📍नई दिल्ली | 10 Oct, 2025, 2:06 PM
Exercise Konkan 2025: भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं के बीच आयोजित कोंकण 2025 अभ्यास सफलतापूर्वक समाप्त हो गया। यह अभ्यास भारत के पश्चिमी तट पर आयोजित किया गया था और जिसमें आईएनएस विक्रांत और ब्रिटेन का विमानवाहक पोत एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स शामिल थे।
इस अभ्यास का सी फेज 5 से 8 अक्टूबर तक चला, जिसमें दोनों देशों की नौसेनाओं ने कई कॉम्प्लेक्स एंड हाई-लेवल मैरीटाइम आपरेशंस में हिस्सा लिया। इस दौरान युद्धपोतों, पनडुब्बियों, फाइटर जेट्स और समुद्री निगरानी विमानों ने एक साथ कई मिशन पूरे किए।
एक्सरसाइज कोंकण (Exercise Konkan 2025) भारत और ब्रिटेन के बीच एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। यह अभ्यास हर दो साल में आयोजित किया जाता है और अब यह भारत-यूके के बीच सबसे प्रमुख सैन्य सहयोग कार्यक्रमों में से एक बन चुका है।
2025 का संस्करण अब तक का सबसे बड़ा कोंकण अभ्यास माना जा रहा है। इसका उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच इंटरओपरेबिलिटी और स्ट्रेटेजिक कोआपरेशन और समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करना था।
⚓ Exercise KONKAN 25 concludes its Sea Phase with unmatched intensity and precision! 🌊
Indian and UK naval forces showcased seamless interoperability through high-tempo air, surface, and sub-surface operations – from tactical air warfare to coordinated ASW drills.
The phase… pic.twitter.com/eqAjfqMM9N— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) October 10, 2025
इस बार का अभ्यास खास इसलिए भी था क्योंकि इसमें पहली बार दोनों देशों के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स ने भाग लिया। भारत की ओर से स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और उसके साथ युद्धपोत, पनडुब्बियां और मिग-29के लड़ाकू विमान शामिल थे। वहीं, ब्रिटेन की ओर से एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने भाग लिया, जिसमें नॉर्वे और जापान की नौसेना इकाइयां भी शामिल थीं।
अभ्यास दो चरणों में आयोजित हुआ पहला हार्बर फेज, और दूसरा सी फेज। पहले चरण में दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारियों ने आपसी संवाद, तकनीकी बैठकें और पेशेवर विचार-विमर्श किया। इसमें जॉइंट वर्किंग ग्रुप और सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट सेशन आयोजित किए गए, जिनमें दोनों नौसेनाओं के विशेषज्ञों ने मिलकर अनुभव साझा किए।
हार्बर फेज में खेल प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जहाजों के परस्पर दौरे भी हुए, जिससे दोनों सेनाओं के बीच दोस्ती और सहयोग का माहौल मजबूत हुआ।
वहीं इस अभ्यास (Exercise Konkan 2025) का दूसरा चरण यानी सी फेज 5 अक्टूबर से शुरू हुआ और 8 अक्टूबर तक चला। इस दौरान दोनों नौसेनाओं ने कई जटिल समुद्री अभियानों का अभ्यास किया। इनमें एंटी-एयर, एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन वारफेयर जैसे ऑपरेशन्स शामिल थे।
भारतीय नौसेना के मिग-29के फाइटर जेट्स और ब्रिटेन के एफ-35बी स्टेल्थ फाइटर्स ने संयुक्त रूप से एयर कॉम्बैट और बियोंड विजुअल रेंज मुकाबले का प्रदर्शन किया। दोनों देशों के एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग हेलीकॉप्टर और मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट ने हवाई निगरानी और दुश्मन के लक्ष्यों को ट्रैक करने का अभ्यास किया।
इसके अलावा, समुद्र में जहाजों को ईंधन और सामग्री की आपूर्ति, सरफेस गनरी ड्रिल्स, और एंटी-सबमरीन वारफेयर जैसी गतिविधियां भी हुईं। इस दौरान भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों ने ब्रिटिश जहाजों के साथ समन्वित युद्धाभ्यास किया।
सी फेज (Exercise Konkan 2025) के दौरान ऑपरेशन्स इतने जबरदस्त थे कि इसे हाई ऑपरेशनल टेंपो कहा गया। यह अभ्यास बताता है कि भारतीय और ब्रिटिश नौसेनाएं अब किसी भी मल्टी डोमेन वॉर सिनारियो में मिलकर कार्य कर सकती हैं। दोनों सेनाओं के बीच संचार और सहयोग इतना सहज था कि इसे सीमलेस इंटरओपरेबिलिटी कहा गया। अभ्यास के अंतिम दिन एक औपचारिक स्टीमपास्ट सेरेमनी आयोजित की गई, जिसमें सभी जहाजों ने समुद्र में एक-दूसरे का पारंपरिक नौसैनिक अभिवादन किया। इसके बाद जहाज अपने-अपने बंदरगाहों की ओर रवाना हुए, जहां हार्बर फेज के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में भारत पहुंचा था, अभ्यास (Exercise Konkan 2025) समाप्त होने के बाद 12 अक्टूबर तक भारत में रहेगा। इसके बाद 14 अक्टूबर को यह समूह भारतीय वायुसेना के साथ एक दिवसीय संयुक्त हवाई अभ्यास करेगा। इससे वायु और नौसेना के बीच संयुक्त ऑपरेशनों की क्षमता और मजबूत होगी।