था। हमारा लक्ष्य भारत को दुनिया के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल करना है। 2014 से हर साल औसतन 40 नए युद्धपोत या पनडुब्बियां जुड़ी हैं।

स्ट्रीमपास्ट का हुआ आयोजन

वहीं, 20 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी के आईएनएस विक्रांत के दौरे के दौरान स्ट्रीमपास्ट का आयोजन भी हुआ। जिसमें लगभग 10 जहाजों ने हिस्सा लिया। स्ट्रीमपास्ट एक नौसैनिक परंपरा है, जिसमें नौसेना के जहाज एक विशेष क्रम में, आमतौर पर एक सीधी रेखा में, किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के सामने से गुजरते हैं। इसे नौसेना की ताकत, अनुशासन और समन्वय का प्रदर्शन करने के लिए आयोजित किया जाता है। यह एक तरह का औपचारिक ‘सैल्यूट’ या सम्मान है, जो समुद्री परेड की तरह होता है।

पीएम मोदी के सामने हुए स्ट्रीमपास्ट में इसमें आईएनएस विक्रमादित्य, डिस्ट्रॉयर्स आईएनएस कोलकाता, आईएनएस शिवालिक और पनडुब्बियां शामिल थीं। साथ ही मिग-29के और एमएच-60आर सीहॉक ने भी फ्लाईपास्ट किया।

Author

  • Harendra Chaudhary

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

    📍 Location: New Delhi, in
    🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

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