📍नई दिल्ली | 22 Sep, 2025, 3:44 PM
New Terror Outfit: पांच महीने पहले हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की सरजमीं पर बने आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। बावजूद इसके पाकिस्तान का कारगुजारियां अभी भी जारी हैं। एक तरफ जहां पाकिस्तान आतंकी ढाचों के पुनर्निर्माण में लगा हुआ है, तो दूसरी तरफ नए आतंकी संगठन भी बना रहा है। अब पाकिस्तान से एक नया आतंकी संगठन सामने आया है, जिसने खुद को “माउंटेन वॉरियर्स ऑफ कश्मीर” (MWK) नाम दिया है। इस नए नाम का मकसद एक बार फिर आतंक को कश्मीरियत और आजादी की आड़ में छिपाकर पेश करना है।
New Terror Outfit: एक दिन में बदल दिया प्रवक्ता
11 सितम्बर को जारी प्रेस रिलीज में इस संगठन ने खुद को “हम माउंटेन वॉरियर्स ऑफ कश्मीर, युद्ध के मैदान में अपनी एंट्री की घोषणा करते हैं…हम अपनी जान को आजादी की लड़ाई में न्यौछावर करने की कसम खाते हैं” कहकर पेश किया। बयान पर हस्ताक्षर अहमद हनन नामक प्रवक्ता के थे। लेकिन अगले ही दिन 12 सितम्बर को जारी प्रेस रिलीज में संगठन का प्रवक्ता दानिश भट को दिखाया गया। सूत्रों का कहना है कि यह संगठन जबरदस्ती अपनी पहचान को ‘कश्मीरी मूल’ से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

New Terror Outfit: नाम बदलने की नई चाल
आतंकी संगठनों की यह पुरानी रणनीति रही है कि वे खुद को नया चेहरा देकर कश्मीर से जुड़ा बताते हैं। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे नाम आतंकी गतिविधियों के चलते दुनियाभर में बदनाम हो चुके हैं। इसलिए अब वे नए नामों से सामने आ रहे हैं, जैसे पीपुल्स एंटी फासीस्ट फ्रंट (PAFF), द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), कश्मीर टाइगर्स (KT) और अब माउंटेन वॉरियर्स ऑफ कश्मीर। लेकिन असलियत में ये सब पुराने संगठनों के ही मुखौटे हैं।
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— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) September 22, 2025
New Terror Outfit: पाकिस्तान की आईएसआई है पीछे
भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि नाम बदलने की यह कवायद महज एक धोखा है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि द रेसिस्टेंस फ्रंट भले ही एक अलग संगठन दिखाई देता हो, लेकिन असल में यह लश्कर-ए-तैयबा की ही ब्रांच है। इसके लीडरशिप, हथियारों की खरीद, ट्रेनिंग मॉड्यूल और ठिकाने सब लश्कर के ही नेटवर्क से जुड़े हैं, जिनका संचालन पाकिस्तान की आईएसआई करती है।
2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद द रेसिस्टेंस फ्रंट को जन्म दिया गया था, ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचा जा सके और यह जताया जा सके कि आतंकी गतिविधियां कश्मीरियों की स्थानीय पहल है। अब यही पैटर्न नए संगठन माउंटेन वॉरियर्स ऑफ कश्मीर यानी MWK के साथ भी अपनाया जा रहा है।
New Terror Outfit: आतंकियों को टेंपरेरी किया शिफ्ट
पाकिस्तान सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा के पुनर्निर्माण में भी सीधा सहयोग दिया है। जानकारी के अनुसार, पाक सरकार ने 4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये देकर लश्कर के मुख्यालय मरकज तैयबा (मुरीदके) को फिर से खड़ा करने की अनुमति दी है। यह वही मुख्यालय है, जिसे भारतीय वायुसेना ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर में तबाह कर दिया था।
अस्थायी तौर पर लश्कर के कैडर्स को मरकज अक्सा (बहावलपुर) और जुलाई से मरकज यरमौक (पटोकी, जिला कसूर) में शिफ्ट किया गया है। यहां उनकी ट्रेनिंग और ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। इस पूरी व्यवस्था की निगरानी अब्दुल राशिद मोहसिन कर रहा है, जो लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी का करीबी है।
New Terror Outfit: चाहिए 15 करोड़ रुपये
लश्कर-ए-तैयबा फरवरी 2026 तक, यानी कश्मीर सॉलिडैरिटी डे या योम-ए-यकजहती कश्मीर से पहले, अपने मुख्यालय का निर्माण पूरा करना चाहता है। भारतीय खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लश्कर को लगभग 15 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की जरूरत है, लेकिन उसके पास अभी पर्याप्त धनराशि नहीं है। संगठन फिलहाल अपने आंतरिक संसाधनों और बाहरी सहयोग से फंड जुटाने की कोशिश कर रहा है। यह पुनर्निर्माण कार्य मरकज तैयबा के चीफ मौलाना अबू जार, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य प्रशिक्षक उस्तादुल मुजाहिद्दीन और कमांडर (ऑपरेशनल ओवरसाइट) यूनुस शाह बुखारी की निगरानी में हो रहा है।
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान बार-बार नाम बदलकर और नए संगठन खड़े कर, आतंकी गतिविधियों को छिपाने की कोशिश करता है। लेकिन असलियत वही रहती है कि इन सबका संचालन पाकिस्तान की धरती से होता है और इन्हें सीधे आईएसआई की मदद मिलती है। एमडब्ल्यूके भी उसी सिलसिले की नई कड़ी है।