📍नई दिल्ली/कोलंबो | 23 Sep, 2025, 7:31 PM
Indian Navy Chief Sri Lanka Visit: भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी इन दिनों चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर श्रीलंका में हैं। 22 सितंबर से शुरू हुआ यह दौरा 25 सितंबर तक चलेगा। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से चले आ रहे रक्षा और समुद्री संबंधों को और अधिक मजबूत करना है।
23 सितंबर को एडमिरल त्रिपाठी ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूरिया से मुलाकात की। दोनों के बीच व्यापक स्तर पर रक्षा सहयोग को लेकर चर्चा हुई। जिसमें समुद्री सुरक्षा, क्षमता विकास, प्रशिक्षण और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर खास जोर दिया गया। मुलाकात के दौरान यह भी तय हुआ कि भारत और श्रीलंका की सेनाएं भविष्य में संयुक्त अभ्यास और समुद्री अभियानों में और ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएंगी।
दौरे के दौरान एडमिरल त्रिपाठी ने श्रीलंका के कई वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात की। इनमें डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर मेजर जनरल केपी अरुण जयसेकेरा, रक्षा सचिव एयर वाइस मार्शल संपथ थुयाकोंथा (रिटायर्ड), श्रीलंका नेवी के कमांडर वाइस एडमिरल कंचना बनागोडा, श्रीलंका एयर फोर्स के कमांडर एयर मार्शल वीबी एदिरिसिंघे और श्रीलंका आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लसनथा रोड्रिगो शामिल रहे। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और सेवाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने पर सहमति जताई गई।
एडमिरल त्रिपाठी ने इस दौरे के दौरान श्रीलंका की धरती पर भारतीय शांति सेना के शहीद सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने 22 सितंबर को कोलंबो स्थित आईपीकेएफ यानी इंडियन पीस कीपिंग फोर्स मेमोरियल पर पुष्पचक्र भी अर्पित किया। इस समारोह ने दोनों देशों के बीच साझा इतिहास और बलिदानों की याद दिलाई।

23 सितंबर को एडमिरल त्रिपाठी ने कोलंबो स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज में भी संबोधन किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत और श्रीलंका के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक रिश्तों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बदलती वैश्विक समुद्री परिस्थितियों, तकनीकी बदलावों और ग्रे-जोन खतरों का उल्लेख करते हुए तीन मुख्य बिंदुओं पर जोर देते हुए विश्वसनीय क्षमता, गहन सहयोग और तकनीकी परिवर्तन पर बात की। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और श्रीलंका ने मिलकर एंटी-पाइरेसी मिशनों और नारकोटिक्स इंटरडिक्शन ऑपरेशनों में सफलता हासिल की है। SLINEX (श्रीलंका-इंडिया नेवल एक्सरसाइज) और गोवा मैरिटाइम सेमिनार जैसे प्लेटफॉर्म्स को भी उन्होंने दोनों देशों की साझा दक्षता का अहम हिस्सा बताया।
दौरे के दौरान भारतीय नौसेना का स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस सतपुड़ा भी कोलंबो में मौजूद रहा। इस जहाज पर 22 सितंबर को डेक रिसेप्शन आयोजित किया गया, जिसकी मेजबानी खुद नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने की। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय और राष्ट्रीय एकीकरण मंत्री हर्षना ननायक्कारा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। भारत के उच्चायुक्त संतोष झा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
भारतीय नौसेना और श्रीलंका नौसेना के बीच लंबे समय से मजबूत सहयोग रहा है। दोनों देश हर साल सालाना डिफेंस टॉक्स, स्टाफ टॉक्स और संयुक्त अभ्यासों जैसे SLINEX यानी श्रीलंका-इंडिया नेवल एक्सरसाइज, पासेज एक्सरसाइज और हाइड्रोग्राफी सहयोग में हिस्सा लेते रहे हैं। इसके अलावा दोनों नौसेनाएं बहुपक्षीय आयोजनों जैसे इंडियन ओशन नेवल सेमिनार, गॉल डायलॉग, मिलन और कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में भी सक्रिय रूप से शामिल होती हैं।
इस दौरे का एक अहम हिस्सा गॉल डायलॉग 2025 भी है। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री सम्मेलन 12वीं बार आयोजित किया जा रहा है, जिसका विषय है, “बदलती गतिशीलता के तहत हिंद महासागर का समुद्री परिदृश्य”। इस सम्मेलन में एडमिरल त्रिपाठी भारत की तरफ से हिस्सा लेंगे और क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों, बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सहयोग की संभावनाओं पर विचार साझा करेंगे।
श्रीलंका दौरे का एक और महत्वपूर्ण पहलू भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ते औद्योगिक सहयोग का है। मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) श्रीलंका की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग और रिपेयर कंपनी कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी (CDPLC) में हिस्सेदारी हासिल करने की प्रक्रिया में है। इसे भारतीय महासागर क्षेत्र में भारत की औद्योगिक मौजूदगी को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है।
एडमिरल त्रिपाठी का यह दौरा भारत-श्रीलंका संबंधों को एक नई ऊर्जा देने वाला माना जा रहा है। समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण और रक्षा सहयोग पर हुई चर्चाएं आने वाले समय में दोनों देशों के रिश्तों की गहराई को और बढ़ाने वाली हैं।