📍नई दिल्ली/देहरादून | 7 Oct, 2025, 12:08 PM
Tent-Based Homestay: उत्तराखंड के सीमावर्ती कुमाऊं सेक्टर में पर्यटन को बढ़ावा देने और सीमांत इलाकों के सामाजिक-आर्थिक विकास को मजबूत बनाने के लिए भारतीय सेना लगातार पहल कर रही है। ऑपरेशन सद्भावना के तहत सेना ने कुमाऊं के गरब्यांग गांव में टेंट बेस्ड होमस्टे (Tent-Based Homestay) की शुरुआत की है। 6 अक्टूबर को इस परियोजना का उद्घाटन उत्तर भारत एरिया के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने किया। यह पहल केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सीमांत इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करना और गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
Tent-Based Homestay – गरब्यांग गांव में टेंट बेस्ड होमस्टे
गरब्यांग गांव अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। हिमालय की गोद में बसा यह खूबसूरत इलाका बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओं और शांत घाटियों से घिरा हुआ है। इसे अक्सर “गेटवे टू शिवनगरी गूंजी” कहा जाता है। यहीं से दो प्रसिद्ध तीर्थ मार्ग निकलते हैं, एक आदि कैलाश की ओर तो दूसरा ओम पर्वत व कालापानी की तरफ। धार्मिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टि से यह उच्च हिमालयी क्षेत्र का अहम पर्यटन स्थल है।
होमस्टे परियोजना (Tent-Based Homestay) के उद्घाटन के मौके पर गांववालों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया और भारतीय सेना के इस प्रयास की सराहना की। ग्रामीणों ने बताया कि इस प्रकार की पहल से न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि पर्यटन से जुड़ी आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी।
🇮🇳✨ Indian Army Boosts Rural Tourism in Kumaon
In a major push for rural tourism and community empowerment, the Indian Army has inaugurated a tent-based homestay at Garbyang village in the Kumaon Sector under Operation Sadbhavna.
The initiative, aligned with the Vibrant Villages… pic.twitter.com/C48yOlqcNj— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) October 7, 2025
यह टेंट आधारित होमस्टे सुविधा भारतीय सेना ने तैयार की है और अब इसे स्थानीय ग्रामीणों को स्वतंत्र रूप से चलाने के लिए सौंप दिया गया है। इसका प्रबंधन गरब्यांग ग्राम समिति द्वारा किया जाएगा। पर्यटक यहां आ कर स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और जीवनशैली से भी रूबरू होंगे। टेंट का एक व्यक्ति के लिए प्रति रात का किराया 1000 रुपये रखा गया है, जिसमें भोजन भी शामिल है। बुकिंग के लिए 9410734276, 7579811930 और 9596752645 पर संपर्क किया जा सकता है।
गरब्यांग और इसके आस-पास का इलाका धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों से भरा हुआ है। यहां ओम पर्वत, कैलाश पर्वत (लिपुलेख दर्रे के रास्ते), कालिमाता मंदिर (जहां से काली नदी का उद्गम होता है), ऋषि व्यास गुफा, आदि कैलाश, पार्वती कुंड, गौरी कुंड और गूंजी स्थित रंग समुदाय संग्रहालय जैसे कई महत्वपूर्ण स्थल हैं। ये सभी स्थान देशी और विदेशी यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय सेना कुमाऊं के सीमावर्ती इलाकों में विकास के कई अन्य कार्य भी कर रही है। गांवों में विद्युतीकरण, हाइब्रिड सोलर प्लांट की स्थापना, चिकित्सा शिविरों का आयोजन, पॉलीहाउस की स्थापना और अन्य आधारभूत ढांचा परियोजनाएं सेना की प्रमुख पहलों में शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य सीमांत समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना, आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना और स्थानीय लोगों को राष्ट्र के विकास के साथ जोड़ना है।
टेंट आधारित होमस्टे परियोजना
गरब्यांग में शुरू की गई यह टेंट आधारित होमस्टे परियोजना (Tent-Based Homestay) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल पर्यटन को नई ऊंचाइयां देगी बल्कि सीमावर्ती इलाकों में समुदाय आधारित विकास मॉडल को भी मजबूत करेगी। यह पहल इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारतीय सेना केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वह स्थानीय समाज और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
