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Explainer: क्या है भारतीय सेना का ‘संभव’ स्मार्टफोन? LAC पर चीन से बातचीत के दौरान जवान करते हैं इस डिवाइस का इस्तेमाल

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📍नई दिल्ली | 21 Jan, 2025, 2:36 PM

Explainer Sambhav smartphones: भारतीय सेना ने अपने अधिकारियों को सिक्योर कम्यूनिकेशन के लिए करीब 30,000 ‘संभव’ स्मार्टफोन (‘Sambhav’ smartphones) उपलब्ध कराए हैं। इन स्मार्टफोन्स का उपयोग विशेष ऐप्स के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, इन फोन्स का इस्तेमाल अक्टूबर 2024 में चीन के साथ हुई बातचीत के दौरान भी किया गया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फोन्स के इस्तेमाल का खुलासा किया था।

Explainer Sambhav smartphones used by Indian Army

‘संभव’, का मतलब है Secure Army Mobile Bharat Version। यह एक पूरी तरह से स्वदेशी ‘एंड-टू-एंड सिक्योर मोबाइल इकोसिस्टम’ है। यह स्मार्टफोन 5G तकनीक पर आधारित है और पूरी तरह एन्क्रिप्टेड है, जिससे किसी भी संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रूप से साझा किया जा सकता है। यह प्रोजेक्ट 2023 में शुरू किया गया था और अब इसे सेना के ऑपरेशंस का अहम हिस्सा बना दिया गया है।

कैसे काम करता है ‘Sambhav’ smartphone?

भारतीय सेना के ‘संभव’ स्मार्टफोन्स का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि यह आधुनिक तकनीक के साथ सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। इन फोन्स में M-Sigma जैसे विशेष ऐप्स प्रीलोडेड होते हैं, जो WhatsApp जैसे पॉपुलर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स का सुरक्षित विकल्प हैं। M-Sigma का उपयोग संदेश, दस्तावेज़, फोटो और वीडियो को सुरक्षित तरीके से साझा करने के लिए किया जाता है।

इन फोन्स की खासियत यह है कि सभी जरूरी कॉन्टैक्ट नंबर पहले से ही इनमें सेव होते हैं। इससे अधिकारियों को नंबर मैन्युअली सेव करने की जरूरत नहीं पड़ती। इन फोन्स को भारतीय सेना ने प्रमुख शैक्षिक संस्थानों और इंडस्ट्री विशेषज्ञों के सहयोग से डेवलप किया है।

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सिक्योरिटी और कनेक्टिविटी पर खास जोर

संभव स्मार्टफोन्स के इस्तेमाल के बाद न केवल भारतीय सेना का कम्यूनिकेशन नेटवर्क तेज हुआ है, बल्कि पहले से ज्यादा सुरक्षित भी हुआ है। सैन्यू सूत्रों का कहना है कि इसके बाद जानकारी लीक होने की घटनाओं पर भी लगाम लगाई है। पहले सेना के कई अधिकारी WhatsApp जैसे एप्स का उपयोग करते थे, जिससे जानकारी के लीक होने की घटनाएं सामने आईं। लेकिन अब, इन नए स्मार्टफोन्स के जरिए ऐसी समस्याओं को पूरी तरह रोका जा सकता है।

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सेना ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ये स्मार्टफोन्स देश के प्रमुख मोबाइल नेटवर्क, जैसे जिओ और एयरटेल, के साथ पूरी तरह से काम करें। यह डिवाइस ऐसे क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम हैं, जहां नेटवर्क कनेक्टिविटी चुनौतीपूर्ण होती है।

LAC पर चीन से बातचीत में ‘संभव’ की अहम भूमिका

पिछले साल अक्टूबर में चीन के साथ हुई उच्च-स्तरीय बातचीत के दौरान भारतीय सेना ने ‘संभव’ स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया। सेना प्रमुख ने कहा कि इस तकनीक ने सिक्योर कम्यूनिकेशन सुनिश्चित किया और संवेदनशील जानकारी को लीक होने से बचाया। यह कदम खासकर उस समय महत्वपूर्ण हो जाता है, जब सेना को सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनाती के दौरान आधुनिक तकनीक और सुरक्षा दोनों की जरूरत होती है।

संभव स्मार्टफोन की खूबियां

  • संभव स्मार्टफोन 5G टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिससे तेज़ और भरोसेमंद कनेक्टिविटी मिलती है।
  • यह फुल एन्क्रिप्शन डिवाइस है, जो पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड है, जिससे जानकारी सुरक्षित रहती है।
  • मोबाइल नेटवर्क्स में ईव्सड्रॉपिंग (जानकारी चोरी) का खतरा रहता है। लेकिन ‘संभव’ की एन्क्रिप्टेड तकनीक इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाती है।
  • यह स्मार्ट नेटवर्क एग्नॉस्टिक है, यानी कि यह डिवाइस किसी भी नेटवर्क पर आसानी से काम कर सकती है।
  • वहीं इस फोन में इंस्टेंट कनेक्टिविटी का फीचर है, जिससे यह चलते-फिरते भी सुरक्षित और सुपर फास्ट कम्यूनिकेशन मिलता है।
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भारतीय सेना को मिले संभव स्मार्टफोन ने न केवल संचार को पूरी तरह सुरक्षित बनाया है, वहीं दूसरी ओर यह मॉर्डन वायरफेयर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। एक अधिकारी ने कहा, “मोबाइल नेटवर्क के जरिए जानकारी चोरी होने का खतरा हमेशा बना रहता है। संभव स्मार्टफोन के जरिए इस चुनौती को प्रभावी तरीके से हल किया गया है।”

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  • Explainer: क्या है भारतीय सेना का ‘संभव’ स्मार्टफोन? LAC पर चीन से बातचीत के दौरान जवान करते हैं इस डिवाइस का इस्तेमाल

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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