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FIIs defence stocks: विदेशी निवेशकों की डिफेंस शेयरों में क्यो घट रही दिलचस्पी? इन कंपनियों में घटाई हिस्सेदारी

एफआईआई की हिस्सेदारी कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), डायनमैटिक टेक्नोलॉजीज, सिएंट डीएलएम और जेन टेक्नोलॉजीज में भी घटी है...

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📍नई दिल्ली | 18 Nov, 2025, 10:39 AM

FIIs defence stocks: सितंबर तिमाही में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एफआईआई) ने भारतीय डिफेंस सेक्टर की कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी है। यह कमी ऐसे समय में दर्ज की गई है, जब पिछले कुछ महीनों में डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेज बढ़त देखी गई थी। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने कुल 11 प्रमुख डिफेंस शेयरों में अपनी होल्डिंग घटाई है, जबकि छह कंपनियों में मामूली बढ़ोतरी की है।

FIIs defence stocks: सबसे ज्यादा कमी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में

रिपोर्ट बताती है कि एफआईआई (FIIs defence stocks) ने हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा कमी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में की है, जहां उनकी होल्डिंग 5.33 फीसदी से घटकर 3.26 फीसदी रह गई। यानी 207 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट। इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) में एफआईआई की हिस्सेदारी 2.43 फीसदी रह गई, जो पिछली तिमाही से 134 बेसिस पॉइंट्स कम है।

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निजी क्षेत्र में भी कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी घटी है। डेटा पैटर्न्स इंडिया और पेरास डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज में एफआईआई की होल्डिंग में क्रमश: 138 और 115 बेसिस पॉइंट्स की कमी दर्ज हुई।

एफआईआई (FIIs defence stocks) की हिस्सेदारी कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), डायनमैटिक टेक्नोलॉजीज, सिएंट डीएलएम और जेन टेक्नोलॉजीज में भी घटी है। ये सभी कंपनियां निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स का हिस्सा हैं।

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दूसरी ओर, एफआईआई (FIIs defence stocks) ने कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई भी है। मिश्र धातु निगम में 3 बेसिस पॉइंट, यूनिमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग में 5 बेसिस पॉइंट, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में 10 बेसिस पॉइंट और बीईएमएल तथा सोलर इंडस्ट्रीज में 15 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी हुई। एमटीएआर टेक्नॉलजीज में एफआईआई की हिस्सेदारी में 164 बेसिस पॉइंट की सबसे तेज बढ़त दर्ज की गई।

कुछ ब्रोकरेज रिपोर्ट्स का कहना है कि कई डिफेंस कंपनियों (FIIs defence stocks) में पिछले महीनों में शेयर कीमतों में तेज उछाल आया था, जिससे वैल्यूएशन बढ़ गया था। इसी वजह से एफआईआई ने प्रॉफिट बुकिंग करते हुए अपनी होल्डिंग कम की। इसके अलावा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अपेक्षित इमरजेंसी ऑर्डर्स धीमी गति से मिलने के कारण भी सेक्टर में उत्साह कम दिखाई दिया।

हालांकि, म्यूचुअल फंड्स ने इस सेक्टर में ठीक उलटा रुझान दिखाया। उन्होंने सितंबर तिमाही में 14 डिफेंस कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। केवल कुछ कंपनियों जैसे पारस डिफेंस, कोचीन शिपयार्ड, मिश्र धातु निगम और बीईएमएल में म्यूचुअल फंड्स ने थोड़ी कमी की।

निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने पिछले छह महीनों में मिलाजुला प्रदर्शन किया है। कुछ कंपनियों (FIIs defence stocks) ने तेज उछाल दिखाया है, जिनमें एमटीएआर टेक्नोलॉजीज ने 61 फीसदी की बढ़त दर्ज की। डायनमैटिक टेक्नोलॉजीज में 35 फीसदी और बीईएल तथा जीआरएसई में लगभग 17 फीसदी की तेजी देखी गई। बीईएमएल, भारत फोर्ज और एचएएल ने 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की, जबकि डेटा पैटर्न्स के शेयर लगभग 8 फीसदी बढ़े।

इसके विपरीत, कुछ कंपनियों (FIIs defence stocks) में तेज गिरावट भी आई। मझगांव डॉक में 21 फीसदी की गिरावट हुई, जबकि ज़ेन टेक्नोलॉजीज 19 फीसदी नीचे रहा। पेरास डिफेंस में 16 फीसदी और कोचन शिपयार्ड में 15 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बीडीएल, मिश्र धातु निगम, यूनिमेक एयरोस्पेस और सिएंट डीएलएम में भी कंपाउंड गिरावट देखी गई।

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दूसरी तरफ, जुलाई–सितंबर की दूसरी तिमाही के नतीजे कंपनियों के लिए मिश्रित रहे। डेटा पैटर्न्स ने 238 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ दिखाई। बीडीएल के रेवेन्यू में 114 फीसदी और पीएटी में 76 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। जीआरएसई ने 45 फीसदी रेवेन्यू और 57 फीसदी मुनाफा दर्ज किया।

कई कंपनियों ने स्थिर प्रदर्शन दिखाया, जबकि कोचीन शिपयार्ड और डायनमैटिक टेक्नोलॉजीज ने कमजोर परिणाम दिए। कुछ कंपनियां जैसे एस्ट्रा माइक्रोवेव और जेन टेक्नोलॉजीज भी इस तिमाही में दबाव में रहीं।

रिपोर्ट बताती है कि सितंबर तिमाही में शेयर कीमतों (FIIs defence stocks) में गिरावट के बावजूद कई कंपनियों का वैल्यूएशन आगे की कमाई के अनुमान के मुकाबले अभी भी ऊंचा है। इसके बावजूद डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी निश सेगमेंट वाली कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है, क्योंकि इनमें मजबूत ऑर्डर बुक और बेहतर कमाई की संभावना है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

शेयर कीमतों में हाल की गिरावट के बावजूद, डिफेंस सेक्टर (FIIs defence stocks) के वैल्यूएशन अभी भी आगे की कमाई (फॉरवर्ड अर्निंग्स) के आधार पर ऊंचे माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सेक्टर में प्रोजेक्ट पूरे होने में लंबा समय लगता है, इसलिए फिलहाल उनका नजरिया न्यूट्रल है।

वे बताते हैं कि जिन कंपनियों की कमाई का भविष्य साफ है और जिनका ऑर्डर बुक मजबूत है खासकर वे जो डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी खास तकनीक में काम करती हैं, वे निवेशकों का ध्यान लगातार आकर्षित कर रही हैं। इन कंपनियों की क्षमता अलग है और इनके प्रोजेक्ट पूरे होने की संभावना भी अधिक रहती है।

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उन्होंने कहा कि वैल्यूएशन (FIIs defence stocks) भले ही ऊंचे हों, लेकिन यह बात डिफेंस सेक्टर की बुनियादी मजबूती को कम नहीं करती। सरकार द्वारा स्वदेशीकरण और रक्षा निर्यात बढ़ाने पर जोर देने से यह सेक्टर लगातार मजबूत हो रहा है। हाल के आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि नए ऑर्डर मिलने की रफ्तार बढ़ी है।

डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव, सिफारिशें, विचार और राय पूरी तरह उनके निजी हैं। इनका ‘रक्षा समाचार’ के विचारों से कोई संबंध नहीं है।

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    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें पेश करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा से जुड़ी।"

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