📍मुंबई | 14 Oct, 2025, 12:23 PM
Lloyds Engineering MoU: इंजीनियरिंग सेक्टर की प्रमुख कंपनी लॉयड्स इंजीनियरिंग वर्क्स लिमिटेड ने भारत में ड्रोन बनाने को लेकर पोलैंड की कंपनी फ्लायफोकस के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां मिलकर भारत में फर्स्ट पर्सन व्यू (एफपीवी) ड्रोन बनाएंगी, जो विशेष रूप से स्पेशल ऑपरेशंस और अर्बन सिक्योरिटी मिशनों के लिए डिजाइन किए जाएंगे।
लॉयड्स इंजीनियरिंग ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि यह समझौता भारत की डिफेंस टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को और मजबूत करेगा। एफपीवी ड्रोन अत्याधुनिक अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) सिस्टम्स हैं, जो रियल-टाइम निगरानी और तेज जवाबी कार्रवाई में यूज किए जाते हैं।
कंपनी ने कहा कि इस एमओयू से भारत में शॉर्ट-रेंज टैक्टिकल ऑपरेशंस और रियल-टाइम रिकॉन्नेसेंस (जैसे मिशनों की क्षमताओं को और बढ़ावा मिलेगा।
लॉयड्स इंजीनियरिंग और फ्लायफोकस पहले से ही डिफेंडर ड्रोन प्रोग्राम में साथ काम कर रही हैं, जिसके तहत लॉन्ग-रेंज इंटेलिजेंस और सर्विलांस ड्रोन सिस्टम्स विकसित किए जा रहे हैं। अब दोनों कंपनियां एफपीवी ड्रोन सेगमेंट में कदम रख रही हैं, जो तेज़, हल्के और गतिशील मिशनों के लिए बनाए जाएंगे।
कंपनी ने कहा कि “डिफेंडर प्रोग्राम लंबी दूरी की निगरानी के लिए है, जबकि एफपीवी ड्रोन नजदीकी युद्ध, प्रशिक्षण, अर्बन सिक्योरिटी और विशेष अभियानों में उपयोग के लिए तैयार किए जाएंगे।”
इस एमओयू को भारत और पोलैंड के बीच रणनीतिक रक्षा सहयोग के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है। लॉयड्स इंजीनियरिंग ने कहा कि यह समझौता “भारत में रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता” को और मजबूत करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा।
दोनों कंपनियां भारत में एफपीवी ड्रोन के अडॉप्शन, डिजाइन और निर्माण पर साथ मिल कर काम करेंगी। यह पहल भारत को उच्च तकनीकी ड्रोन युद्ध क्षमता विकसित करने में मदद करेगी।
लॉयड्स इंजीनियरिंग भारत की एक प्रमुख इंजीनियरिंग और तकनीकी कंपनी है, जो रक्षा क्षेत्र में तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। कंपनी की विशेषज्ञता भारी औद्योगिक उपकरणों, रक्षा प्लेटफॉर्म्स और स्मार्ट मशीनरी के निर्माण में है।