📍नई दिल्ली | 23 Sep, 2025, 12:08 PM
Indian Navy Expansion: भारतीय नौसेना आने वाले तीन वर्षों में 25 नए जहाजों को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है। इसके साथ ही 2027 तक भारतीय नौसेना की ताकत 150 जहाजों तक पहुंच जाएगी। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस समय देश में 54 जहाजों के निर्माण का काम चल रहा है, जो अगले छह से सात सालों में नौसेना का हिस्सा बनेंगे। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव और हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी के चलते किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इन 25 जहाजों में चार वॉरशिप प्रोजेक्ट 17A से जुड़े हैं। इनमें से एक इस साल के आखिर तक तक और बाकी 2026 और 2027 में नौसेना को सौंप दिए जाएंगे। इसके अलावा दो सर्वे वेसल भी अगले दो वर्षों में कमीशन किए जाएंगे। ये जहाज समुद्री सीमाओं की जांच, पोर्ट और हार्बर सर्वे, ओशनोग्राफिक और जियो-ग्राफिकल डेटा इकट्ठा करने में सक्षम होंगे, जो रक्षा जरूरतों के लिए जरूरी है।
भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता यानी एंटी सबमरीन वॉरफेयर को बढ़ाने के लिए 14 नए जहाज भी अगले छह से सात वर्षों में शामिल किए जाएंगे। ये जहाज अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से लैस होंगे, जो दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम होंगे।
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी श्रीलंका की चार दिवसीय यात्रा पर, जहां वे प्रधानमंत्री, तीनों सेनाध्यक्षों और गाले डायलॉग 2025 में हिस्सा लेंगे।https://t.co/9K76K5IP9j#NavyChief #AdmiralTripathi #IndianNavy #SriLanka #MaritimeSecurity #GalleDialogue2025 #SLINEX…
— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) September 22, 2025
इसके अलावा एक डाइविंग सपोर्ट वेसल आईएनएस निपुण भी इस साल नौसेना में शामिल किया जाएगा। इसका निर्माण लार्सन एंड टूब्रो कर रही है। इसी दौरान दो मल्टीपर्पज वेसल भी नौसेना को मिलेंगे। कोलकाता स्थित टिटागढ़ कंपनी पांच छोटे डाइविंग सपोर्ट वेसल बना रही है, जिनमें से एक अगले महीने कमीशन हो जाएगा। ये 30 मीटर लंबे जहाज आधुनिक डाइविंग उपकरणों से लैस हैं और कोस्टल ऑपरेशन के लिए बनाए जा रहे हैं।
नौसेना के ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए तीन नए कैडेट ट्रेनिंग शिप्स बनाए जा रहे हैं। इन्हें एलएंडटी बना रही है। वहीं, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड मिलकर 11 नेक्स्ट जनरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसल का निर्माण कर रहे हैं।
विशाखापट्टनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड पांच फ्लीट सपोर्ट शिप्स का निर्माण कर रहा है, जो नौसेना की लंबी दूरी की तैनाती और ऑपरेशंस को सपोर्ट करेंगे। यह पूरी योजना भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियां, जिबूती में उसका नेवल बेस और हिंद महासागर क्षेत्र में उसके युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती के चलते ही भारत तेजी से अपनी नौसेना को और मजबूत बना रहा है।
जिसके चलते 2027 तक भारतीय नौसेना न केवल संख्या के लिहाज से बड़ी होगी, बल्कि तकनीकी रूप से भी और अधिक आधुनिक और सक्षम होगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी शिपयार्ड इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, जिससे भारत की सामरिक ताकत और औद्योगिक क्षमता दोनों को मजबूती मिलेगी।