📍नई दिल्ली | 3 Sep, 2025, 5:37 PM
Beijing Victory Day Parade 2025: चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ को बेहद भव्य अंदाज में मनाया। बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर आयोजित इस विजय दिवस परेड में चीन ने न केवल अपने अतीत की यादें ताजा कीं, बल्कि भविष्य की सैन्य ताकत का भी दमखम दिखाया। इस आयोजन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन भी शामिल हुए।
कार्यक्रम में कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड और म्यांमार जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के नेता भी मौजूद रहे। यूरोप से हंगरी, सर्बिया और बेलारूस जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया, जबकि अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी इस आयोजन से दूर रहे।
Beijing Victory Day Parade 2025: प्रोपेगैंडा का अहम हिस्सा
चीन ने इस परेड को जापान की हार के तौर पर नहीं बल्कि दुनिया को अपनी बढ़ती ताकत के संदेश के तौर पर इस्तेमाल किया। बीजिंग ने इसे अपने प्रोपेगैंडा का अहम हिस्सा बनाया। हाल के दिनों में चीन ने अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाते हुए और खुद को जापान की हार में निर्णायक ताकत के रूप में पेश करने की कोशिश की।
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर चीन को संबोधित करते हुए लिखा, “बड़ा सवाल यह है कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी ने अमेरिका द्वारा चीन को आजादी दिलाने के लिए दी गई बड़ी मदद और “खून” का जिक्र करेंगे, जो एक शत्रु विदेशी आक्रमणकारी से लड़ने में दी गई थी। कई अमेरिकियों ने चीन की जीत और सम्मान के लिए अपनी जान गंवाई। मुझे आशा है कि उनकी वीरता और बलिदान को सही तरीके से सम्मान और याद किया जाएगा। राष्ट्रपति शी और चीन के अद्भुत लोगों को एक शानदार और यादगार उत्सव की शुभकामनाएं। कृपया व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन को मेरी गर्मजोशी भरी शुभकामनाएं दें, क्योंकि आप अमेरिका के खिलाफ साजिश रचते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प।”
विशेषज्ञों का कहना है कि इस आयोजन का मकसद चीन को वैश्विक राजनीति के केंद्र में दिखाना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को एक आधुनिक, तकनीकी रूप से सक्षम सेना के रूप में प्रस्तुत करना था।
Beijing Victory Day Parade 2025: सिस्टम-ऑफ-सिस्टम्स वॉरफेयर
इस परेड का सबसे अहम पहलू था PLA का सिस्टम-ऑफ-सिस्टम्स ऑपरेशन पर जोर। इसमें रडार और ऑप्टिकल सेंसर, एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और ड्रोन काउंटर टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया गया। इसका मकसद यह दिखाना था कि चीन की सेना अब सिर्फ पारंपरिक युद्ध नहीं, बल्कि मॉडर्न मल्टीडायमेंशनल वॉरफेयर लड़ने में सक्षम है।
परेड में दिखाए गए हथियारों और मिसाइलों से साफ था कि चीन अब फुल न्यूक्लियर ट्रायड (जमीनी, हवाई और पनडुब्बी से परमाणु हमला करने की क्षमता) को मजबूती दे रहा है।

DF-61: चीन का नया रोड-मोबाइल ICBM
बीजिंग परेड में सबसे ज्यादा चर्चा DF-61 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की रही। इसे 12-एक्सल ट्रांसपोर्टर-इरेक्टर-लॉन्चर (TEL) पर ले जाया गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मिसाइल पुराने DF-41 की जगह ले सकती है।
DF-61 में MIRV तकनीक यानी एक साथ कई वारहेड्स ले जाने की क्षमता हो सकती है। इसका रोड-मोबाइल डिजाइन इसे दुश्मन के पहले हमले से सुरक्षित बनाता है। अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का परमाणु भंडार 2030 तक 1,000 से ज्यादा वारहेड्स तक पहुंच सकता है और DF-61 इस रणनीति का अहम हिस्सा है।

DF-31BJ: नया साइलो-बेस्ड मिसाइल वेरिएंट
इस परेड में DF-31BJ नाम का नया वर्जन भी दिखा, जिसे खास तौर पर साइलो से लॉन्च करने के लिए बनाया गया है। PLA के पास पहले से DF-31 के मोबाइल वर्जन हैं, लेकिन साइलो वेरिएंट से इसके लॉन्च की तैयारी का समय और भी कम हो जाएगा।

JL-3: पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइल
चीन की नई JL-3 सबमरीन-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) भी परेड में दिखाई गई। इसकी रेंज लगभग 10,000 किलोमीटर बताई जा रही है। इसका मतलब है कि चीन के पास अब ऐसी पनडुब्बियां हैं जो अपने समुद्री क्षेत्र से बाहर गए बिना ही अमेरिका तक हमला कर सकती हैं।
इसे Type 094A पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल Type 094A और Type 096 पनडुब्बियों से लॉन्च करने के लिए बनाई गई है, जो चीन की समुद्री परमाणु हथियारों की डिलीवरी क्षमता को बढ़ाती है। इसकी रेंज 10,000 से 12,000 किमी तक बताई जाती है, जो इसे अमेरिका के पूरे पूर्वी तट, हवाई और यूरोपीय ठिकानों तक पहुंचने की क्षमता देती है। यह मिसाइल तीन चरणों वाली ठोस ईंधन प्रणाली पर काम करती है, जो इसे तेजी से लॉन्च करने और कम प्रक्षेपण समय (10-15 मिनट) देने में सक्षम बनाती है। इसके साथ ही, यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRVs) से लैस है, यानी यह एक साथ कई परमाणु वारहेड्स (3-6) ले जा सकता है, जो अलग-अलग लक्ष्यों पर सटीक हमला कर सकते हैं।
JL-3 की सटीकता बहुत एडवांस है, जिसमें सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) 100-150 मीटर के आसपास है। इसे बाइदू नेविगेशन सिस्टम और इनर्शियल गाइडेंस के साथ जोड़ा गया है। मिसाइल की लंबाई लगभग 13-14 मीटर और वजन 40-50 टन है। इसकी मारक क्षमता में 250-500 किलोटन के परमाणु वारहेड्स शामिल हैं, जो बड़े शहरों या सैन्य ठिकानों को नष्ट करने के लिए काफी हैं।
पूर्व PLA कर्नल झोउ बो ने इसे चीन की रणनीति में बड़ी उपलब्धि बताया। RAND के विश्लेषक रेमंड कुओ के मुताबिक, JL-3 से लैस पनडुब्बियां दुश्मन के तट के पास पहुंचकर सिर्फ 5 मिनट की चेतावनी में हमला कर सकती हैं।

DF-5C: 20,000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल
चीन ने परेड में DF-5C नाम की नई लिक्विड-फ्यूल्ड इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल भी पेश की। इसकी रेंज 20,000 किलोमीटर से ज्यादा बताई गई है, यानी यह पूरी दुनिया को निशाने पर ले सकती है। विशेषज्ञ यांग चेंगजुन के मुताबिक, DF-5C में DF-41 की तकनीक भी शामिल है। इसमें तेज़ी से तैनाती, हाइपरसोनिक गति, मल्टीपल वारहेड (MIRV) और बेहद सटीक गाइडेंस सिस्टम जैसी खूबियां हैं।

YJ सीरीज की नई एंटी-शिप मिसाइलें
परेड में चीन ने YJ सीरीज की चार नई मिसाइलें भी पेश कीं, जिन्हें खास तौर पर समुद्र में दुश्मन के जहाज़ों और एयरक्राफ्ट कैरियर्स को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है। सबसे पहले YJ-15 दिखाई गई, जो रैमजेट इंजन से चलने वाली सुपरसोनिक मिसाइल है। यह इतनी तेज है कि मैक 3 से मैक 4 की रफ्तार तक जा सकती है और अपने स्पीड से ही दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को दबाव में ला देती है।
इसके बाद YJ-17 सामने आई, जिसे हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) कहा जाता है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह उड़ने के दौरान लगातार दिशा बदल सकती है और दुश्मन के एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है।
इसी श्रृंखला में YJ-19 को सबसे खतरनाक माना जा रहा है। यह स्क्रैमजेट इंजन से लैस मिसाइल है, जो मैकh 10 तक की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी मारक क्षमता और गति इतनी जबरदस्त है कि इसे खास तौर पर अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर्स के लिए चुनौती बताया जा रहा है।
सबसे आखिर में चीन ने YJ-20 को दिखाया, जो एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक एंटी-शिप मिसाइल है। यह लंबी दूरी से लॉन्च होकर बेहद सटीक तरीके से दुश्मन के जहाज को निशाना बना सकती है और अपने हाई-एल्टीट्यूड मैन्युवरिंग के कारण रोक पाना लगभग असंभव माना जाता है।

KJ-600 अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट
यह एक नया हवाई चेतावनी और नियंत्रण विमान है, जो पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाया गया। यह दुश्मन विमानों और मिसाइलों का पता लगाने और वास्तविक समय में जानकारी देने में सक्षम है।इसमें एईएसए (Active Electronically Scanned Array) रडार लगा है, जो 400 किमी तक दुश्मन विमानों, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने में सक्षम है। यह रीयल टाइम में डेटा प्रोसेसिंग के साथ एयर डिफेंस को मजबूत करता है और विमानवाहक पोत से ऑपरेट हो सकता है।

J-20S फाइटर जेट (दो-सीटर)
J-20 का एडवांस दो-सीटर संस्करण, जो स्टील्थ तकनीक से लैस है। यह गति (मैक 2+) और बहुउद्देश्यीय क्षमता (हवा से हवा और हवा से जमीन हमले) के साथ PL-15 मिसाइलें और लेजर-गाइडेड बम ले सकता है। यह पहली बार परेड में प्रदर्शित हुआ और प्रशिक्षण व मल्टी-रोल मिशन के लिए डिजाइन किया गया है। -20 का यह दो-सीटर संस्करण स्टील्थ तकनीक से लैस है, जो रडार से बचने में सक्षम है। यह PL-15 हवा से हवा मिसाइलें (150+ किमी रेंज), PL-10 शॉर्ट-रेंज मिसाइलें, और लेजर-गाइडेड बम ले सकता है। दो-सीटर डिजाइन पायलट प्रशिक्षण और संयुक्त मिशन (जैसे हवा से जमीन हमले) के लिए है। यह परेड में पहली बार देखा गया।

HQ-19, HQ-12 और HQ-29 (सरफेस-टू-एयर मिसाइलें)
ये छह नई मिसाइलें एयर डिफेंस के लिए हैं। HQ-19 यह एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है, जो 3000+ किमी रेंज की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) को मध्य और ऊपरी वायुमंडल में इंटरसेप्ट कर सकता है। इसमें मल्टी-लेयर रडार और हाई स्पीड (मैक 6+) है।
जबकि HQ-12 मध्यम दूरी की मिसाइल (100-150 किमी रेंज) है, जो क्रूज मिसाइलों और लो-फ्लाइंग टारगेट्स को निशाना बनाने में सक्षम है। वहीं, HQ-29 क्रूज मिसाइलों और विमानों को निशाना बनाने में सक्षम हैं। यह शॉर्ट-रेंज डिफेंस सिस्टम (50-70 किमी) है, जो ड्रोन और हेलिकॉप्टर जैसे नजदीकी खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है।

PCH-191 मॉड्यूलर लॉन्ग-रेंज रॉकेट लॉन्चर्स
ये मोबाइल लॉन्चर 300-400 किमी रेंज के रॉकेट दाग सकते हैं। इनका मॉड्यूलर डिजाइन उन्हें विभिन्न युद्धक्षेत्रों में अनुकूलित करने की अनुमति देता है, जिसमें सटीकता और तुरंत तैनाती शामिल है। PCH-191 एक 8×8 व्हील्ड हाई-मोबिलिटी ऑफ-रोड चेसिस (Wanshan WS2400) पर आधारित है, जिसका वजन लगभग 45 टन है। यह -22°C से 55°C तापमान और सभी मौसमों में संचालित हो सकता है। इसमें दो स्वतंत्र मॉड्यूलर लॉन्च सेल हैं, जो विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद ले सकते हैं। प्रत्येक सेल को 5 × 300 मिमी रॉकेट्स, 4 × 370 मिमी रॉकेट्स, या 1 × 750 मिमी मिसाइल से लैस किया जा सकता है।
300 मिमी रॉकेट्स रेंज 70-150 किमी है, जिसमें सटीकता 10 मीटर के भीतर है। ये उच्च-विस्फोटक और क्लस्टर वारहेड्स ले सकते हैं। 370 मिमी “फायर ड्रैगन 280” गाइडेड रॉकेट्स की रेंज 280 किमी तक है, जो सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। 750 मिमी “फायर ड्रैगन 480” टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल अधिकतम रेंज 500 किमी है, जो ताइवान जैसे क्षेत्रों को मुख्यभूमि से लक्षित करने में सक्षम है। ये परमाणु या पारंपरिक वारहेड्स ले सकते हैं। बैटरी स्तर पर 20 सेकंड और सिंगल लॉन्चर पर 15 सेकंड में हमला शुरू करने की क्षमता है। इसका रॉकेट्स के साथ सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) 50 मीटर से कम है। वहीं पूर्ण सैवलो 67 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर कर सकता है।
