📍नई दिल्ली | 11 Nov, 2025, 6:19 PM
Cavalry Seminar 2025: भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आने वाले समय में युद्ध का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य के बैटल फील्ड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, डेटा एनालिटिक्स और मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस का बड़ा योगदान होगा।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित दो दिवसीय कैवेलरी सेमिनार 2025 में बोल रहे थे।
Cavalry Seminar 2025: भविष्य के युद्ध में जरूरी होगी “इंसान और मशीन” की साझेदारी
सेना प्रमुख ने कहा कि तकनीक जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से युद्ध की रणनीतियां भी बदल रही हैं। उन्होंने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कभी इंसान के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह इंसान को और अधिक सक्षम बनाती है। असली ताकत एक कमांडर की रचनात्मक सोच, उसकी सहानुभूति और समय पर सही फैसले लेने की क्षमता में होती है।” उन्होंने समझाया कि जब तकनीक को मानव नेतृत्व के साथ जोड़ा जाता है, तब युद्ध में जीत तय की जा सकती है।
Cavalry Seminar 2025: ऑपरेशन और रणनीति में बढ़ेगा एआई और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना 2032 तक पूरी तरह मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस में ट्रांसफॉर्म होने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसमें थल, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर सभी क्षेत्रों में तालमेल बनाकर युद्ध लड़ने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि सेना अब एआई-आधारित सिस्टम्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल तुरंत और सटीक फैसले लेने के लिए कर रही है।
लीडरशिप और इनोवेशन से बनेगी भविष्य की सेना
सेना प्रमुख ने कहा कि “भविष्य का युद्ध जीतने के लिए हमें सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि सोच, इनोवेशन और नेतृत्व में भी बदलाव लाना होगा।” उन्होंने कहा कि भारतीय सेना एक ऐसी ताकत बनना चाहती है जो तकनीक और इंसानी नेतृत्व दोनों के संतुलन से दुनिया के किसी भी युद्धक्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता बनाए रख सके।
यह दो दिवसीय सम्मेलन कैवेलरी ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका विषय था “मैकेनाइज्ड फोर्सेज ऑन द फ्यूचर बैटलफील्ड”। पहले दिन विशेषज्ञों ने टैंक टेक्नोलॉजी, इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, डीप टेक, ड्रोन ऑपरेशन और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे विषयों पर विचार साझा किए।
इस मौके पर कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि, और कर्नल एके शर्मा (रिटायर्ड) समेत इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स शामिल हुए। सेमिनार के आखिरी दिन लेफ्टिनेंट जनरल पीपी सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह और कई वरिष्ठ अफसरों ने “मेक इन इंडिया” के तहत डिफेंस सेक्टर में नई तकनीकों के डेवलपमेंट पर चर्चा की। सभी विशेषज्ञों का मानना था कि 2047 के विकसित भारत लक्ष्य को हासिल करने के लिए तकनीक, इनोवेशन और उद्योग-सेना के साझा प्रयास बेहद जरूरी हैं।
