📍नई दिल्ली | 21 Nov, 2025, 8:20 PM
Tejas Mk1 crash Dubai: दुबई एयर शो 2025 के दौरान भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस शुक्रवार को एरोबैटिक डिस्प्ले के दौरान हादसे का शिकार हो गया। यह हादसा तब हुआ जब विमान तेज रफ्तार से नीचे की ओर आया और रनवे के पास तेज धमाके के साथ आग की लपटों में बदल गया। यह घटना उस समय हुई जब दुनिया भर के डिफेंस एक्सपर्ट और अंतरराष्ट्रीय खरीदार इस शो में मौजूद थे। हादसे के थोड़ी देर बाद भारतीय वायुसेना ने पुष्टि की कि यह दुर्घटना एक डेमोंस्ट्रेशन सॉर्टी के दौरान हुई और पायलट की मौत हो गई। हालांकि एयरफोर्स ने अभी तक आधिकारिक तौर पर स्क्वॉड्रन का नाम नहीं बताया है। लेकिन यह जहाज एयरशो के लिए स्पेशल डिटैचमेंट पर था।
तेजस के इस क्रैश ने भारतीय वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दुर्घटना उस समय हुई है जब देश तेजस के प्रोडक्शन, डिलीवरी और एक्सपोर्ट को लेकर बड़ा आशावान है और कई देश इस विमान में रुचि दिखा रहे थे।
Tejas Mk1 crash Dubai: दुनिया के सबसे प्रशिक्षित और अनुभवी पायलट
वहीं, हादसे की सबसे दुखद बात यह है कि तेजस उड़ाने वाले डेमोंस्ट्रेशन पायलट दुनिया के सबसे प्रशिक्षित और अनुभवी पायलटों में गिने जाते हैं। ऐसे पायलट लंबी उड़ान ट्रेनिंग, कॉम्प्लेक्स एक्सरसाइज और एयर शो के एक्सपर्ट्स होते हैं। इसलिए, पायलट का खोना भारतीय वायुसेना के लिए गहरा नुकसान माना जा रहा है।
वहीं, इस घटना के बाद, तेजस (Tejas Mk1 crash Dubai) बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर सवाल उठने लगे हैं। तेजस प्रोग्राम की शुरुआत 1970 के दशक में की गई थी ताकि भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 फाइटर जेट की जगह एक स्वदेशी फाइटर जेट बनाया जा सके। 1983 में इसके डेवलपमेंट के लिए पहली बार 560 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था, जो बाद में बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इसके बावजूद तेजस को पहली उड़ान भरने में 2001 तक का समय लग गया।
इस साल फरवरी में एरो इंडिया शो के दौरान भी एचएएल पर सवाल उठे थे, जब भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह की एचएएल चीफ के साथ बातचीत वायरल हो गई थी। इस दौरान वायुसेना प्रमुख ने एचएएल (Tejas Mk1 crash Dubai) को लेकर अपनी चिंता जताते हुए कहा था कि उन्हें एचएएल पर पूरा भरोसा नहीं है और कंपनी “मिशन मोड” में काम नहीं कर रही है। यह घटना उस समय सुर्खियों में आई थी जब तेजस के उत्पादन और उसकी डिलीवरी की गति पर लगातार चर्चा हो रही थी।
सितंबर 2025 में एचएएल को भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस एमके-1ए फाइटर जेट बनाने का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला था, जिसकी कीमत 62,370 करोड़ रुपये है। इसकी डिलीवरी 2027-28 से शुरू होने की उम्मीद थी। लेकिन इस हादसे के बाद इन टाइमलाइन पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
यह तेजस (Tejas Mk1 crash Dubai) का दूसरा बड़ा क्रैश है। इससे पहले पिछले वर्ष राजस्थान के पोखरण में वायुसेना के अभ्यास ‘एक्सरसाइज वायुशक्ति’ के दौरान एक तेजस क्रैश हुआ था, इस हादसे में पायलट सेफ ईजेक्ट कर गया था। एक स्क्वाड्रन पूरी तरह बनने से पहले ही दो विमानों का क्रैश होना एचएएल की निर्माण गुणवत्ता और डिजाइन पर भी सवाल खड़े करता है।
तेजस (Tejas Mk1 crash Dubai) को विदेशी बाजार में भी पेश किया जा रहा था। अर्जेंटीना, फिलीपींस, मिस्र और कई अन्य देशों ने तेजस खरीदने में रुचि दिखाई थी। तेजस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी जेएफ-17 ब्लॉक III के संभावित विकल्प के तौर देखा जा रहा था। लेकिन दुबई एयर शो जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस तरह के हादसे से तेजस के एक्सपोर्ट संभावनाओं को बड़ा झटका लग सकता है।
भारतीय वायुसेना के लिए यह क्रैश (Tejas Mk1 crash Dubai) इसलिए भी बड़ा झटका है क्योंकि वायुसेना पहले ही स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ की कमी से जूझ रही है। वायुसेना के पास 42 फाइटर स्क्वाड्रन होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में केवल 29 स्क्वाड्रन ही सक्रिय हैं। संख्या के लिहाज से वायुसेना के पास लगभग 200 लड़ाकू विमान कम हैं। वायुसेना ने तेजस एमके-1ए पर उम्मीद जताई थी कि यह कमी तेजी से पूरी होगी।
दुबई एयर शो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण डिफेंस प्लेटफॉर्म है। भारत पहली बार तेजस का इतने बड़े स्तर पर इंटरनेशनल डेब्यू करा रहा था। लेकिन हादसे ने पूरे मिशन को झटका दे दिया। भारतीय तकनीक, स्वदेशी क्षमता और आत्मनिर्भर भारत अभियान की छवि पर भी इसका असर पड़ा है।
तेजस (Tejas Mk1 crash Dubai) को भारत के सबसे महत्वाकांक्षी स्वदेशी मिलिट्री प्रोजेक्ट्स में से एक माना जाता है। यह एक सिंगल-इंजन, मल्टी-रोल, डेल्टा-विंग फाइटर है, जिसे हल्के और अत्याधुनिक लड़ाकू विमान के रूप में डेवलप किया गया है। इसके डिजाइन में एयर-टू-एयर मिसाइल, एयर-टू-ग्राउंड हथियार, टारगेटिंग पॉड और एडवांस एवियोनिक्स सिस्टम लगाए गए हैं।
दुर्घटना के बाद भारतीय वायुसेना (Tejas Mk1 crash Dubai) की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। वायुसेना ने कहा है कि दुर्घटना की विस्तृत जांच की जाएगी, और क्रैश का कारण जल्द सामने आएगा। दुनिया की नजरें अब इस जांच पर टिकी हैं कि आखिर तेजस जैसा आधुनिक विमान क्रैश कैसे हुआ। भारतीय वायुसेना और एचएएल दोनों ने कहा है कि वे जल्द ही आधिकारिक जानकारी साझा करेंगे।
