📍नई दिल्ली | 17 Nov, 2025, 6:13 PM
Delhi Blast Bangladesh Link: दिल्ली के लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच अब एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को मिले नए सुराग बताते हैं कि इस ब्लास्ट की कड़ियां सीधे पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़ी हैं।
जांच में सामने आया है कि धमाके से ठीक पहले ढाका के पॉश इलाके बनानी में एक गुप्त मीटिंग हुई थी, जिसमें पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर सैफुल्लाह सैफ वर्चुअल रूप से शामिल हुआ था।
इस मीटिंग में मौजूद सात लोगों में कुछ बांग्लादेश सरकार के अधिकारी, प्रतिबंधित संगठनों के नेता और एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट्स शामिल थे। यह मीटिंग अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हुई थी और भारतीय एजेंसियों के अनुसार, इसी बैठक में भारत में बड़े आतंकी हमले की योजना बनाई गई थी।
Delhi Blast Bangladesh Link: ढाका मीटिंग से निकला बड़ा कनेक्शन
जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली धमाके की कड़ी पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों से जुड़ रही है। एजेंसियों का ध्यान उस अहम बैठक पर है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने बांग्लादेश के अधिकारियों और कट्टरपंथी समूहों से जुड़े लोगों के साथ बातचीत की थी।
सूत्रों ने बताया कि सैफ ने इस गुप्त बैठक में भारत में ‘बड़े पैमाने पर हमले’ की तैयारी पर विस्तार से चर्चा की थी। सैफ ने इस दौरान पाकिस्तान से मिलने वाले सपोर्ट और भारत में सक्रिय स्लीपर सेल को निर्देश देने की बात कही थी।
और सबसे चिंताजनक बात यह रही कि इस बैठक में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के दो अधिकारी होम अफेयर्स सेक्रेटरी डॉ. नसीरुल घानी और ढाका नॉर्थ कॉर्पोरेशन के सीईओ मोहम्मद आजाज भी मौजूद थे।
Delhi Blast Bangladesh Link: कौन-कौन मौजूद था बैठक में
जानकारी के अनुसार, अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में ढाका के अपस्केल इलाके बनानी में एक गुप्त मीटिंग हुई। सैफ पाकिस्तान से वर्चुअली जुड़ा था, लेकिन सात लोग मीटिंग में ढाका में मौजूद थे। इनमें प्रतिबंधित इस्लामिक समूह हिज्ब-उल-तहरीर का ढाका प्रमुख जुबैर अहमद चौधरी, सैफ का दाहिना हाथ और मरकजी जमीयत-अहले-हदीस के जनरल सेक्रेट्री इब्तिसाम इलाही जहीर, बांग्लादेश के इंटरिम होम अफेयर्स सेक्रेटरी डॉ. नासिरुल गनी, ढाका नॉर्थ कॉर्पोरेशन के सीईओ और हिज्ब-उल-तहरीर कोऑर्डिनेटर मोहम्मद एजाज, और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के दो सदस्य हाफिज शुजादुल्लाह, हाफिज अली फजुल शामिल थे। मीटिंग में एक एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट सुमन अहमद भी शामिल था।
इब्तिसाम एलाही अक्टूबर 2024 में जाकिर नाइक से भी मिला था, और बांग्लादेश के बॉर्डर इलाकों में उसकी गतिविधियां भारतीय एजेंसियों की नजर में पहले से थीं।
ब्लास्ट से पहले भारत में घुसे थे आतंकी
जांच में सामने आया है कि इस बैठक में सैफ ने भारत में बड़े आतंकी हमले करने की सीधी “ऑपरेशनल डायरेक्शन” दी थी। ढाका बैठक के बाद एक टीम, जिसमें विस्फोटक विशेषज्ञ भी शामिल था, मुरशिदाबाद के रास्ते भारत में दाखिल हुई। यह घुसपैठ बांग्लादेश के राजशाही इलाके से हुई, जहां से आतंकी नियमित रूप से भारत में आते-जाते रहे हैं।
मुरशिदाबाद में इन्हें इक्तियार नाम के एक बांग्लादेशी नागरिक ने सेफ हाउस दिया। इक्तियार अपने देश में एक पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोपी है और लंबे समय से भारत में छिपा है। उसका सेफ हाउस अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के सदस्यों के लिए पहले भी इस्तेमाल हो चुका है।
पाकिस्तान से आया था कुछ विस्फोटक
एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि पाकिस्तान से कुछ खास प्रकार के विस्फोटक पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत पहुंचे थे। इन्हें बाद में दिल्ली ले जाया गया। जांच में यह संदेह गहराता जा रहा है कि रेड फोर्ट के पास हुआ धमाका इसी नेटवर्क द्वारा भेजे गए विस्फोटकों से हुआ।
सैफ का उकसाने वाला भाषण
इस बीच, धमाके से 10 दिन पहले 30 अक्टूबर को पाकिस्तान के खैरपुर तमीवाली में एक सभा के दौरान सैफ ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि “हाफिज सईद खाली नहीं बैठे हैं… उनका दाहिना हाथ बांग्लादेश में है… भारत पर हमला करने की तैयारी वहीं से चल रही है… ऑपरेशन सिंदूर का जवाब दिया जाएगा…”। एजेंसियों का मानना है कि यह बयान दिल्ली धमाके से जुड़े इरादे को साफ करता है।
हालांकि बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के विदेशी सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि “बांग्लादेश की जमीन भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं हो रही है।”
लेकिन भारतीय एजेंसियां इसे गंभीरता से देख रही हैं, क्योंकि मीटिंग में दो सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है। दिल्ली धमाके के बाद बढ़ी जांच अब एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है, जिसकी कड़ियां पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के कई राज्यों में फैलती दिख रही हैं।
