📍नई दिल्ली | 24 Nov, 2025, 8:00 AM
BvS10 Sindhu: भारतीय सेना ने हाई-एल्टीट्यूड और कठिन इलाकों में अपनी ऑपरेशन क्षमता को बढ़ाने के लिए BvS10 सिंधु एडवांस्ड आर्टिक्युलेटेड ऑल-टेरेन व्हीकल की खरीद का समझौता किया है। यह व्हीकल एलएंडटी भारत में स्वीडन की कंपनी बीएई सिस्टम्स की मदद से भारत में मैन्यूफैक्चर करेगी।
BvS10 Sindhu: कुल 18 वाहन मिलेंगे
एलएंडटी की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया है कि यह कॉन्ट्रैक्ट करीब 245 करोड़ रुपये का है, जिसके तहत सेना को कुल 18 वाहन मिलेंगे। मार्च 2022 में रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 18 आर्टिक्युलेटेड ऑल-टेरेन व्हीकल (एएटीवी) की रिक्वायरमेंट जारी की थी। खरीद प्रक्रिया बॉय (इंडियन) कैटेगरी के तहत की गई है और इसमें 60 फीसदी से अधिक इंडिजिनस कंटेंट जरूरी था। इन व्हीकल्स को हजीरा (गुजरात) आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स में तैयार किया जाएगा। (BvS10 Sindhu)ॉ
इनमें से बारह व्हीकल लद्दाख में निमू में तैनात किए जाएंगे और छह व्हीकल भुज भेजे जाएंगे। रक्षा सूत्रों के अनुसार, सेना को ये 18 वाहन 2027 तक मिल जाएंगे। पारंपरिक व्हीकल्स जैसे BMP-2 या लाइट कमर्शियल स्नो व्हीकल्स जहां फेल हो जाते हैं, वहां लास्ट-माइल रिसप्लाई, कैजुअल्टी इवैक्यूएशन, और रैपिड रीइन्फोर्समेंट में यह मदद करेगा। ये लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर माउंटेन ब्रिगेड्स की ऑपरेशनल रेडीनेस बढ़ाएगा। (BvS10 Sindhu)
BvS10 सिंधु पहले से मौजूद BvS10 प्लेटफॉर्म का भारतीय जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया अपग्रेडेड वेरिएंट है। यह दो हिस्सों वाला आर्टिक्युलेटेड वाहन है, जो बर्फ, कीचड़, रेगिस्तान, दलदली जमीन और पहाड़ी चट्टानों जैसे बेहद कठिन इलाकों में भी आसानी से चल सकता है। एलएंडटी और बीएई के अनुसार, इस व्हीकल ने गुजरात के सी-लेवल और ऊंचे पर्वतीय इलाकों दोनों में भारतीय सेना के साथ बेहद कठिन ट्रायल्स पास किए हैं। (BvS10 Sindhu)
BvS10 सिंधु को भारतीय सेना की नई जरूरतों, खासकर उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर ऑपरेशंस के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे बर्फीले इलाकों में सैनिकों, हथियारों, रसद और संचार उपकरणों को पहुंचाने और तेज मूवमेंट के लिए डिजाइन किया गया है। सेना मानती है कि यह वाहन आने वाले समय में कठिन इलाकों में उसकी मोबिलिटी को मजबूत करेगा और ऑपरेशनल चुनौतियों को कम करेगा। (BvS10 Sindhu)
BvS10 मूल रूप से स्वीडिश आर्मी के लिए डिजाइन किया गया था, जो ऑस्ट्रिया, फ्रांस, नीदरलैंड्स, स्वीडन, यूक्रेन, यूके और जर्मनी में सर्विस में है। ये एक्सट्रीम एनवायरनमेंट्स के लिए प्रूवन है, और इसके आने से भारतीय सेना के मॉडर्नाइजेशन को मजबूती मिलेगी।
क्या है BvS10 Sindhu
BvS10 सिंधु को सेना की जरूरत के हिसाब से लद्दाख और भुज जैसे कठिन इलाकों में तैनात किया जाएगा, जहां बर्फ, कीचड़, दलदल और रेगिस्तानी जमीन पर सामान्य गाड़ियां आसानी से नहीं चल पातीं। BvS10 सिंधु दो हिस्सों वाला आर्टिक्युलेटेड वाहन है, जो अपने ट्रैक सिस्टम की वजह से न केवल ऊंचे पहाड़ों पर बल्कि दलदली और बर्फीली जमीन पर भी स्थिर होकर चल सकता है। सेना के अधिकारियों के मुताबिक यह व्हीकल वहां भी चल सकता है, जहां आम आर्मर्ड गाड़ियां फंस जाती हैं। इसी वजह से इसे “ऑल-टेरेन व्हीकल” कहा जाता है।
सुरक्षा के मामले में भी BvS10 सिंधु बेहद मजबूत है। इसकी बॉडी पूरी तरह आर्मर्ड है, जो सैनिकों को गोलियों और धमाकों से बचाती है। इसमें एनबीसी प्रोटेक्शन भी है यानी न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल खतरों से बचाव मिलता है। इतना ही नहीं, यह वाहन -40° से +50° सेल्सियस तक के तापमान में भी काम कर सकता है।
BvS10 सिंधु में लगा हाई-एल्टीट्यूड डीजल इंजन इतना ताकतवर है कि यह वाहन 18,000 फीट (करीब 5,500 मीटर) की ऊंचाई पर भी आसानी से चल सकता है। यानी यह वहीं काम कर सकता है जहां ऑक्सीजन कम होती है और आम व्हीकल्स वाहन दम तोड़ देते हैं।
इस वाहन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जमीन के साथ-साथ पानी में भी चल सकता है। यानी यह एक तरह से “एम्फीबियस” वाहन है। जमीन पर इसकी स्पीड 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहती है, जबकि पानी में यह 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। इसमें 10–12 सैनिक बैठ सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसे एम्बुलेंस, कमांड पोस्ट या वेपन कैरियर में भी बदला जा सकता है।
सेना के लिए यह वाहन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सैनिकों, हथियारों और मेडिकल टीम को उन इलाकों तक पहुंचा सकता है, जहां सड़कें नहीं हैं या फिर हालात बहुत कठिन हैं।
