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Sheikh Hasina slams ICT verdict: शेख हसीना ने आईसीटी के फैसले को बताया साजिश, कहा- लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश

पूर्व प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के अंतरिम शासक डॉ. मोहम्मद यूनुस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि देश की सत्ता “हिंसक, असंवैधानिक और चरमपंथी ताकतों” के हाथों में चली गई है...

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📍नई दिल्ली | 17 Nov, 2025, 3:27 PM

Sheikh Hasina slams ICT verdict: ढाका से एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने खिलाफ आए इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के फैसले को “साजिश और राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया है। हसीना ने कहा कि यह फैसला एक “गैर-निर्वाचित और मनमाने” ट्रिब्यूनल ने दिया है, जो मौजूदा अंतरिम सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को आजीवन कारावास और मौत की सजा सुनाई है।

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हसीना ने पांच पन्नों का विस्तृत बयान जारी करते हुए कहा कि “यह फैसला बांग्लादेश की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने और अवामी लीग को खत्म करने की कोशिश है।”

Sheikh Hasina slams ICT verdict: ‘ट्रिब्यूनल ने बिना निष्पक्ष सुनवाई के फैसला सुनाया’

शेख हसीना ने कहा कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल एक निष्पक्ष संस्था नहीं है और इसके जरिए विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा, “मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। मुझे कोर्ट में अपना बचाव करने या अपनी पसंद के वकील रखने का मौका भी नहीं दिया गया।”

हसीना ने कहा कि ट्रिब्यूनल के ज्यादातर जज और वकील वही हैं जो पहले उनकी पार्टी अवामी लीग का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सिर्फ अवामी लीग के नेताओं को सजा दी है, जबकि चरमपंथी समूहों और अन्य संगठनों के अपराधों की जांच तक नहीं की गई।”

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‘डॉ. यूनुस की सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बनाया’

पूर्व प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के अंतरिम शासक डॉ. मोहम्मद यूनुस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि देश की सत्ता “हिंसक, असंवैधानिक और चरमपंथी ताकतों” के हाथों में चली गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. यूनुस की सरकार ने “सत्ता हथियाने के लिए अवामी लीग के हजारों कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज किए हैं।”

हसीना ने कहा कि इस सरकार ने बांग्लादेश के लोकतंत्र, मीडिया और न्याय प्रणाली को कमजोर कर दिया है। उनके मुताबिक, “यूनुस सरकार के दौरान पुलिस पीछे हट गई, कानून व्यवस्था चरमरा गई और महिलाओं तथा अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए। पत्रकारों को जेल में डाला गया और उनकी आवाज दबाई गई।”

‘मासूम नागरिकों को निशाना बनाया गया’

अपने बयान में हसीना ने जुलाई और अगस्त 2024 की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान देश में हिंसा और अराजकता फैली थी, लेकिन “सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम किया, किसी के खिलाफ साजिश नहीं की।” उन्होंने कहा कि उनके आदेश पर किसी प्रदर्शनकारी की हत्या नहीं की गई और न ही किसी को जानबूझकर निशाना बनाया गया।

हसीना ने कहा कि उस समय स्थिति नियंत्रण से बाहर थी, लेकिन इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उन्होंने कहा कि “सरकारी इमारतें, थाने और अन्य कार्यालय प्रदर्शनकारियों द्वारा जलाए गए, लेकिन इसका दोष मुझ पर लगाया गया।”

‘अवामी लीग को खत्म करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश’

पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार और उसके सहयोगी संगठनों ने अवामी लीग को राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झूठ फैलाया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल का नाम “इंटरनेशनल” जरूर है, लेकिन इसका कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त चरित्र नहीं है।

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उन्होंने कहा, “यह वही अदालत है जिसने कभी युद्ध अपराधियों को सजा देने के नाम पर राजनीतिक विरोधियों को जेल भेजा था। आज वही अदालत मेरे खिलाफ इस्तेमाल की जा रही है ताकि लोकतंत्र की आखिरी आवाज भी बंद की जा सके।”

‘अंतरराष्ट्रीय अदालत में लाए जाएं आरोप’

हसीना ने कहा कि वह चाहती हैं कि यह मामला इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) में सुना जाए ताकि असली सच सामने आ सके। उन्होंने कहा, “अगर यह सरकार सच बोल रही है, तो उसे आईसीसी में सबूत पेश करने चाहिए। लेकिन उन्हें डर है कि आईसीसी उनके अपने मानवाधिकार हनन को उजागर कर देगा।”

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया, एनजीओ और आईएमएफ जैसी संस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि “विश्व समुदाय जानता है कि यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।”

‘बांग्लादेश का भविष्य उसके लोगों का है’

अपने बयान के अंत में हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की जनता किसी भी झूठी साजिश में नहीं फंसेगी। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश का भविष्य उसके लोगों का है, किसी गैर-निर्वाचित सरकार का नहीं। देश को आज आजाद और निष्पक्ष चुनावों की जरूरत है।”

उन्होंने दावा किया कि डॉ. यूनुस और उनकी सरकार ने देश को संकट में डाल दिया है, जबकि अवामी लीग ने हमेशा देश की एकता, धर्मनिरपेक्षता और विकास के लिए काम किया है।

शेख हसीना ने कहा कि उनके शासनकाल में बांग्लादेश ने मानवाधिकार, शिक्षा, बिजली और आर्थिक विकास में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कहा, “हमने रोहिंग्या शरणार्थियों को आश्रय दिया, बिजली और शिक्षा की पहुंच बढ़ाई और 15 साल में 450 फीसदी जीडीपी वृद्धि हासिल की। ये हमारे नेतृत्व की सच्ची पहचान हैं, न कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के झूठे आरोप।”

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