📍नई दिल्ली | 1 day ago
Operation Sindoor: पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत लाहौर में हुए एक कामिकाजे ड्रोन हमले में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचा है। पाकिस्तानी सेना की HQ-9 के एयर डिफेंस मिसाइल लॉन्चर यूनिट्स को गंभीर क्षति पहुंची है। वहीं, इस हमले में लाहौर के वाल्टन इलाके में 4 एयर डिफेंस रेजिमेंट (4 AD Regt) की अल्फा बैटरी के डिप्टी बैटरी कमांडर सहित पांच सैनिक मारे गए हैं। इसके अलावा, 4 AD रेजिमेंट की HQ-16 बैटरी पर एक ड्रोन हमले (UAV) ने बड़ा नुकसान पहुंचाया। सूत्रों के के अनुसार, भारतीय सेना ने दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने के लिए हरपी ड्रोनों का इस्तेमाल किया।
🚨 #OperationSindoor Update | India Responds, Pakistan Escalates 🇮🇳
At the 07 May press briefing, India clearly stated its response was focused, measured & non-escalatory, with no Pakistani military installations targeted. A warning was issued: Any attack on Indian military…— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) May 8, 2025
भारत ने 7 मई 2025 की रात शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस ऑपरेशन की प्रेस ब्रीफिंग में भारत ने अपनी कार्रवाई को केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक बताया था। भारत ने साफ किया था कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। साथ ही यह भी दोहराया गया कि भारत में सैन्य ठिकानों पर किसी भी हमले का उचित जवाब दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया, जिसके जवाब में भारत को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी।
Operation Sindoor: पाकिस्तान ने किया ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल
7-8 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इन ठिकानों में अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई, और भुज शामिल थे। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया। वहीं पुंछ में इन हमलों में जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ है। वहां 13 लोग मारे गए और 44 जख्मी हो गए।
लेकिन भारत की इंटीग्रेटेड काउंटर UAS ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम्स ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। इन हमलों का मलबा कई जगहों से बरामद किया गया है।
भारत ने लाहौर में की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान के हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 8 मई 2025 की सुबह पाकिस्तान में कई जगहों पर एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। भारत ने अपनी कार्रवाई को उसी तरह और उसी तीव्रता के साथ अंजाम दिया, जैसा पाकिस्तान ने किया था। सूत्रों से पक्की जानकारी मिली है कि लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। यह सिस्टम लाहौर जैसे बड़े शहर की हवाई रक्षा के लिए तैनात था।
पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम: HQ-9 और HQ-16
पाकिस्तान ने अपनी हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए चीन से HQ-9 और HQ-16 जैसी एडवांस मिसाइल सिस्टम खरीदे हैं। HQ-9 एक लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जो 200 किलोमीटर तक विमानों, ड्रोनों, और मिसाइलों को नष्ट कर सकता है। इसे “चाइनीज पैट्रियट” भी कहा जाता है, क्योंकि यह अमेरिका की पैट्रियट मिसाइल प्रणाली की तरह काम करती है। HQ-9 का रडार 300 किलोमीटर तक लक्ष्य का पता लगा सकता है और एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है।
वहीं, HQ-16 एक मध्यम दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जो 40 किलोमीटर तक विमानों और मिसाइलों को रोक सकता है। यह सिस्टम क्रूज मिसाइलों और ड्रोनों जैसे छोटे लक्ष्यों को नष्ट करने में माहिर है। पाकिस्तान ने इन प्रणालियों को अपनी सीमाओं, खासकर भारत से लगते इलाकों में तैनात किया था, ताकि भारतीय विमानों और मिसाइलों से अपनी रक्षा कर सके।
लाहौर में हमला: अल्फा बैटरी पर निशाना
सूत्रों के अनुसार, लाहौर के वाल्टन इलाके में 4 एयर डिफेंस रेजिमेंट (4 AD Regt) की अल्फा बैटरी पर बड़ा हमला हुआ। इस हमले में अल्फा बैटरी के डिप्टी बैटरी कमांडर सहित पांच सैनिक मारे गए। अल्फा बैटरी HQ-9 मिसाइल लॉन्चरों से लैस थी, जो लाहौर जैसे बड़े शहर की हवाई रक्षा के लिए तैनात थी। इस हमले में HQ-9 सिस्टम के रडार और लॉन्चर को भी भारी नुकसान पहुंचा है। सूत्रों का कहना है कि कई लॉन्चर पूरी तरह नष्ट हो गए। इससे लाहौर और आसपास के इलाकों का एयर डिफेंस कमजोर हो गया है।
HQ-16 बैटरी पर ड्रोन हमला
4 AD रेजिमेंट की एक दूसरी बैटरी, जो HQ-16 मिसाइलों से लैस थी, उस पर भी कामीकाजा ड्रोन (UAV) ने हमला किया। यह बैटरी भी लाहौर के पास तैनात थी। यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोनों और क्रूज मिसाइलों के खिलाफ कारगार है। लेकिन भारतीय ड्रोन हमले में यह बैटरी भी ढेर हो गई। सूत्रों के अनुसार, ड्रोन ने बैटरी के रडार और कमांड सेंटर को निशाना बनाया।
हरपी ड्रोन क्या हैं?
हरपी ड्रोन एक खास तरह का मानवरहित हवाई वाहन (UAV) है, जिसे इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने बनाया है। इसे “लॉइटरिंग मुनिशन” कहा जाता है, यानी यह ऐसा ड्रोन है जो दुश्मन के इलाके में मंडराता रहता है और सही समय पर हमला करता है। हरपी ड्रोन को खास तौर पर दुश्मन की हवाई रक्षा प्रणालियों, जैसे रडार सिस्टम, को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ड्रोन 32 किलोग्राम का विस्फोटक ले जा सकता है और इसमें एक खास “एंटी-रेडिएशन सीकर” होता है, जो रडार से निकलने वाली रेडियो तरंगों को ट्रैक करके हमला करता है।
हरपी ड्रोन की खासियत यह है कि यह पूरी तरह स्वचालित मोड में काम कर सकता है या फिर “मैन-इन-द-लूप” मोड में, जिसमें एक ऑपरेटर इसे कंट्रोल करता है। यह 6 घंटे तक हवा में रह सकता है और 500 किलोमीटर की दूरी तक हमला कर सकता है। इसका छोटा आकार और कम रडार सिग्नेचर इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करते हैं। भारत ने 2000 के दशक की शुरुआत से हरपी ड्रोनों का इस्तेमाल शुरू किया था, और 2009 में भारतीय वायुसेना ने 100 मिलियन डॉलर में 10 हरपी ड्रोन खरीदे थे।
हरपी ड्रोन का इस्तेमाल भारत की रणनीति का एक अहम हिस्सा है। ये ड्रोन दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को कमजोर करने में माहिर हैं। इन्हें “सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस” (SEAD) के लिए डिज़ाइन किया गया है, यानी दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करना ताकि भारतीय वायुसेना के विमान सुरक्षित रूप से ऑपरेशन कर सकें। हरपी ड्रोन ऑटोमैटिकली रडार सिग्नल्स को पकड़कर हमला करते हैं, जिससे वे बड़े रडार सिस्टम को आसानी से नष्ट कर सकते हैं।
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पाकिस्तान ने इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह इस नुकसान को छिपाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को “युद्ध की घोषणा” करार दिया था और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी।