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Shaktibaan Regiments: भारतीय सेना की शक्तिबाण रेजिमेंट्स को देखते ही थर-थर कांपेगा दुश्मन! ये हथियार होंगे शामिल, इस साल के आखिर तक हो जाएगी ऑपरेशनल

भैरव बटालियन, स्पेशल फोर्सेस और सामान्य इन्फैंट्री के बीच एक कड़ी का काम करेंगी। इनकी तैनाती पाकिस्तान और चीन, दोनों सीमाओं पर होगी...

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शुरुआत में शक्तिबाण रेजिमेंट (Shaktibaan Regiments) को पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किया जाएगा, लेकिन बाद में देश के अन्य इलाकों में भी तैनात किया जा सकता है। यह रेजिमेंट सेना को ज्यादा मारक ताकत और दुश्मन के ड्रोन का मुकाबला करने की क्षमता देगी। इस कदम का एलान ऐसे समय में हुआ है जब हालिया युद्धों में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है...
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📍नई दिल्ली | 12 Aug, 2025, 1:28 PM

Shaktibaan Regiments: भारतीय सेना इस साल के आखिर तक शक्तिबाण आर्टिलरी रेजिमेंट्स को पाकिस्तान सीमा पर तैनात करने जा रही है। इसके तहत पाकिस्तान सीमा पर शक्तिबाण आर्टिलरी रेजिमेंट तैनात की जाएगी। इसके साथ ही सेना में भैरव लाइट कमांडो बटालियन और रुद्र ब्रिगेड भी बनाई जाएंगी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस महीने की शुरुआत में इसके लिए औपचारिक आदेश “इम्प्लीमेंटेशन इंस्ट्रक्शन्स” जारी कर दिए हैं।

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Shaktibaan Regiments में खास कंपोजिट बैटरी

शक्तिबान रेजिमेंट (Shaktibaan Regiments) में दो बड़ी बैटरियां होंगी, जिनमें सामान्य से ज्यादा संख्या में गन होंगी। इसके अलावा एक खास “कंपोजिट बैटरी” होगी, जिसमें दो तरह की तकनीकें एक साथ काम करेंगी। इनमें लंबी दूरी तक मार करने वाले लॉइटर म्युनिशन (लंबी रेंज वाले) और रिमोट से चलने वाले एयरक्राफ्ट (RPA) शामिल होंगे। जो पहले से मौजूद दिव्यास्त्र बैटरी की तर्ज पर होंगे।

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एक आर्टिलरी रेजिमेंट में आमतौर पर तीन बैटरियां होती हैं और हर बैटरी में छह गन होती हैं, यानी कुल 18 गन होती हैं। बैटरी रेजिमेंट की एक टैक्टिकल यूनिट होती है, जिसमें तोपें, आवश्यक हथियार, उपकरण और प्रशिक्षित सैनिक होते हैं।

सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में शक्तिबाण रेजिमेंट (Shaktibaan Regiments) को पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किया जाएगा, लेकिन बाद में देश के अन्य इलाकों में भी तैनात किया जा सकता है। यह रेजिमेंट सेना को ज्यादा मारक ताकत और दुश्मन के ड्रोन का मुकाबला करने की क्षमता देगी। इस कदम का एलान ऐसे समय में हुआ है जब हालिया युद्धों में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव में भी ड्रोन का जबरदस्त इस्तेमाल देखने को मिला था। सेना ने स्पष्ट किया है कि शक्तिबाण रेजिमेंट का गठन “सेव एंड रेज” मॉडल पर हो रहा है, यानी इसे बनाने में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा, बल्कि मौजूदा संसाधनों का इस्तेमाल कर इसे तैयार किया जाएगा।

भैरव लाइट कमांडो बटालियन

भारतीय सेना इन्फेंट्री में भी बदलाव कर रही है। इसके तहत भैरव लाइट कमांडो बटालियन तैयार की जा रही है। ये बटालियन तेज और निर्णायक कार्रवाइयों के लिए तैयार की जा रही हैं। इन्हें हाई एल्टीट्यूड इलाकों, आतंकवाद-रोधी अभियानों और अर्बन वॉरफेयर के लिए ट्रेन किया जाएगा। भैरव बटालियन सीमा पर किसी भी आपात स्थिति में जल्दी और सटीक कार्रवाई करने में सक्षम होगी। ये बटालियन सेना के अलग-अलग कोर के साथ जुड़ी होंगी। “सन ऑफ सॉयल” पॉलिसी के तहत, इनमें भर्ती के लिए ज्यादातर जवान उसी इलाके से चुने जाएंगे, जहां ये तैनात होंगी। पहले इनकी ट्रेनिंग रेजिमेंटल सेंटर्स में होगी, फिर इन्हें स्पेशल फोर्सेस ट्रेनिंग सेंटर्स में भी ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि स्पेशल फोर्सेस को ज्यादा महत्वपूर्ण मिशनों के लिए मुक्त किया जा सके।

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भैरव बटालियन, स्पेशल फोर्सेस और सामान्य इन्फैंट्री के बीच एक कड़ी का काम करेंगी। इनकी तैनाती पाकिस्तान और चीन, दोनों सीमाओं पर होगी।

रुद्र ब्रिगेड

इसके अलावा सेना ब्रिगेड स्तर पर भी बदलाव कर रही है। नई ब्रिगेड को “रुद्र ब्रिगेड” नाम दिया जाएगा। एक ब्रिगेड में करीब 3,000 से 3,500 सैनिक होते हैं और इसकी कमान एक ब्रिगेडियर के पास होती है। रुद्र ब्रिगेड किसी भी इलाके में ऑपरेशन कर सकेगी। इसमें सभी प्रकार की कॉम्बैट आर्म्स जैसे इन्फैंट्री, आर्मर्ड और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री और सभी सपोर्ट आर्म्स भी शामिल होंगी, जिनमें आर्टिलरी, इंजीनियर्स, एयर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर शामिल हैं। साथ ही, इन्हें खास तरह की लॉजिस्टिक और लड़ाई में मदद करने वाली टीम का सपोर्ट भी मिलेगा।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 26 जुलाई 2025 को कारगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास में इन बदलावों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना न केवल मौजूदा चुनौतियों का सामना कर रही है, बल्कि एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार सेना बन रही है।

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