📍हरिद्वार, उत्तराखंड | 23 Nov, 2025, 3:21 PM
Exercise Ram Prahar: उत्तराखंड के हरिद्वार के पास झिलमिल झील रिजर्व फॉरेस्ट में भारतीय सेना की वेस्टर्न कमांड ने अपने बड़े सैन्य अभ्यास रैम प्रहार का आयोजन किया। यह अभ्यास लगभग एक महीने तक चला और इसमें करीब 20,000 सैनिक शामिल हुए। इस पूरे सैन्य अभ्यास में पाकिस्तान सीमा से लगे पंजाब के इलाके जैसे मैदान और दरियाई इलाकों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशनल स्थितियों की रिहर्सल की गई।
यह अभ्यास ऐसी जगह किया गया जो पंजाब की नदी घाटी जैसी भौगोलिक संरचना से मिलती-जुलती है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस जगह का चुनाव इसलिए किया गया, ताकि पाकिस्तान सीमा के पास मिलने वाली जमीन जैसी परिस्थितियों को ठीक वैसा ही दोहराया जा सके। (Exercise Ram Prahar)
अभ्यास में खास तौर पर फाइटर जेट, रेकॉनिसेंस एयरक्राफ्ट, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, एंफिबियस आर्मर्ड व्हीकल, टैंक, ड्रोन-आधारित सर्विलांस और रात में पैरा-ट्रूपर तैनाती जैसी गतिविधियां शामिल थीं। यह पहली बार हुआ कि इतना बड़ा अभ्यास उत्तराखंड में किया गया, क्योंकि यहां का इलाका पंजाब क्षेत्र जैसे ऑपरेशन के लिए बिल्कुल अनुकूल माना जाता है। (Exercise Ram Prahar)
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Lt Gen #ManojKumarKatiyar, PVSM, UYSM, AVSM, #ArmyCommander #WesternCommand, reviewed validation & operational preparedness of newly raised #ASHNI platoon during Exercise #RamPrahaar.
An invisible… pic.twitter.com/WLyFZA09qU
— Western Command – Indian Army (@westerncomd_IA) November 23, 2025
इस अभ्यास (Exercise Ram Prahar) में हाल ही में बनी अशिनी प्लाटून भी शामिल हुई। यह प्लाटून भारतीय सेना की नई टेक्नोलॉजी-आधारित यूनिट है, जो रियल-टाइम टैक्टिकल रिकॉनिसेंस, सर्विलांस और मिनी-अनमैन्ड एरियल सिस्टम स्ट्राइक क्षमता देती है। अशिनी प्लाटून को सेना की थर्ड आई भी कहा जाता है, क्योंकि यह दुश्मन की गतिविधियों की तेजी से निगरानी कर सकती है और सटीक स्ट्राइक में सैनिकों की मदद करती है। रैम प्रहार अभ्यास में इस प्लाटून ने दिखाया कि आधुनिक युद्ध में सूचना, निगरानी और सटीक प्रहार कितने महत्वपूर्ण होते हैं।
वेस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने अभ्यास (Exercise Ram Prahar) के आखिरी चरण का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यह पूरा अभ्यास पाकिस्तान की ओर से किसी बड़े उकसावे की स्थिति में सेना की प्रतिक्रिया की तैयारी को परखने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया था और यदि पाकिस्तान दोबारा भविष्य में कोई और उकसावे वाली कार्रवाई करता है, तो सेना पूरी ताकत के साथ जवाब देने के लिए तैयार है। जिसमें पंजाब की तरफ से पाकिस्तान में प्रवेश करना भी शामिल है।

जनरल कटियार ने कहा कि यह स्थान इसलिए चुना गया क्योंकि यहां पंजाब जैसे नदी-नालों और प्राकृतिक बाधाओं का वास्तविक अभ्यास किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सेना नियमित रूप से अलग-अलग इलाकों में युद्धाभ्यास करती है ताकि हर तरह की स्थिति में तत्परता बनी रहे।
अशिनी प्लाटून पर बात करते हुए अधिकारियों ने बताया कि यह यूनिट भविष्य के युद्धक्षेत्र के लिए बनाई गई है, जहां छोटे ड्रोन, सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम सैनिकों को तुरंत जानकारी और टारगेटिंग मदद देते हैं। अभ्यास में इस प्लाटून की क्षमताओं को देखकर वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे भारतीय सेना की “भविष्य-तैयार ताकत” का अहम हिस्सा बताया। (Exercise Ram Prahar)
