📍पुणे/नई दिल्ली | 12 Sep, 2025, 1:55 PM
Lt Kashish Methwani: एक तरफ रैंप पर चलती चमक-धमक, स्पॉटलाइट और सिर पर सजे ताज की शान तो दूसरी तरफ खाकी वर्दी, अनुशासन और देश की रक्षा का संकल्प। पुणे की रहने वाली कशिश मेथवानी ने दोनों ही दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। 2023 में मिस इंटरनेशनल इंडिया का ताज जीतने वाली कशिश ने 2024 में भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट बनकर दिखा दिया कि नारी शक्ति किसी एक राह तक सीमित नहीं होती।
मिस इंटरनेशनल इंडिया 2023 का खिताब जीतने वाली काशिश मेथवानी अब एक नई पहचान के साथ सामने आई हैं। वह अब भारतीय सेना की अधिकारी हैं और लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त हो चुकी हैं। 6 सितंबर 2024 को उन्होंने चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में अपनी पासिंग आउट परेड पूरी की और सेना में शामिल हो गईं।

Lt Kashish Methwani: “मैंने या-या नहीं, बल्कि और-और चुना”
कशिश ने अपने एक TEDx टॉक में कहा था, “मैं या-या (either/or) की बजाय और-और चाहती थी। मैं मिस इंडिया भी बनना चाहती थी, वैज्ञानिक भी और ऑफिसर भी। मैं एक क्षेत्र नहीं चुनना चाहती थी। मुझे सबकुछ करना था और उसमें उत्कृष्टता हासिल करनी थी।” यही सोच उन्हें भीड़ से अलग करती है।
Lt Kashish Methwani: पढ़ाई से मॉडलिंग तक का सफर
कशिश मेथवानी ने सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की पढ़ाई की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु से न्यूरोसाइंस में न्यूरोसाइंस में थीसिस लिखी है। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने मॉडलिंग में भी अपना नाम कमाया और 2023 में मिस इंटरनेशनल इंडिया का खिताब जीतकर देशभर में सुर्खियां बटोरीं।

Lt Kashish Methwani: सेना की वर्दी पहनने का सपना
2024 में कशिश ने कॉम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज परीक्षा पास की और पूरे देश में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की। इसके बाद उन्होंने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में ट्रेनिंग शुरू की। 6 सितंबर 2024 को उनकी पासिंग आउट परेड हुई और वे आर्मी एयर डिफेंस (AAD) ब्रांच में लेफ्टिनेंट बनीं।

Lt Kashish Methwani: बचपन से ही सबकुछ करने की चाह
कशिश की मां शोभा मेथवानी, जो आर्मी पब्लिक स्कूल घोरपड़ी में टीचर हैं, कहती हैं—“आम तौर पर माता-पिता बच्चों को प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन हमारे यहां उल्टा था। कशिश खुद कहती थी कि मुझे हर प्रतियोगिता में भाग लेना है। उसे कभी परिणाम की चिंता नहीं होती थी।”
Lt Kashish Methwani: बहुमुखी प्रतिभा की मिसाल
24 वर्षीय काशिश ने अपने छोटे से जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। वह सिर्फ एक मॉडल या आर्मी ऑफिसर नहीं हैं। वे नेशनल लेवल पिस्टल शूटर और बास्केटबॉल खिलाड़ी भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वे तबला बजाने और भरतनाट्यम नृत्य करने में भी निपुण हैं। इतनी कम उम्र में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में खुद को साबित किया।

समाज सेवा में भी आगे
कशिश ने “क्रिटिकल कॉज” नामक एनजीओ की स्थापना की, जो प्लाज्मा और अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करता है। महामारी के दौर में उनकी इस पहल ने कई लोगों की मदद की।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का ऑफर ठुकराया
हारवर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी के लिए सिलेक्ट होने के बावजूद उन्होंने भारतीय सेना को चुना। उन्होंने ब्यूटी क्वीन की ग्लैमर्स दुनिया को छोड़कर सैनिक की वर्दी को चुना।
कशिश पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने परिवार से सेना में कदम रखा। उनके पिता डॉ. गुरमुख दास मेथवानी रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल क्वालिटी एश्योरेंस (DGQA) में वैज्ञानिक रहे हैं और वहां से डायरेक्टर पद से रिटायर हुए। उनकी मां शोभा आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ाती हैं।
कशिश की लंबी जुल्फें अब नहीं हैं। उनकी जगह अब बाल छोटे हैं और चेहरे पर आत्मविश्वास झलकता है। ताज से लेकर टोपी और अब आर्मी की बेरेट कैप तक, उनका सफर यह बताता है कि कशिश मेथवानी जैसी महिलाएं नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं।
