📍नई दिल्ली | 5 days ago
Baisaran Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के लिंक सबके सामने हैं। यह आतंकी लिंक कितना गहरा और खतरनाक है, इसकी जांच-पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। जांच में अब सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इस कश्मीर आतंकी हमला की साजिश पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलाकोट शहर में रची गई थी। पहलगाम आतंकी हमला के पीछे लश्कर-ए-तैइबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), और लश्कर की शाखा ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का हाथ है, जिन्हें पाकिस्तानी सेना और ISI का पूरा सपोर्ट था। रावलाकोट में खुलेआम आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं, जिनकी निगरानी पाकिस्तान की सेना करती है।
Baisaran Terror Attack: आतंक का एक्सपोर्ट हब बना रावलाकोट
पाक अधिकृत कश्मीर के रावलाकोट के निवासी और मानवाधिकार कार्यकर्ता औऱ कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के नेता सरदार नासिर अजीज खान ने सनसनीखेज खुलासा किया है। नासिर, जो अब यूरोप में शरण लिए हुए हैं, उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमला (Baisaran Terror Attack) की योजना रावलाकोट में एक गुप्त बैठक में बनाई गई। इस बैठक में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और ISI के अधिकारी शामिल थे। नासिर के पास एक वीडियो भी है, जिसमें आतंकी सरगनाओं और ISI के बीच साजिश की बातचीत दर्ज है। वीडियो में लश्कर के उपप्रमुख सैफुल्लाह और कमांडर अबू मूसा की भड़काऊ भाषणबाजी साफ सुनाई देती है।
18 अप्रैल को रावलाकोट के खाई गाला में आयोजित एक रैली में अबू मूसा ने कहा, “भारत ने अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश की। तुमने 10 लाख सैनिक तैनात किए। तुम पुलवामा, पुंछ, राजौरी में ‘राम राम’ की गूंज चाहते हो। लश्कर-ए-तैयबा तुम्हारी इस चुनौती को स्वीकार करता है। इंशाल्लाह, हम गोलियां बरसाएंगे, तुम्हारी गर्दनें काटेंगे और अपने शहीदों के बलिदान का सम्मान करेंगे।” यह भाषण पहलगाम हमले (Baisaran Terror Attack) से चार दिन पहले दिया गया था।
Baisaran Terror Attack: हमले के बाद गुपचुप PoK पहुंचे थे मुनीर
नासिर ने खुलासा किया कि जनरल असीम मुनीर 24 अप्रैल, 2025 को PoK के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में पहुंचे। यह दौरा भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने, अटारी बॉर्डर बंद करने, और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के अल्टीमेटम के ठीक एक दिन बाद हुआ। मुनीर का यह दौरा गुप्त था, और इसे लेकर आधिकारिक तौर पर पाकिस्तानी सेना या सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया। मुनीर ने वहां PoK में उच्च-स्तरीय सैन्य अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के साथ एक गुप्त बैठक की। इस बैठक का मकसद PoK में चल रहे आतंकी प्रशिक्षण शिविरों की स्थिति का जायजा लेना और भारत के कड़े कदमों के जवाब में रणनीति तैयार करना हो सकता है। वहीं, मुनीर का PoK जाना यह भी बताता है कि पाकिस्तान खुद को अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचाने के लिए ‘सुरक्षित लॉन्चिंग’ और ‘डिनायल नेटवर्क’ की रणनीति पर काम कर रहा है। यानी आतंकियों को सक्रिय तो रखा जाएगा, लेकिन सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना या आईएसआई के जुड़ाव के सबूत छोड़ने से बचने की कोशिश होगी।
नासिर का कहना है कि पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में स्वीकार किया था कि वे आतंकियों को प्रशिक्षण देते हैं और कश्मीर भेजते हैं। वर्तमान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी इस नीति को जारी रखे हुए हैं।
Shocking!
Pakistan’s Defence Attaché in London, Col Taimur Rahat, publicly gestures to slit the throats of Indian protestors.
An Army officer behaving no different from a street terrorist—openly celebrating the #PahalgamAttack. #PahalgamTerrorAttack
Shameful and alarming!… pic.twitter.com/fHvtKdKITw— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) April 26, 2025
बता दें कि जनरल असीम मुनीर हाल के महीनों में अपनी भड़काऊ बयानबाजी के लिए चर्चा में रहे हैं। 15 अप्रैल, 2025 को एक मदरसा छात्र के रूप में उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की “गले की नस” बताया और दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया। 16 अप्रैल को दिए एक और भाषण में उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान कभी एक साथ नहीं रह सकते। एक पूर्व पाकिस्तानी सेना में अफसर रहे अफसर आदिल रजा ने दावा किया था कि यह हमला मुनीर के व्यक्तिगत आदेश पर हुआ, हालांकि उन्होंने इसे व्यक्तिगत कार्रवाई बताकर पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदारी से मुक्त करने की कोशिश की। भारतीय खुफिया सूत्रों ने भी मुनीर को (Baisaran Terror Attack) हमले का मास्टरमाइंड बताया और कहा कि वह कश्मीर मुद्दे को प्राथमिकता देकर पाकिस्तान के आंतरिक संकटों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, PoK में वर्तमान में 42 आतंकी लॉन्च पैड सक्रिय हैं, जहां करीब 130 आतंकी मौजूद हैं। मुनीर का दौरा इन शिविरों की गतिविधियों को और तेज करने या उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश हो सकता है, खासकर तब जब भारत ने इन शिविरों को निशाना बनाने की बात कही है।
Baisaran Terror Attack: खुले आम आतंकी निकालते हैं रैलियां
नासिर ने साफ शब्दों में कहा कि रावलाकोट और पीओके के दूसरे इलाकों को ‘लॉन्चिंग पैड’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां से आतंकवादियों को ट्रेनिंग देकर भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि रावलाकोट और मुजफ्फराबाद में चल रहे आतंकी शिविरों को न केवल ISI बल्कि पाकिस्तानी सेना भी समर्थन देती है। उन्होंने बताया कि ये संगठन खुले तौर पर रैलियां निकालते हैं, हथियार लहराते हैं और भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तानी सरकार नहीं चाहे, तो एक चिड़िया भी पर नहीं मार सकती। लेकिन ये आतंकी संगठन हजारों की संख्या में रैलियां निकालते हैं, हथियारों के साथ। यह साफ है कि उनके पीछे कौन है।”
Baisaran Terror Attack: बच्चों का अपहरण कर बनाते हैं आतंकी
नासिर ने बताया कि रावलाकोट और मुजफ्फराबाद में आज भी आतंकी प्रशिक्षण शिविर सक्रिय हैं, जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऑपरेट करती है। इन शिविरों में गरीब बच्चों को मदरसों से अपहरण कर प्रशिक्षण शिविरों में ले जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है और फिदायीन बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले रावलाकोट (Baisaran Terror Attack) के पास रावलाबाग से 22 किशोर बच्चे, जो मदरसों में पढ़ते थे, अचानक गायब हो गए। जब उनके माता-पिता ने विरोध शुरू किया, तो स्थानीय प्रशासन ने कहा कि बच्चे “प्रशिक्षण” के लिए गए हैं और जल्द लौट आएंगे। लेकिन उनमें से कोई भी बच्चा वापस नहीं लौटा। नासिर ने कहा, “ये बच्चे आतंकी बनाए जाते हैं। उनके नाम बदल दिए जाते हैं, और कई बार तो उन्हें प्रशिक्षण के दौरान ही मार दिया जाता है।” नासिर ने कहा, “ये बच्चे निर्दोष हैं। उन्हें ब्रेनवॉश कर फिदायीन बनाया जाता है। यह मानवता के खिलाफ अपराध है।”
Baisaran Terror Attack: PoK में चीनी कंपनियां कर रही हैं खनिजों की लूट
नासिर ने बताया कि PoK में प्राकृतिक संसाधनों की लूट हो रही है। रावलाकोट और गिलगित-बल्तिस्तान (Baisaran Terror Attack) में सोने की खदानें, यूरेनियम और अन्य कीमती खनिज पाए गए हैं। लेकिन इन संसाधनों का दोहन पाकिस्तान की सरकार और सेना चीनी कंपनियों के जरिए कर रही है। नासिर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार, PoK एक विवादित क्षेत्र है, और पाकिस्तान का इन संसाधनों पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है। फिर भी, पाकिस्तान ने चीनी कंपनियों को खनन, बांध निर्माण और बिजली परियोजनाओं के लिए खुली छूट दे रखी है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह खुद इन परियोजनाओं को नहीं चला सकता। इसलिए उसने चीन को PoK में खुली छूट दी है।” उन्होंने कहा कि चीन की मौजूदगी PoK में न केवल खनन तक सीमित है, बल्कि CPEC परियोजनाओं और बांध निर्माण में भी उसकी भागीदारी है। नासिर ने कहा कि PoK की जनता को इन संसाधनों का कोई लाभ नहीं मिलता।
Baisaran Terror Attack: PoK में गरीबी और बेरोजगारी चरम पर
नासिर ने PoK की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि PoK की कुल आबादी लगभग 50 लाख है, जिसमें से 20 लाख लोग रोजगार की तलाश में खाड़ी देशों और मध्य पूर्व में पलायन कर चुके हैं। वहां न उद्योग हैं, न रोजगार के अवसर। सरकारी नौकरियां केवल उन लोगों को मिलती हैं, जो पाकिस्तान के प्रति वफादारी की शपथ लेते हैं। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति बदहाल है। 2005 के भूकंप के बाद यूएई ने रावलाकोट और मुजफ्फराबाद में अस्पताल बनाए थे, लेकिन वहां की आधुनिक मशीनें भी हटा ली गईं, क्योंकि उन्हें चलाने वाला कोई नहीं था। नासिर ने कहा, “जो लोग विदेशों से पैसा कमाते हैं, वे निजी स्कूलों और अस्पतालों का खर्च उठा सकते हैं। लेकिन गरीबों के बच्चे या तो मदरसों में जाते हैं या आतंकी शिविरों में जबरन भेज दिए जाते हैं।”
सरदार नासिर अजीज खान ने भारत और खासकर कश्मीर के मुस्लिमों (Baisaran Terror Attack) की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमानों ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ और शांति के पक्ष में खड़े होने का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में “हिंदू-मुस्लिम भाईचारे” के नारे लगना इस साजिश का सबसे करारा जवाब है, जो पाकिस्तान रचने की कोशिश कर रहा है।
कोकेरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे थे आतंकी
बता दें कि पहलगाम हमले (Baisaran Terror Attack) में छह आतंकियों ने किश्तवाड़ से होते हुए कोकेरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचकर 26 लोगों को गोलियों से भून डाला। ये आतंकी स्थानीय सहयोगियों यानी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) की मदद से पर्यटकों के बीच घुसे और इस हमले को अंजाम दिया। जांच में पता चला कि आतंकियों ने अप्रैल के पहले सप्ताह में पहलगाम के पर्यटक स्थलों और होटलों की रेकी की थी। पहलगाम हमले में आतंकियों ने अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार M4 राइफल का इस्तेमाल किया, जो आमतौर पर अमेरिकी और नाटो सैनिकों द्वारा उपयोग किया जाता है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, ये हथियार अफगानिस्तान से तस्करी के जरिए PoK पहुंचे। जब अमेरिका ने 2021 में अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाई, तो लगभग 80 बिलियन डॉलर के हथियार वहां छोड़ दिए गए। तालिबान के कब्जे के बाद ये हथियार विभिन्न आतंकी संगठनों के हाथ लगे, जिन्हें ISI के जरिए PoK में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाया गया।
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‘अल्पाइन क्वेस्ट’ एप हो रही मददगार
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि पहलगाम हमले (Baisaran Terror Attack) में आतंकियों ने ‘अल्पाइन क्वेस्ट’ नामक एक एन्क्रिप्टेड नेविगेशन ऐप का इस्तेमाल किया। यह एप एडवांस जीपीएस मैपिंग और ऑफलाइन ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है, जिसकी मदद से आतंकी घने जंगलों से होकर पहलगाम पहुंचे और भारतीय सुरक्षा बलों की नजरों से बचे रहे। सूत्रों के मुताबिक, इस एप को पाकिस्तानी सेना की देखरेख में बनाया गया था ताकि भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी से बचा जा सके। आतंकियों को इस एप के इस्तेमाल की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे मुश्किल इलाकों में आसानी से रास्ता ढूंढ सकें।