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India China Arunachal Issue: शंघाई एयरपोर्ट विवाद पर बोला चीन- “अरुणाचल को बताया चीन का हिस्सा”, भारत ने दिया करारा जवाब

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "जांगनान चीन का क्षेत्र है। चीन ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित किए गए तथाकथित 'अरुणाचल प्रदेश' को कभी स्वीकार नहीं किया है।"

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📍नई दिल्ली | 25 Nov, 2025, 11:01 PM

India China Arunachal Issue: चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने जांगनान (अरुणाचल प्रदेश) को चीन का इलाका बताया है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। बता दें कि 1950 के बाद से ही चीन इसे “दक्षिण तिब्बत” यानी जांगनान कहता है और अपना दावा जताता है। वहीं, भारत ने चीन के इस दावे को पुरजोर से खारिज किया है।

चीन ने यह बयान मंगलवार को जारी किया, जब उनसे शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला के साथ कथित बदसलूकी पर सवाल पूछा गया था। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब इस घटना ने भारत-चीन संबंधों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। (India China Arunachal Issue)

India China Arunachal Issue: चीन ने जांच को “कानूनी” करार दिया

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “जांगनान चीन का क्षेत्र है। चीन ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित किए गए तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ को कभी स्वीकार नहीं किया है।” चीन ने साफ तौर पर कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानता, और इस आधार पर एयरपोर्ट पर हुई जांच को “कानूनी” करार दिया। माओ निंग ने दावा किया कि चीनी अधिकारियों ने “किसी तरह की हिरासत या उत्पीड़न नहीं किया” और महिला के “सभी अधिकार सुरक्षित थे”। उन्होंने कहा कि एयरलाइन ने यात्री को आराम और भोजन की सुविधा भी दी। (India China Arunachal Issue)

चीन का यह बयान पीड़ित महिला प्रेमा वांगजम थोंगडोक के आरोपों के ठीक उलट है। प्रेमा ने सोशल मीडियो पर एक पोस्ट जारी करके बताया था कि शंघाई एयरपोर्ट पर उन्हें लगभग 18 घंटे रोके रखा गया और इमिग्रेशन अधिकारी बार-बार उनका मजाक उड़ाते रहे। उनके मुताबिक, अधिकारियों ने उनसे कहा, “अरुणाचल इंडिया का हिस्सा नहीं है, तुम चीनी हो… भारतीय पासपोर्ट मान्य नहीं।” प्रेमा पिछले 14 वर्षों से यूके में रहती हैं और लंदन से जापान यात्रा कर रही थीं। उन्होंने बताया कि चीन में ट्रांजिट उनके लिए एक “अपमानजनक अनुभव” बन गया। (India China Arunachal Issue)

प्रेमा के अनुसार, चीन ईस्टर्न एयरलाइंस के कर्मचारियों ने भी इमिग्रेशन अधिकारियों की तरह व्यवहार किया और हंसते हुए कहा कि “तुम्हें चीनी पासपोर्ट बनवाना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि अधिकारी उनकी बात सुनने को भी तैयार नहीं थे और लगातार “अरुणाचल चाइना” कहते रहे। वह अपने परिवार से भी बहुत देर तक संपर्क नहीं कर सकीं। अंततः उन्होंने शंघाई और बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास से मदद मांगी, जिसके बाद भारतीय अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे, उन्हें भोजन दिया और 18 घंटे बाद समस्या का समाधान कराया गया। (India China Arunachal Issue)

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वहीं, भारत सरकार ने इस घटना पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नई दिल्ली और बीजिंग दोनों जगह भारत ने चीन को सख्त डिमार्शे (औपचारिक विरोध) सौंपा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, हमने चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए उन बयानों को देखा है, जो एक भारतीय नागरिक अरुणाचल प्रदेश की निवासी के मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि वह एक वैध भारतीय पासपोर्ट रखती थीं और जापान की यात्रा पर थीं, जिसके दौरान वे शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ट्रांजिट कर रही थीं। (India China Arunachal Issue)

वहीं, अरुणाचल प्रदेश को लेकर आए चीन के बयान पर उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। यह एक स्वयंसिद्ध तथ्य है। चीन की ओर से कितनी भी बार इनकार किया जाए, यह निर्विवाद सच्चाई बदल नहीं सकती। भारत ने इस अवैध हिरासत के मुद्दे को चीनी पक्ष के समक्ष कड़े शब्दों में उठाया है। अब तक चीनी अधिकारियों ने अपने उस व्यवहार की कोई विश्वसनीय व्याख्या नहीं दी है, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा से संबंधित कई कन्वेंशनों का उल्लंघन है। चीनी अधिकारियों की कार्रवाई उनके अपने उन नियमों के भी विरुद्ध है, जिनमें सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीजा-फ्री ट्रांजिट की अनुमति दी गई है। (India China Arunachal Issue)

यह घटना ऐसे समय हुई है जब भारत-चीन रिश्तों में हल्की नरमी के संकेत मिल रहे थे। लेकिन चीन द्वारा अरुणाचल पर पुराना दावा दोहराने और प्रेमा के आरोपों ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को फिर बढ़ा दिया है। भारत लगातार कहता रहा है कि चीन का कोई दावा या नाम बदलने की कोशिश वास्तविकता को नहीं बदल सकती। (India China Arunachal Issue)

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