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Indian Army AI Incubation Centre: बेंगलुरु में शुरू हुआ भारतीय सेना का एआई इनक्यूबेशन सेंटर; रक्षा क्षेत्र में तकनीकी क्रांति की नई शुरुआत

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📍नई दिल्ली | 18 Dec, 2024, 6:09 PM

Indian Army AI Incubation Centre: भारतीय सेना ने बेंगलुरु में भारतीय सेना एआई इनक्यूबेशन सेंटर (IAAIIC) का उद्घाटन किया है। यह कदम सेना के तकनीकी उन्नति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ (COAS), जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया, जो भारतीय सेना की नई तकनीकों को अपनाने और अपने कर्मियों को एआई से लैस करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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सेना की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक यह इनक्यूबेशन सेंटर सेना की तकनीकी प्रगति के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है, जिसका उद्देश्य परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना, एक AI-तैयार बल तैयार करना, और आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करना है। यह सेंटर भारतीय सेना के लिए डेटा-आधारित समाधानों को विकसित करेगा, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया, ऑपरेशनल दक्षता, और AI-आधारित युद्ध की तैयारी में सुधार होगा। इस केंद्र की स्थापना भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के सहयोग से की जा रही है, जो इसकी आधारभूत संरचना और आईटी समर्थन प्रदान करेगा।

Indian Army AI Incubation Centre: तकनीकी उन्नति की ओर कदम

IAAIIC का उद्घाटन भारतीय सेना के तकनीकी विकास की दृष्टि के साथ जुड़ा है। इसका उद्देश्य परिचालन क्षमता को बढ़ाना, एआई-तैयार सेना का निर्माण करना और आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहना है। यह सेंटर डेटा-आधारित समाधान विकसित करेगा, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया, परिचालन दक्षता और एआई-आधारित युद्ध के लिए तैयारी में सुधार होगा।

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भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का सहयोग

यह सेंटर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के सहयोग से स्थापित किया गया है। BEL इस सेंटर को आईटी सपोर्ट और बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा। वहीं, इस सेंटर को भारतीय सेना के कर्मियों द्वारा संचालित किया जाएगा।

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IAAIIC अकादमिक संस्थानों, स्टार्टअप्स, उद्योग जगत के नेताओं और डोमेन विशेषज्ञों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जहां सेना की आवश्यकताओं के अनुरूप स्वदेशी एआई समाधान विकसित किए जाएंगे।

यह सेंटर कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस, उन्नत निगरानी, निर्णय समर्थन प्रणाली और स्वायत्त प्लेटफॉर्म में एआई के अनुप्रयोगों का पता लगाएगा। सेंटर में सीडैक (C-DAC) का 1-पेटाफ्लॉप सुपरकंप्यूटर मौजूद होगा, जो एआई मॉडलिंग और प्रशिक्षण के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

साथ ही, यह सेंटर स्थानीय प्रतिभा को निखारने और विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम करने की दिशा में काम करेगा। IAAIIC भारत के रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा और सेना के लिए एआई विशेषज्ञों की एक नई पीढ़ी तैयार करेगा।

IAAIIC का उद्देश्य भारतीय सेना को बहु-डोमेन युद्ध के लिए तैयार करना है, जिससे इसे रक्षा तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सके।

AI और सेना का भविष्य

भारतीय सेना ने “डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन” (परिवर्तन का दशक) के तहत उन्नत तकनीकों को अपनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। IAAIIC इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल सेना की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि इसे अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताओं के साथ सशक्त बनाएगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस युग में, भारतीय सेना का यह कदम यह दर्शाता है कि वह न केवल आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। यह केंद्र भारत के आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में एक बड़ी छलांग है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर देश की रक्षा क्षमताओं को भी प्रदर्शित करेगा।

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आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम

यह केंद्र राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बैठाते हुए आत्मनिर्भर भारत के विचार को प्रोत्साहित करता है। IAAIIC के माध्यम से, भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और सैन्य एआई अनुप्रयोगों में नवाचार और उत्कृष्टता के नए मानदंड स्थापित करने का लक्ष्य है।

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  • Indian Army AI Incubation Centre: बेंगलुरु में शुरू हुआ भारतीय सेना का एआई इनक्यूबेशन सेंटर; रक्षा क्षेत्र में तकनीकी क्रांति की नई शुरुआत

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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