📍नई दिल्ली | 30 Sep, 2025, 1:15 PM
Rajnath Singh Celebrate Dussehra: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस साल दशहरा गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन पर जवानों के साथ मनाएंगे। 1 और 2 अक्टूबर को होने वाली इस यात्रा में वे सैनिकों के साथ समय बिताएंगे, उनके साथ भोजन करेंगे, शस्त्र पूजा करेंगे और तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास भी देखेंगे। यह केवल सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि पश्चिमी सीमा पर तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।
पहले दिन: बड़ा खाना और जवानों से बातचीत
1 अक्टूबर को राजनाथ सिंह भुज कैंटोनमेंट पहुंचेंगे। यहां वे बड़ा खाना कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यह सेना की पुरानी परंपरा है, जिसमें अधिकारी और जवान एक साथ भोजन करते हैं। यह आयोजन सैनिकों के बीच एकजुटता का प्रतीक है और अधिकारियों और जवानों के बीच समानता व पारस्परिक सम्मान का संदेश देता है।
रक्षा मंत्री इस मौके पर सैनिकों से उनकी समस्याएं और अनुभव भी सुनेंगे। सूत्रों के अनुसार, जवानों की सीधी बात सुनना और उनकी जरूरतों को समझना इस दौरे का अहम हिस्सा होगा।

दूसरे दिन: शस्त्र पूजा और युद्धाभ्यास
2 अक्टूबर को दशहरे के अवसर पर भुज मिलिट्री स्टेशन में शस्त्र पूजा की जाएगी। भारतीय सेना में विजयदशमी पर हथियारों की पूजा एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और योद्धा धर्म का प्रतीक है।
शस्त्र पूजा के बाद रक्षा मंत्री पाकिस्तान सीमा से लगे लक्की नाला क्षेत्र में होने वाले बड़े संयुक्त अभ्यास का निरीक्षण करेंगे। इस अभ्यास में भारतीय थल सेना, वायुसेना, नौसेना, तटरक्षक बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल होंगी। इस दौरान सीमा पर तैनाती, हवाई ताकत, नौसैनिक सहयोग और आपसी तालमेल का प्रदर्शन किया जाएगा।
पश्चिमी सीमा की सुरक्षा का केंद्र है भुज
भुज मिलिट्री स्टेशन केवल एक सैन्य अड्डा नहीं बल्कि भारत की पश्चिमी सीमा की सुरक्षा का केंद्र है। यह पाकिस्तान से सटे इलाके में स्थित है और यहां से कई अहम ऑपरेशन ऑपरेट किए गए हैं।
विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर में भुज की अहम भूमिका रही थी। इसके अलावा, हाल के वर्षों में पाकिस्तानी ड्रोन गतिविधियों की निगरानी और रोकथाम का काम भी यहीं से किया गया। इस वजह से रक्षा मंत्री का यह दौरा सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत में विजयदशमी पर हथियारों की पूजा करने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह न केवल धार्मिक आस्था बल्कि सैनिक संस्कृति का हिस्सा भी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिछले कई सालों से यह त्योहार अग्रिम मोर्चों पर सैनिकों के साथ मना रहे हैं।
पिछले साल उन्होंने पश्चिम बंगाल के सुकना, दार्जिलिंग स्थित 33 कोर मुख्यालय में शस्त्र पूजा की थी। इस बार उनका भुज दौरा यह संदेश देगा कि सरकार सैनिकों के साथ खड़ी है और उनकी भूमिका को सम्मान देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हर साल सैनिकों के साथ दीवाली मनाते हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दशहरे पर जवानों से मिलते हैं। इन परंपराओं ने सेना और सरकार के बीच भरोसे को और गहरा किया है।