back to top
HomeDefence NewsUS Arms Sale to India: अमेरिका ने दी भारत को जैवलिन एंटी-टैंक...

US Arms Sale to India: अमेरिका ने दी भारत को जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल और एक्सकैलिबर आर्टिलरी सौदे को मंजूरी, 93 मिलियन डॉलर की है डील

जैवलिन मिसाइल को आरटीएक्स और लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। जिनका इस्तेमाल लंबी दूरी से सर्विस टैंक और बख्तरबंद वाहनों पर सटीक हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है...

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

📍नई दिल्ली | 20 Nov, 2025, 8:11 AM

US Arms Sale to India: अमेरिका ने भारत को लगभग 93 मिलियन डॉलर के हथियार सौदे को मंजूरी दी है, इसमें 100 यूनिट एफजीएम-148 जैवेलिन एंटी-टैंक मिसाइलें, 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स और 216 यूनिट एक्सकैलिबर सटीक गाइडेड आर्टिलरी राउंड्स शामिल हैं। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने अमेरिकी कांग्रेस को औपचारिक रूप से यह जानकारी दी है।

Stryker vs WhAP: क्या अमेरिका के इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल से बेहतर है भारत का स्वदेशी बख्तरबंद वाहन?

रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस हथियार पैकेज में लाइफसाइकल सपोर्ट, सेफ्टी इंस्पेक्शन, ऑपरेटर ट्रेनिंग, लॉन्च यूनिट्स की मरम्मत शामिल हैं। बयान में यह भी कहा गया है कि यह डील भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देगी। इसके साथ ही यह कहा गया है कि इस सौदे से क्षेत्र में सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं होगा।

जैवलिन मिसाइल को आरटीएक्स और लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। जिनका इस्तेमाल लंबी दूरी से सर्विस टैंक और बख्तरबंद वाहनों पर सटीक हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मिसाइल ऊपर से हमला करती है, जहां टैंक का कवच अपेक्षाकृत कमजोर होता है। इसके साथ ही एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड जीपीएस गाइडेड हैं, जिनका इस्तेमाल प्रिसीजन हमलों में किया जाता है, जहां कम से कम नुकसान हो। ऑपरेशन सिंदूर में भी पाकिस्तान में कई ठिकानों को तबाह करने के लिए एक्सकैलिबर गोलों का इस्तेमाल किया गया था।

Excalibur Artillery Ammunition: ऑपरेशन सिंदूर में देसी के साथ इस विदेशी हथियार ने भी दिखाया था अपना कैलिबर, 9 में 7 आतंकी ठिकाने किए थे तबाह!

यह भी पढ़ें:  India-China Talks: क्या है 2005 का समझौता जिस पर चीन है अटका? और भारत को क्यों नहीं है स्वीकार

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अमेरिकी सरकार को इस सौदे के साथ जुड़े किसी भी ऑफसेट समझौते की जानकारी नहीं मिली है, और यदि कोई ऐसा समझौता होगा तो वह भारत व मैन्युफैक्चरर्स के बीच बाद में तय किया जाएगा। अमेरिका ने इस सौदे की जानकारी अमेरिकी संसद को दी है, जहां अब एक समीक्षा अवधि लागू होगी और किसी भी आपत्ति को वहां उठाया जा सकता है।

Author

  • News Desk

    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें पेश करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा से जुड़ी।"

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें पेश करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा से जुड़ी।"

Most Popular