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Ran Samwad-2025: कैसे टेक्नोलॉजी ने ऑपरेशन सिंदूर में किया कमाल, ट्राई सर्विसेज सेमिनार में होगी चर्चा, कई देशों के डिफेंस अताशे भी होंगे शामिल

भारतीय सेना 26-27 अगस्त को महू में एक ऐतिहासिक सेमिनार आयोजित कर रही है, जिसमें युद्ध में तकनीक और परिवर्तन पर चर्चा होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानवरहित सिस्टम और प्रशिक्षण पर फोकस। जानें कैसे सेना भविष्य के लिए तैयार हो रही है...

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पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त सेमिनार ‘रण संवाद - कन्वर्सेशन ऑन वार, वॉरफेयर और वॉरफाइटिंग’ 26-27 अगस्त को आर्मी वॉर कॉलेज, महू में आयोजित किया जा रहा है। इस सेमिनार में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों के साथ-साथ 15 से 18 देशों के डिफेंस अताशे भी हिस्सा लेंगे...
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📍नई दिल्ली | 20 Aug, 2025, 8:10 PM

Ran Samwad-2025: भारतीय सेना 26-27 अगस्त 2025 को मध्य प्रदेश के महू में ट्रार्ई सर्विसेज की एक सेमिनार ‘रण संवाद’ (Ran Samwad-2025) आयोजित करने जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़े स्तर पर आयोजित हो रही यह पहली सेमिनार है। जिसमें वॉर, वॉरफेयर और वॉरफाइटिंग पर चर्चा होगी। इस सेमिनार में इस पर भी चर्चा की जाएगी कि कैसे टेक्नोलॉजी, युद्ध की प्रकृति और स्वरूप में बदलाव ला रही है। इस सेमिनार में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों के साथ-साथ 15-18 देशों के डिफेंस अताशे, एकेडमिक्स, पॉलिसी मेकर और वॉर एक्सपर्ट्स हिस्सा लेंगे। यह सेमिनार अब सालाना आयोजित होगी और तीनों सेनाएं बारी-बारी से इसकी मेजबानी करेंगी।

Ran Samwad 2025: बदल रही है युद्ध की तस्वीर, अब टेक्नोलॉजी से लड़ी जाएगी जंग, ट्राई सर्विसेज सेमिनार में होगी तैयारियों पर खुल कर चर्चा

इस सेमिनार के बारे में जानकारी देते हुए डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ (डॉक्टराइन, आर्गनाइजेशन और ट्रेनिंग) लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंहल ने बताया कि मध्य प्रदेश के महू में स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में भारतीय सेना 26-27 अगस्त 2025 को एक ऐतिहासिक सेमिनार आयोजित करने जा रही है, जो युद्ध की बदलती दुनिया और तकनीक के असर पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में तकनीक को नजरअंदाज करना, ऐसा है कि जैसे पुराने नक्शों के साथ भविष्य के युद्ध लड़ना।

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Ran Samwad 2025: Indian Army’s Historic Tri-Services Seminar on War, Warfare & Technology After Operation Sindoor

उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी, युद्ध की प्रकृति और स्वरूप में बदलाव ला रही है। इसका सीधा असर युद्ध के संचालन योजना, रणनीति और तौर-तरीकों पर पड़ रहा है। इस परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए, पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त सेमिनार ‘रण संवाद – कन्वर्सेशन ऑन वार, वॉरफेयर और वॉरफाइटिंग’ 26-27 अगस्त को आर्मी वॉर कॉलेज, महू में आयोजित किया जा रहा है। इस सेमिनार में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों के साथ-साथ 15 से 18 देशों के डिफेंस अताशे भी लेंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंहल ने कहा कि तकनीक युद्ध को बदल रही है और इसे रोकना असंभव है। उन्होंने इतिहास के उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे घोड़ों और घुड़सवार सेना ने युद्ध को बदला, फिर टैंकों ने ट्रेंच वॉरफेयर को मोबाइल वॉरफेयर और खाड़ी युद्ध में फाइटर जेट्स के इस्तेमाल ने सभी को सकते में डाल दिया। वैसे ही अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अनमैन्ड सिस्टम युद्ध को नया रूप दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम आज इस अवसर को चूक गए, तो हम हमेशा के लिए पीछे रह जाएंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंहल ने कहा कि यह सेमिनार बाकियों से अलग है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर सेमिनारों में शिक्षाविद, विद्वान और थिंक टैंक बोलते हैं, जबकि मिलिट्री अफसर दर्शक बनकर बैठते हैं। लेकिन इस सेमिनार में ऐसे सैन्य अधिकारी जो युद्ध में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, यानी वही लोग जिनका मुख्य कार्य लड़ना और देश की रक्षा करना है, वे अपने एक्सपीरियंस साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में राजनीति या ज्योपॉलिटिक्स जैसे मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी। बल्कि इसमें टेक्नोलॉजी को कैसे ट्रेनिंग, स्ट्रेटजी और ऑपरेशन में कैसे शामिल किया जाए, इस पर चर्चा होगी। ताकि भारतीय सेना तकनीकी प्रगति का अधिकतम फायदा उठा सके।

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लेफ्टिनेंट जनरल सिंहल के मुताबिक, रण संवाद-2025 में रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, डीआरडीओ सचिव, पूर्व सैनिक, तीनों सेनाओं के अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, रक्षा विशेषज्ञ, शैक्षणिक शोधकर्ता, उद्योग प्रतिनिधि और विदेशी डिफेंस अताशे शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि रण संवाद के फ्यूचर एडिशंस में मित्र देशों के वक्ताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य के युद्ध की रणनीतिक बहस में अग्रणी भूमिका निभाने की ज़रूरत है। प्राचीन काल में हम विश्वगुरु थे और हमें वह स्थान फिर से हासिल करना होगा।

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    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

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