back to top
Sunday, August 31, 2025
HomeIndian ArmyIndian Army Restructuring: पाकिस्तान और चीन ने किया कोई दुस्साहस तो काल...

Indian Army Restructuring: पाकिस्तान और चीन ने किया कोई दुस्साहस तो काल बनेंगे भैरव कमांडोज! 23 बटालियन खड़ी करने की तैयारी, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने शुरू की री-स्ट्रक्चरिंग

सेना ने पहले चरण में पांच यूनिट्स खड़ी की हैं, जिनमें से तीन उधमपुर स्थित उत्तरी मोर्चे यानी नॉर्दन कमांड में लद्दाख, श्रीनगर और नागरोटा और एक पश्चिमी रेगिस्तानी सेक्टर और एक पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाके में तैनात की जा रही हैं...

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.16 mintue

📍नई दिल्ली | 30 Aug, 2025, 10:56 AM

Indian Army Restructuring: पाकिस्तान और चीन से एक साथ चुनौती झेल रही भारतीय सेना ने अपने स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव करते हुए भैरव कमांडोज (Bhairav Commandos) की बटालियन तैयार की है। इन्हें अक्टूबर के आखिर तक तैनात कर दिया जााएगा। इसके लिए सेना पूरी तैयारियों में जुटी है। सेना ने पहले चरण में पांच यूनिट्स खड़ी की हैं, जिनमें से तीन उधमपुर स्थित उत्तरी मोर्चे यानी नॉर्दन कमांड में लद्दाख, श्रीनगर और नागरोटा और एक पश्चिमी रेगिस्तानी सेक्टर और एक पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाके में तैनात की जा रही हैं। बता दें कि लद्दाख में 14 कोर, श्रीनगर में 15 कोर और नागरोटा में 16 कोर तैनात है।

Bhairav Vs Ghatak Platoon: क्या भैरव फोर्स के आने के बाद खत्म हो जाएगी बटालियन में घातक प्लाटून? जानिए क्या है सेना का असली प्लान?

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह कदम ऑपरेशन सिंदूर के बाद उठाया गया है। जिसमें पाकिस्तान ने चीन की मदद से भारत के खिलाफ रियल-टाइम इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी सपोर्ट का इस्तेमाल किया था। 7 से 10 मई तक चार दिनों तक इस युद्ध से भारतीय सेना को यह सबक मिला कि पुराने स्ट्रक्चर के साथ-साथ अब नई, तेज और हल्की यूनिट्स की जरूरत है, जो सीमा पर तुरंत कार्रवाई कर सकें और स्पेशल फोर्सेस को राहत दे सकें।

Indian Army Restructuring: ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख

मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना को दिखा दिया कि मॉडर्न वॉरफेयर का स्वरूप कितना बदल चुका है। ड्रोन, लाइट म्यूनिशंस, नेटवर्क्ड इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस ने यह साबित कर दिया कि दुश्मन को सीमा पार से भी रियल-टाइम मदद मिल सकती है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को भारतीय टुकड़ियों की मूवमेंट और हथियारों की तैनाती की जानकारी लगातार मुहैया कराई थी।

यह भी पढ़ें:  41 Years of Operation Meghdoot: अगर 2006 में UPA सरकार सियाचिन से पीछे हट जाती, तो आज लद्दाख के दरवाजे पर होते चीन-पाकिस्तान!

यही वजह रही कि सेना ने युद्ध के बाद तुरंत नए स्ट्रक्चर का एलान कर दिया। आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कहा कि अब सेना रूद्र ब्रिगेड्स, शक्तिबाण रेजिमेंट्स और भैरव बटालियन जैसे नए फॉर्मेशन खड़े करेगी।

Indian Army Restructuring: भैरव बटालियन में 250 जवान

भैरव कमांडोज दरअसल लाइट कमांडो बैटालियन है, जिनमें लगभग 250 जवान होंगे। ये रेगुलर इन्फैंट्री और पैरा स्पेशल फोर्सेस के बीच की कड़ी माने जा रहे हैं। सेना इन्हें अपने मौजूदा रेगुलर 415 इन्फैंट्री बटालियनों से चुन रही है। इसे सेव एंड रेज मॉडल कहा जा रहा है, यानी नई भर्ती के बजाय मौजूदा टुकड़ियों से सैनिक चुनकर इन्हें रीऑर्गेनाइज्ड किया जा रहा है।

योजना के मुताबिक मौजूदा सैनिकों से धीरे-धीरे 23 भैरव बटालियन खड़ी की जाएं। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल पहली पांच यूनिट्स 31 अक्टूबर तक तैयार करने का टारगेट रखा गया है। ये यूनिटें सेना की मौजूदा 10 पैरा-स्पेशल फोर्सेस और 5 पैरा (एयरबोर्न) बटालियनों के अतिरिक्त होंगी। इन प्रत्येक बटालियनों में करीब 620 सैनिक होते हैं, जिन्हें बेहद मुश्किल ट्रेनिंग के बाद चुना जाता है।

भैरव कमांडोज को लेटेस्ट वेपंस, गैजेट्स और ड्रोन से लैस किया जाएगा। इनका मकसद है तेजी से कार्रवाई करना, दुश्मन की पोजीशन पर हिट एंड रन ऑपरेशन करना और स्पेशल फोर्सेस को उन मुश्किल मिशनों के लिए खाली करना जिन्हें सामान्य सैनिक पूरा नहीं कर सकते। एक अन्य सूत्र ने बताया, “भैरव बटालियन में सात से आठ अधिकारी होंगे। भैरव कमांडो कई महीनों तक अपने-अपने रेजिमेंटल सेंटर्स में खास ट्रेनिंग लेंगे। इसके बाद उन्हें अपने-अपने इलाकों में तैनात स्पेशल फोर्सेस यूनिट्स के साथ एक महीने तक अटैच किया जाएगा, जहां उन्हें एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी।

यह भी पढ़ें:  Operation Zafran: बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत ने शुरू किया था ये टॉप-सीक्रेट मिलिट्री ऑपरेशन, पाकिस्तान को कर दिया था 'नजरबंद'

बता दें कि 27 अगस्त बुधवार को स्पेशल फोर्सेस ऑपरेशन्स के लिए एक नई ट्राई-सर्विसेज जॉइंट डॉक्ट्रिन जारी की थी। इस नए फॉर्मेशन में थलसेना की स्पेशल फोर्सेस के अलावा वायुसेना के लगभग 1,600 गरुड़ कमांडो (27 फ्लाइट्स में तैनात) और नौसेना के 1,400 से ज्यादा मरीन कमांडो (मार्कोस) को भी शामिल किया गया है।

Indian Army Restructuring: शक्तिबाण और दिव्यास्त्र

सेना के इस बड़े बदलाव में केवल कमांडोज ही नहीं, बल्कि आर्टिलरी की नई यूनिट्स भी शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि शक्तिबाण आर्टिलरी रेजिमेंट्स पूरी तरह से ड्रोन और लाइट म्यूनिशंस से लैस होंगी। हर रेजीमेंट में तीन बैटरियां होंगी दो मिड और लॉन्ग-रेंज लाइट म्यूनिशंस वाली और तीसरी स्वॉर्म ड्रोन और रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम यानी RPAS से लैस होगी।

इसके अलावा पुरानी आर्टिलरी रेजीमेंट्स में भी दिव्यास्त्र बैटरीज जोड़ी जा रही हैं। यानी अब हर आर्टिलरी रेजीमेंट में कम से कम एक ऐसी बैटरी होगी, जो रीयल-टाइम सेंसर टू शूटर मिशन को अंजाम दे सके। इसका मतलब यह है कि निगरानी से लेकर हमले तक की पूरी प्रक्रिया खुद यूनिट्स कर पाएंगी, और किसी बाहरी इंटेलिजेंस पर निर्भर नहीं रहेंगी।

Indian Army Restructuring: रूद्र ब्रिगेड्स का गठन

इसी क्रम में सेना ने रूद्र ऑल-आर्म्स ब्रिगेड्स भी खड़ी की हैं। इन ब्रिगेड्स में इन्फैंट्री, आर्मर, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, आर्टिलरी, इंजीनियर्स, एयर डिफेंस, UAVs और स्पेशल फोर्सेस सब एक ही फॉर्मेशन में लाए जाएंगे। यह ब्रिगेड्स पारंपरिक इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (IBGs) से अलग होंगी। जहां IBG को मेजर जनरल लीड करते हैं, वहीं रूद्र ब्रिगेड्स को ब्रिगेडियर लीड करेंगे। यह साइज में सामान्य ब्रिगेड से बड़ी लेकिन डिवीजन से छोटी होंगी।

यह भी पढ़ें:  Army convoy accident in Ladakh: लद्दाख के गलवान में सेना के काफिले पर गिरा बोल्डर, एक अफसर और एक जवान शहीद, तीन अधिकारी गंभीर रूप से जख्मी

Indian Army Restructuring: क्यों अहम है यह बदलाव

सेना के जानकारों का कहना है कि युद्ध के समय स्पेशल फोर्सेस को कई बार छोटे-छोटे मिशनों में लगाना पड़ता है। इससे उनकी क्षमता बड़े मिशनों पर कम हो जाती है। भैरव कमांडोज इस गैप को भरेंगे। साथ ही शक्तिबाण रेजिमेंट्स और दिव्यास्त्र बैटरीज बैटलफील्ड को पूरी तरह नेटवर्क्ड बना देंगी, जहां हर तोप और हर ड्रोन सीधे सेंसर डेटा के आधार पर काम करेगा। इस तरह सेना का यह कदम पोस्ट-सिंदूर वॉर री-स्ट्रक्चरिंग है, जिसमें पुराने स्ट्रक्चर को बदले बिना मौजूदा संसाधनों को नए तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

Most Popular

Recent Comments

Share on WhatsApp