📍अंकारा | 1 Dec, 2025, 1:33 PM
Bayraktar KIZILELMA: तुर्की ने हाल ही में पहली बार अनमैन्ड फाइटर जेट के जरिए हवा से हवा में मिसाइल दागकर एक जेट इंजन वाले एरियल टारगेट को निशाना बनाया है। तुर्की की डिफेंस कंपनी बेकर ने 30 नवंबर को एलान किया कि उसके अनमैन्ड फाइटर जेट बयरक्टर किजिलेलमा (Bayraktar KIZILELMA) ने पहली बार हवा से हवा में मिसाइल दागकर सिंगल जेट इंजन वाले एरियल टारगेट को मार गिराने में सफलता हासिल की है।
तुर्की की ओर से यह उपलब्धि एविएशन हिस्ट्री में बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि दुनिया में अब तक किसी भी अनमैन्ड फाइटर जेट ने हवा में उड़ते तेज रफ्तार टारगेट पर एयर-टू-एयर मिसाइल नहीं दागी थी।
यह टेस्ट तुर्की के सिनोप फायरिंग एरिया में किया गया, जहां किजिलेलमा ने उड़ान भरकर अपना पूरा एयर-कॉम्बैट प्रोफाइल दिखाया। तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहे टारगेट एयरक्राफ्ट को किजिलेलमा में लगे नये पीढ़ी के मुराद एईएसए रडार ने उसे ट्रैक किया। रडार ने जैसे ही टारगेट को लॉक किया, विमान में लगी गोकडोगन एयर-टू-एयर मिसाइल को लॉन्च कर दिया गया। कुछ ही सेकंड में मिसाइल ने टारगेट को हवा में भेद दिया। इस मिसाइल को तुर्की की रक्षा रिसर्च एजेंसी तुबितक सेज ने डेवलप किया है।
इस पूरे परीक्षण के दौरान किजिलेलमा किसी भी मानव पायलट के बिना खुद उड़ान भरता रहा, टारगेट पहचान, और हथियार लॉन्च करने की क्षमता दिखाता रहा। इसे आधुनिक समय में “फुल्ली-ऑटोनोमस एयर कॉम्बैट” की दिशा में बढ़ाया गया सबसे बड़ा कदम बताया गया है।
बेकर ने बताया कि इस परीक्षण में विमान, रडार और मिसाइल तीनों ही पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित थे। अभी तक दुनिया में अधिकतर अनमैन्ड विमान केवल जमीन पर या समुद्र पर लक्ष्य साधने के लिए बनाए गए थे, लेकिन हवा-से-हवा में हमला कर पाना किसी भी देश के लिए एक बड़ी तकनीकी चुनौती माना जाता है।
किजिलेलमा की उड़ान के साथ तुर्की वायुसेना के पांच एफ-16 फाइटर जेट्स भी आसमान में दिखे। इन विमानों ने किजिलेलमा के साथ फॉर्मेशन फ्लाइट की। जो इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में पायलट वाले और अनमैन्ड फाइटर जेट एक साथ किसी मिशन में शामिल हो सकेंगे। जिसे सैन्य भाषा में “मैन्ड-अनमैन्ड टीमिंग” कहा जाता है।
किजिलेलमा को बेकर ने अपने “मीयूस” (MIUS – Milli Insansiz Ucak Sistemi) यानी नेशनल अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम कार्यक्रम के तहत डेवलप किया है। यह जेट इंजन से चलने वाला पहला अनमैन्ड फाइटर है जो स्टील्थ डिजाइन यानी कम रडार सिग्नेचर के साथ उड़ता है। जिससे रडार पर इसे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।
यह विमान जमीन से ही नहीं बल्कि एयरक्राफ्ट कैरियर से भी उड़ान भर सकता है। कंपनी के अनुसार, यह आने वाले समय में तुर्की नौसेना के बड़े जहाजों टीसीजी अनादोलू और निर्माणाधीन मुगेम से भी ऑपरेट किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि यह विमान समुद्री अभियानों में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
किजिलेलमा की पेलोड क्षमता लगभग 1500 किलोग्राम है, यानी यह कई प्रकार के हथियार, बम और मिसाइलें अपने साथ ले जा सकता है। यह कई घंटों तक हवा में रह सकता है और लंबी दूरी पर मिशन संचालित कर सकता है। पहले किए गए परीक्षणों में इसने तोलुन और टेबर-82 जैसे प्रिसिजन-गाइडेड बम भी सटीकता से गिराए थे, लेकिन पहली बार हवा से हवा की मिसाइल दागना पहले बार हुआ है।
गोकडोगन मिसाइल तुर्की की रक्षा संस्था टूबिटक सेज ने विकसित की है। यह “बीवीआर” मिसाइल है, यानी ऐसी मिसाइल जो कई दर्जन किलोमीटर दूर मौजूद लक्ष्य को भी मार सकती है। इसका “फायर-एंड-फॉरगेट” गाइडेंस सिस्टम इसे लॉन्च होने के बाद अपने लक्ष्य को खुद खोजकर मारने की क्षमता देता है।
बेकर ने हाल के वर्षों में यूएवी बाजार में तेजी से वृद्धि की है और लगातार कई देशों को अपने सिस्टम एक्सपोर्ट कर रही है। कंपनी का कहना है कि 2024 में उसने कुल रेवेन्यू का 90 फीसदी निर्यात से हासिल किया। किजिलेलमा कार्यक्रम में कई विदेशी रक्षा बाजारों ने रुचि दिखाई है, हालांकि कंपनी ने किसी भी देश का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
