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Spear Corps Indian Army: अरुणाचल की बेटी की कहानी; कैसे दूरदराज के गांव से सैनिक स्कूल तक पहुंची मिली याबी, भारतीय सेना ने दिखाई राह

भारतीय सेना की स्पीयर कॉर्प्स ने मई 2024 में सरली और आसपास के गांवों के बच्चों के लिए एक मेंटरशिप पहल शुरू की। इसका उद्देश्य बच्चों को सैनिक स्कूल में दाखिले की परीक्षा के लिए तैयार करना था...

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📍नई दिल्ली | 4 Sep, 2025, 4:21 PM

Spear Corps Indian Army: ईटानगर से करीब 350 किलोमीटर दूर स्थित अरुणाचल प्रदेश का सरली गांव अब सुर्खियों में है। यहां की 12 वर्षीय बच्ची मिली याबी ने सैनिक स्कूल सियांग में दाखिला लेकर इतिहास रच दिया है। एक किसान परिवार से आने वाली मिली की इस सफलता के पीछे उसकी मेहनत के साथ-साथ भारतीय सेना की स्पीयर कॉर्प्स का भी सहयोग रहा है।

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सरली एक छोटा सा सीमावर्ती गांव है, जिसकी आबादी करीब 1500 है। यहां शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी हमेशा बच्चों के सामने एक बड़ी चुनौती रही है। इसके बावजूद यहां के बच्चे सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। इसी उत्साह को देखते हुए भारतीय सेना ने एक विशेष मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किया, जिसने इन सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता दिखाया।

Spear Corps Indian Army: सेना का मेंटरशिप प्रोग्राम

भारतीय सेना की स्पीयर कॉर्प्स ने मई 2024 में सरली और आसपास के गांवों के बच्चों के लिए एक मेंटरशिप पहल शुरू की। इसका उद्देश्य बच्चों को सैनिक स्कूल में दाखिले की परीक्षा के लिए तैयार करना था।

इस कार्यक्रम में बच्चों को परामर्श, नियमित क्लास, मॉक टेस्ट और मनोबल बढ़ाने वाली गतिविधियां कराई गईं। कुल 33 बच्चों का चयन किया गया और उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी गई। इनमें 88 क्लास, 18 मॉक टेस्ट और लगातार काउंसलिंग शामिल थी।

सेना ने केवल पढ़ाई पर ही नहीं, बल्कि बच्चों और अभिभावकों को सैनिक स्कूल की भूमिका और महत्व के बारे में भी जागरूक किया। इसके अलावा सेना ने बच्चों को डॉक्यूमेंटेशन, रजिस्ट्रेशन और परीक्षा की तैयारी से लेकर इटानगर में आयोजित एनटीए द्वारा कराई गई प्रवेश परीक्षा तक हर स्तर पर मदद की।

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Spear Corps Indian Army: बच्चों के लिए नई उम्मीद

इस पहल के नतीजे चौंकाने वाले रहे। 33 बच्चों में से 32 ने राष्ट्रीय स्तर पर क्वालीफाई किया और आठ बच्चों ने एक से अधिक प्रवेश परीक्षाएं भी पास कीं। इस बीच, मिली याबी पहली बच्ची बनी जिसका सैनिक स्कूल ईस्ट सियांग में 18 अगस्त 2025 को सिलेक्शन हुआ। सेना को उम्मीद है कि आने वाले काउंसलिंग राउंड्स में 4–6 और बच्चे भी चयनित होंगे।

Spear Corps Indian Army support to Milli Yabi to Sainik School – Inspiring Journey
Source: Indian Army

Spear Corps Indian Army: मिली याबी की सफलता

मिली याबी की कहानी पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन गई है। एक किसान पिता और गृहिणी मां की बेटी ने सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा मुकाम हासिल किया। सेना के अधिकारियों ने उसकी लगन को देखते हुए उसे विशेष मार्गदर्शन दिया।

यह सफलता सिर्फ उसकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है बल्कि पूरे समुदाय की उम्मीदों और सपनों का प्रतीक है। यह दिखाता है कि अगर सही दिशा और मार्गदर्शन मिले तो दूरदराज के गांवों के बच्चे भी राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकते हैं।

भारतीय सेना का यह कार्यक्रम केवल शिक्षा तक सीमित नहीं रहा। बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गर्व की भावना भी जागृत हुई। सरली जैसे गांवों में जहां पहले बच्चों के लिए बड़े सपने देखना मुश्किल माना जाता था, अब अभिभावक भी अपनी बेटियों और बेटों को सैनिक स्कूल और आगे एनडीए खड़कवासला जैसे संस्थानों में देखते हैं।

इसमें सबसे बड़ा योगदान सेना की उस सोच का है जो सीमावर्ती इलाकों के लोगों को केवल सुरक्षा का हिस्सा ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में साझेदार मानती है।

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भारतीय सेना हमेशा से सीमावर्ती इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता से जुड़े कार्यक्रम चलाती रही है। यह पहल उसी परंपरा का हिस्सा है। सेना का मानना है कि राष्ट्र निर्माण केवल सीमाओं की रक्षा से नहीं बल्कि सीमावर्ती गांवों को विकास और अवसरों से जोड़ने से भी होता है।

मिली याबी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना का नेशन फर्स्ट अप्रोच केवल नारे तक सीमित नहीं है बल्कि यह जमीनी स्तर पर बच्चों और परिवारों की जिंदगी बदलने का माध्यम बन रहा है।

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