📍नई दिल्ली | 5 months ago
New ECHS Advisory: रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेडक्वॉर्टर (सेना) की तरफ से 12 नवंबर 2024 को जारी किए गए पत्र में, ईसीएचएस (एक्स-सर्विसमैन कंज्यूमर हेल्थकेयर स्कीम) से जुड़े सभी क्षेत्रीय केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नॉन-सीडीएल यानी Non–Common Drug List दवाओं के लिए एनए (नॉट अवेलेबल) पॉलिसी का सख्ती से पालन करें।

क्या है नई नीति?
ईसीएचएस से जुड़े सभी पीसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और उनकी डिस्पेंसरी में यदि किसी दवा की उपलब्धता नहीं है, तो संबंधित अधिकारी (ओआईसी) को एक नई गाइडलाइन जारी की गई है। अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा उपलब्ध नहीं है, तो वे या तो अधिकृत स्थानीय केमिस्ट (Authorized Local Chemist) से दवाइयाँ खरीद सकते हैं, बशर्ते वह नगरपालिका की सीमा के भीतर स्थित हो। यदि केमिस्ट बाहर स्थित है, तो यह प्रक्रिया 72 घंटे के भीतर पूरी करनी होगी। यदि निर्धारित दवा फिर भी उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो ईसीएचएस लाभार्थी को पर्चे पर नॉट अवेलेबल जारी किया जाएगा। इसके बाद, लाभार्थी स्थानीय मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीद सकते हैं और बाद में सीओ ईसीएचएस के दिशा-निर्देशों के अनुसार दवा की खरीद के बिल का दावा कर सकते हैं।
CE-ECHS ने क्यों लिखा पत्र
ईसीएचएस के प्रमुख ने इस पत्र में स्पष्ट किया कि केवल वही दवाइयां, जो ईसीडीएल-2024 (ईसीएचएस ड्रग लिस्ट) के अंतर्गत आती हैं, उनके लिए नॉट अवेलेबल जारी किया जा सकता है। यदि किसी दवा की डिमांड ईसीडीएल-2024 के बाहर से की जाती है, तो उसका एनए पास नहीं किया जाएगा, सिवाय इसके कि वह दवा अत्यंत आवश्यक और महत्वपूर्ण हो। ऐसी स्थिति में SEMO (सैन्य चिकित्सा अधिकारी) की मंजूरी के बाद ही दवा को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, और बाद में उस दवा को ईसीएचएस ड्रग लिस्ट में शामिल करने के लिए CO ECHS के पास भेजा जा सकता है।
नॉट अवेलेबल (एनए) और इसके महत्व पर जोर
इस नई नीति के तहत, केवल सिस्टम द्वारा जनरेटेड एनए को ही मान्यता दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि रीजनल सेंटर्स को किसी भी तरह से अन्यथा एनए पास करने की अनुमति नहीं होगी। यदि किसी दवा की मांग लगातार बढ़ रही है, तो इसे प्राथमिकता देते हुए आवश्यक मंजूरी के बाद ईसीएचएस सूची में शामिल किया जा सकता है।
क्या है इसका उद्देश्य?
इस नीति का मुख्य उद्देश्य ईसीएचएस प्रणाली को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाना है, ताकि लाभार्थियों को तुरंत और बिना किसी रुकावट के उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं के अनुसार दवाइयां मिल सकें। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वही दवाइयां दी जाएं, जो सही दिशा-निर्देशों और अप्रूवल के तहत हों, जिससे सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी बनी रहे और समयबद्ध तरीके से सेवा प्रदान की जा सके।
वहीं, इस नए निर्देश से ईसीएचएस लाभार्थियों के लिए दवाइयों की उपलब्धता को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। इसके साथ ही, सिस्टम जनरेटेड एनए की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि सभी लाभार्थियों को उनकी जरूरत की दवाइयां समय पर मिल सकें। यह नीति ईसीएचएस के तहत सेवा देने वाले सभी संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है और इस पर सख्त पालन किया जाएगा।