📍नई दिल्ली | 17 Nov, 2025, 2:43 PM
laser anti drone system: भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना जल्द ही अपनी एंटी-ड्रोन क्षमता को और मजबूत करने जा रही हैं। दोनों सेनाएं 16 नए स्वदेशी लेजर एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने की तैयारी में हैं। ये सिस्टम ड्रोन को 2 किलोमीटर की दूरी से लेजर बीम से मार गिरा सकते हैं। रक्षा मंत्रालय इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने वाला है, जिसके बाद इन सिस्टम का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
laser anti drone system
यह नया सिस्टम डीआरडीओ के इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडीएस) मार्क-2 का अपडेटेड वर्जन है। इसमें 10 किलोवॉट लेजर बीम लगाई गई है, जो पहले की तुलना में दुश्मन ड्रोन को लगभग दोगुनी दूरी से निशाना बना सकती है। पहले वाले सिस्टम की रेंज करीब 1 किलोमीटर थी, लेकिन मार्क-2 अब 2 किलोमीटर से ड्रोन को नष्ट कर सकता है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किए जाने के बाद इन हाई-टेक सिस्टम की जरूरत और बढ़ गई। इसी को देखते हुए डीआरडीओ ने लेजर-बेस्ड डिफेंस टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया है।
डीआरडीओ ने हाल ही में डायरेक्ट एनर्जी वेपन सिस्टम का सफल परीक्षण भी किया है, जिसकी मारक क्षमता 5 किलोमीटर तक है। यह सिस्टम 30 किलोवॉट लेजर बीम से काम करता है और सेना के साथ मिलकर इसके ट्रायल जारी हैं।
भारत ने इस साल अप्रैल में पहली बार ऐसी लेजर तकनीक दिखाई, जो फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइल और स्वॉर्म ड्रोन तक को गिरा सकती है। यह ट्रायल आंध्र प्रदेश के करनूल में किया गया था, जहां चेस लैब ने व्हीकल बेस्ड लेजर वेपन सिस्टम DEW Mk-II (A) का सफल परीक्षण किया था। इस टेस्ट में लेजर ने ड्रोन के स्ट्रक्चर और सेंसर को निशाना बनाया था।
laser anti drone system विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक युद्धों में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है और इसलिए भारत को ऐसे इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम की काफी संख्या में जरूरत होगी। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने कहा था कि संगठन हाई-एनर्जी माइक्रोवेव, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स और कई नई तकनीकों पर भी काम कर रहा है, जो भविष्य में भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत बनाएंगी।
