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INS Mahe Commissioning: भारतीय नौसेना को मिला नया वॉरशिप, आर्मी चीफ बोले- राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा हैं भूमि, समुद्र और आकाश, स्वदेशी क्षमता पर जताया गर्व

जनरल द्विवेदी ने वॉरशिप की कमांडिंग टीम को संबोधित करते हुए कहा कि अब इस वॉरशिप की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। उन्होंने कहा, “एक जहाज उतना ही मजबूत होता है, जितने मजबूत और अनुशासित उसके नाविक होते हैं...

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📍मुंबई | 24 Nov, 2025, 8:21 PM

INS Mahe Commissioning: भारतीय सेना के चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आईएनएस माहे के कमीशनिंग समारोह में कहा कि “भूमि, समुद्र और आकाश, ये तीनों हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के एक ही हिस्से हैं। जब तीनों सेनाएं एक साथ काम करती हैं, तभी देश की सुरक्षा सबसे मजबूत होती है।”

INS Mahe Commissioning: भारतीय नौसेना में 24 नवंबर को कमीशन होगी आईएनएस माहे एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट

उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक युद्ध अब मल्टी-डोमेन हो चुके हैं, जहां जमीन से लेकर समुद्र, आकाश, सूचना क्षेत्र और साइबर स्पेस हर जगह एक साथ तैयार रहना जरूरी है। जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई ने साबित कर दिया कि भारत की असली ताकत “जॉइंटनेस” यानी संयुक्त क्षमता में है।

INS Mahe Commissioning: मुंबई नेवल डॉकयार्ड में हुई कमीशनिंग

भारतीय नौसेना के लिए 24 नवंबर का दिन ऐतिहासिक रहा, जब पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बना आईएनएस माहे (INS Mahe) आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया। यह माहे-क्लास एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) का पहला वॉरशिप है, जिसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने डिजाइन और तैयार किया है। आठ स्वदेशी शैलो वॉटरक्राफ्ट का पहला जहाज है, जिसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड बनाया है। वॉरशिप का कमीशनिंग समारोह मुंबई नेवल डॉकयार्ड में हुआ, जिसमें भारतीय सेना के चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। (INS Mahe Commissioning)

INS Mahe Commissioning- Indian Army Chief General Upendra Dwivedi at INS Mahe Commissioning
INS Mahe

कमांड टीम को बोला “ब्रावो जूलू”

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आईएनएस माहे की कमांड टीम को संबोधित करते हुए “ब्रावो जूलू” कहा, जिसे नौसेना में किसी शानदार कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि आईएनएस माहे का नौसेना में शामिल होना भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत बनाता है और यह दिन पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

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INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony
INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony

उन्होंने कहा कि आईएनएस माहे का कमीशन होना यह साबित करता है कि भारत अब अपनी जरूरतों के हिसाब से मुश्किल वॉरशिप्स को भी स्वदेशी तकनीक से डिजाइन और मैन्यूफैक्चर कर सकता है। वर्तमान में नौसेना की 75 फीसदी से अधिक पूंजीगत खरीदें देश में ही बन रही हैं, जिसमें वॉरशिप, सबमरीन, हाई-एंड सोनार और वेपंस सिस्टम शामिल हैं। (INS Mahe Commissioning)

INS Mahe Commissioning- Indian Army Chief General Upendra Dwivedi at INS Mahe Commissioning
INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony

“नौसेना के जांबाज समुद्र में हर वक्त तैयार रहते हैं”

जनरल द्विवेदी ने आईएनएस माहे के नाम के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि माहे एक ऐतिहासिक तटीय शहर है, जिसका समुद्री इतिहास बेहद समृद्ध है और जिसे देश की समुद्री विरासत का प्रतीक माना जाता है। वॉरशिप के क्रेस्ट पर बना “उरुमी”कलारीपयट्टू की लचीली तलवार-फुर्ती, सटीकता और युद्धक तैयारी का प्रतीक है। इसका मैस्कॉट “चीता” वॉरशिप की रफ्तार और फोकस का प्रतीक माना जाता है। जहाज का मोटो साइलेंट हंटर्स उसकी स्टील्थ क्षमता और सतर्कता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि यह वॉरशिप नौसेना की कोस्टल सिक्योरिटी, एंटी–सबमरीन वॉरफेयर और लिटोरल (तटीय) ऑपरेशन में एक बड़ा योगदान देगा। इसके शामिल होने से भारतीय तटीय इलाकों की निगरानी और सुरक्षा ढांचा और मजबूत होगा। (INS Mahe Commissioning)

जनरल द्विवेदी ने वॉरशिप की कमांडिंग टीम को संबोधित करते हुए कहा कि अब इस वॉरशिप की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। उन्होंने कहा, “एक जहाज उतना ही मजबूत होता है, जितने मजबूत और अनुशासित उसके नाविक होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश इसलिए चैन की नींद सोता है, क्योंकि नौसेना के जांबाज समुद्र में हर वक्त तैयार रहते हैं।

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INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony
INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony

मल्टी-डोमेन हो रहे हैं आधुनिक युद्ध

उन्होंने हेलन केलर का उद्धरण देते हुए कहा, “अकेले हम थोड़ा करते हैं, साथ मिलकर बहुत कुछ करते हैं।” यही भावना भारत की तीनों सेनाओं आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को जोड़ती है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध अब मल्टी–डोमेन हो रहे हैं, और तीनों सेनाओं की साझा ताकत ही भारत की असली रणनीतिक क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि “जॉइंट ऑपरेशन ही भारत को सुरक्षा के हर मोर्चे पर मजबूत बनाते हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय सेना भी “डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन” के अभियान के तहत कई सुधार कर रही है, जिसमें जॉइंटनेस और इंटीग्रेशन सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि नौसेना न केवल समुद्र में सुरक्षा देती है, बल्कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों और वैश्विक मंच पर स्मार्ट डिप्लोमेसी में भी बड़ी भूमिका निभाती है और भविष्य में उसके विस्तार की योजनाएं भी बहुत बड़ी हैं। समारोह के अंत में उन्होंने आईएनएस माहे के कमांडिंग ऑफिसर और क्रू को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “जब आप इस जहाज पर तिरंगा फहराएंगे, तो उसके साथ पूरे देश का विश्वास और गर्व भी आपके साथ खड़ा होगा। आपकी हर यात्रा सुरक्षित हो और हर मिशन सफल हो।” (INS Mahe Commissioning)

INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony
INS Mahe Commissioning: Indian Army Chief General Upendra Dwivedi Attends Warship Induction Ceremony

200 नॉटिकल माइल के इलाके को करेगा कवर

आईएनएस माहे भारतीय नौसेना की तटीय सुरक्षा को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण वॉरशिप है। यह लिटलोरल जोन में एंटी-सबमरीन ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें एडवांस्ड सोनार सिस्टम, मॉडर्न कम्युनिकेशन सूट, सर्च-एंड-अटैक क्षमता और स्टील्थ डिजाइन शामिल है। युद्धपोत में वॉटरजेट प्रोपल्शन है, जो उथले पानी में भी ऑपरेशन कर सकता है।

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माहे-क्लास जहाज पुराने अभय-क्लास को रिप्लेस करेंगे और तटीय इलाकों में 200 नॉटिकल माइल (लगभग 370 किमी) के दायरे में सबमरीन और अंडरवॉटर खतरों को ट्रैक करने में मदद करेंगे। आईएनएस माहे आने वाले सालों में तटीय सुरक्षा की पहली पंक्ति बनेगा और बड़े वॉरशिप्स, एयरक्राफ्ट और सबमरीन के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशंस में मदद करेगा। (INS Mahe Commissioning)

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