📍नई दिल्ली | 23 Nov, 2025, 1:48 PM
Indian Army Social Outreach: भारतीय सेना अब नए दौर की जरूरतों के अनुसार अपनी पूरी कम्युनिकेशन रणनीति बदल रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने महसूस किया कि युद्ध का मोर्चा अब सिर्फ सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया की टाइमलाइन पर भी खुल चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के कुछ मिनटों में ही इंटरनेट पर कई तरह की अफवाहें, एडिटेड वीडियो और भ्रामक पोस्ट वायरल हो गए थे। इससे साफ हो गया कि अब भारतीय सेना को युवाओं, खासकर जेन-जी, तक सीधे और तेज तरीके से पहुंचना होगा।
इसी बदलाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने अपनी सोशल मीडिया स्ट्रेटेजी को बिल्कुल नया रूप दिया है। अब सेना का कंटेंट केवल जानकारी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे युवाओं की भाषा, उनकी पसंद और उनके डिजिटल व्यवहार के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। सेना की नई पोस्ट्स में साफ दिखता है कि यह पुरानी पारंपरिक शैली से हटकर, अधिक क्रिएटिव और सोच-समझकर लिखी गई हैं। (Indian Army Social Outreach)
In the Shadows, only Steel tells the Truth
Hear The Sher (AK-203) Roar – India’s new signature sound
Atmanirbhar Steel, Crafted in India
Tactical #ASMR pic.twitter.com/HZZA1lK0jv
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 23, 2025
हाल ही में भारतीय सेना के आधिकारिक एक्स हैंडल से 29 सेकंड का एक वीडियो जारी किया गया। इसमें टॉप-एंगल शॉट में सैनिक एक ऑपरेशन की प्लानिंग करते दिखते हैं। इसके साथ आवाज आती है “वी डोन’ट चेज टार्गेट्स, वी न्यूट्रलाइज देम”। हालांकि यह मैसेज छोटा, तेज और जेन जी की स्क्रॉल करने वाली आदत के बिल्कुल अनुकूल है। कई लोग इन वीडियोज को ऑपरेशन सिंदूर 2 से जोड़कर देख रहे थे, लेकिन सेना ने स्पष्ट किया कि यह एक खास सोशल मीडिया अभियान का हिस्सा है। (Indian Army Social Outreach)
Watch some of the efforts of the #IndianArmy towards #NationBuilding.#NationFirst@DefenceMinIndia@SpokespersonMoD @HQ_IDS_India@NorthernComd_IA@ChinarcorpsIA@firefurycorps pic.twitter.com/mekYxf64hI
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 22, 2025
सेना अब छोटे, साफ और भरोसेमंद कंटेंट पर फोकस कर रही है। इसके लिए ट्रेनिंग रेंज से रियल-टाइम क्लिप, फैक्ट-बेस्ड एक्सप्लेनर, क्लीन ग्राफिक्स और ग्राउंड से मिलने वाले तेजी के अपडेट शेयर किए जा रहे हैं। सेना अब नए डिजिटल फॉर्मेट्स भी आजमा रही है, इनमें आटोनोमस सेंसरी मेरिडियन रिस्पोंस-स्टाइल वीडियोज, स्लो-मोशन ड्रिल फुटेज, गो-प्रो फर्स्ट-पर्सन शॉट्स, छोटे डॉक्यूमेंट्री-स्टाइल रील्स और सिपाहियों के छोटे इंटरव्यूज शामिल हैं। यह वही फॉर्मेट है जिसे जेन जी सबसे ज्यादा पसंद करता है। (Indian Army Social Outreach)
इस बदलाव का एक अहम कारण यह भी है कि आज की पीढ़ी तेजी से स्क्रॉल करती है और लंबा कंटेंट कम पढ़ती है। इसलिए सेना अपने मैसेज को उसी शैली में पेश कर रही है जिस तरह आज का युवा डिजिटल कंटेंट देखता और समझता है। सेना के अंदर भी अब एक नई सोच विकसित हो रही है, जिसे कॉग्निटिव वॉरफेयर का नाम दिया गया है। इसका मकसद है बिना प्रचार की लड़ाई में उतरे हुए, युवा दिमागों तक सही जानकारी, सही संदर्भ और सही संदेश पहुंचाया जाए। (Indian Army Social Outreach)
Watch some of the efforts of the #IndianArmy towards #NationBuilding.#NationFirst@DefenceMinIndia@SpokespersonMoD @HQ_IDS_India@NorthernComd_IA@ChinarcorpsIA@firefurycorps pic.twitter.com/mekYxf64hI
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 22, 2025
भारतीय सेना का यह नया तरीका अब एकतरफा संवाद नहीं है। यह बातचीत पर आधारित है। युवा सीधे सेना के पोस्ट्स पर सवाल पूछते हैं, सुझाव देते हैं और कई बार फील्ड एरिया में तैनात सैनिकों के प्रति अपना सम्मान भी व्यक्त करते हैं। सेना इस बातचीत को गंभीरता से लेती है और इसका जवाब भी उसी गंभीरता से देती है। इससे एक भरोसे का पुल बन रहा है जो पहले दिखाई नहीं देता था। (Indian Army Social Outreach)
Board Room pic.twitter.com/3Lz3bRwegH
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 9, 2025
कई हालियां संघर्षों में यह देखा गया है कि गलत जानकारी सच से पहले पहुंचती है। ऐसे माहौल में प्रभावी कम्युनिकेशन खुद एक तरह का सुरक्षा कवच बन जाता है। सेना की यह नई सोशल मीडिया रणनीति सिर्फ दिखावा नहीं है, बल्कि युद्ध की बदलती प्रकृति के अनुसार खुद को ढालने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भविष्य की सेना की तैयारियों का हिस्सा है, जिसमें फिजिकल वारफेयर, साइकोलॉजिकल वारफेयर एंड डिजिटल वारफेयर तीनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। (Indian Army Social Outreach)
भारत की युवा आबादी दुनिया की सबसे बड़ी है, और सेना चाहती है कि यह पीढ़ी सशक्त, जागरूक और सही जानकारी से लैस रहे। सेना की नई डिजिटल पहलों में यह बात लगातार दिखाई देती है कि वह युवाओं को संरक्षण नहीं, बल्कि जानकारी देकर सक्षम बनाना चाहती है। आधुनिक युद्ध में भरोसे की लड़ाई सबसे बड़ी होती है और सोशल मीडिया आज उस भरोसे की पहली लाइन बन चुका है। (Indian Army Social Outreach)
