Maha Kumbh 2025: भारतीय वायुसेना और सेना की तैयारियां जोरों पर, लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत को तैयार प्रयागराज

Maha Kumbh 2025: IAF and Indian Army Gear Up to Welcome Millions in Prayagraj
Credit: AI Image
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.7 mintue

📍नई दिल्ली | 7 months ago

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में अगले साल आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला 2025 की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है। इसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। अगले साल भी गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। वहीीं इस महाकुंभ को सफल बनाने के लिए भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना भी जी जान से जुटी हुई हैं। वायुसेना और सेना का उद्देश्य इस आयोजन को न केवल सुरक्षित बल्कि एक यादगार अनुभव बनाना है।

Maha Kumbh 2025: IAF and Indian Army Gear Up to Welcome Millions in Prayagraj
Credit: AI Image

Maha Kumbh 2025: भारतीय वायुसेना ने की जबरदस्त तैयारियां

भारतीय वायुसेना ने मेले के दौरान 24 घंटे की सेवाएं देने का वादा किया है। प्रयागराज का एयरफोर्स स्टेशन बमरौली इस आयोजन का मुख्य केंद्र बनेगा, जहां 20 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक नागरिक और चार्टर्ड उड़ानों का संचालन होगा। बमरौली स्टेशन पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम को CAT-II मानकों पर अपग्रेड किया गया है, ताकि कम विजिबिलिटी वाले सर्दियों के मौसम में भी उड़ानें सुचारू रूप से ऑपरेट हो सकें। इसके अलावा, वायुसेना ने प्रयागराज में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई है। जिसमें प्रयागराज में चार-लेन की सड़क और बेगम बाजार में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शामिल है। वायुसेना ने इस विकास कार्य के लिए अपनी जमीन भी ट्रांसफर की है और हवाई पट्टी की लंबाई को बढ़ाया है।

महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में किसी भी प्रकार की इमरजेंसी को देखते हुए वायुसेना ने मेला स्थल पर एक रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन टीम तैनात की है। यह टीम आधुनिक उपकरणों और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस होगी, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद दी जा सके। इस दौरान वायुसेना का ध्यान न केवल हवाई यातायात को सुगम बनाने पर होगा, बल्कि आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता प्रदान करने पर भी होगा। वायुसेना की प्रतिबद्धता को लेकर प्रयागराज में रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेड़कर ने कहा कि भारतीय वायुसेना की राष्ट्रीय सेवा, आपदा प्रबंधन और जनता की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

यह भी पढ़ें:  Indian Army Chief Nepal Visit: क्या नेपाली गोरखा भारतीय सेना में होंगे शामिल? जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेपाल में पूर्व गोरखा सैनिकों से की मुलाकात

Maha Kumbh 2025: भारतीय सेना ने बनाया 50-बेड का अस्पताल

भारतीय सेना ने भी महाकुंभ के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रयागराज के सैन्य अस्पताल में 50-बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, पुराने छावनी क्षेत्र में आपातकालीन स्थितियों के लिए 45 अतिरिक्त बेड का प्रबंध किया गया है। सेना ने मेला स्थल पर एक क्लास-1 मेडिकल असिस्टेंस पोस्ट स्थापित की है, जो घटनास्थल पर ही प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन सेवाएं प्रदान करेगी। इसके अलावा, ऑर्डनेंस डिपो फोर्ट में एक 24 घंटे कार्यरत मोबाइल निकासी टीम भी तैनात की गई है, जिसमें पांच बेड हैं, जिनमें से दो वेंटिलेटर से लैस हैं। इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को त्वरित और प्रभावी सहायता मिले।

Defence Ministry IAF: भारतीय वायुसेना की कमियों को दूर करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बनाई उच्चस्तरीय समिति

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल भारत के लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक और भक्त यहां आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के विशेष उपाय किए हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती यह सुनिश्चित करेगी कि हर तीर्थयात्री को सुरक्षित अनुभव मिले। यातायात प्रबंधन के लिए विशेष मार्ग और पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, ताकि मेला क्षेत्र और आसपास के इलाकों में भीड़भाड़ न हो।

यह भी पढ़ें:  Su-57 Vs F-35 में से किसे चुने भारत? पूर्व IAF और आर्मी चीफ ने कही ये बड़ी बात, पाकिस्तान के लिए FGFA नहीं, केवल मिसाइलें ही काफी हैं!

महाकुंभ मेला, जो 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, न केवल धार्मिक महत्व का आयोजन है, बल्कि यह भारत की सेवा और समर्पण का भी प्रतीक है। वायुसेना और सेना के योगदान से यह आयोजन न केवल सुरक्षित बनेगा, बल्कि यह लाखों लोगों के लिए एक अद्भुत और यादगार अनुभव भी होगा। यह मेला भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने का एक मंच बनेगा, जहां आस्था और सेवा का संगम होगा।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US