Cyber Attack: अपनी हरकतों से नहीं बाज आ रहा पाकिस्तान, पाक हैकर ग्रुप ने डिफेंस वेबसाइट्स पर किया साइबर अटैक, एजेंसियां अलर्ट

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By News Desk

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पाकिस्तान से संचालित एक ट्विटर अकाउंट "Pakistan Cyber Force" ने दावा किया है कि उसने भारत की मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (MP-IDSA) के संवेदनशील डाटा तक पहुंच बनाई है। इसमें रक्षा कार्मिकों की निजी जानकारी और लॉगिन डिटेल्स भी शामिल होने की आशंका है। इसके साथ ही, पाकिस्तान समर्थित हैकरों ने रक्षा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी "Armoured Vehicle Nigam Limited" की वेबसाइट को भी डिफेस कर दिया...

📍नई दिल्ली | 1 day ago

Cyber Attack: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक नया मोर्चा अब साइबर स्पेस में भी खुल गया है। ट्विटर पर सक्रिय एक हैंडल ‘Pakistan Cyber Force’ ने दावा किया है कि उसने भारत की दो प्रमुख रक्षा संस्थाओं Indian Military Engineering Service (MES) और Manohar Parrikar Institute of Defence Studies and Analysis (MP-IDSA) के डाटा सिस्टम को हैक कर लिया है। इस डाटा में रक्षा कर्मियों की व्यक्तिगत जानकारी और लॉगइन क्रेडेंशियल्स शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

हालांकि इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह दावा भारत की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला माना जा रहा है। खासकर उस वक्त जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव पहले से ही चरम पर है।

Cyber Attack: क्या हुआ हैक?

‘Pakistan Cyber Force’ का दावा है कि उसने भारतीय रक्षा संस्थानों के संवेदनशील डाटा (Cyber Attack) को एक्सेस कर लिया है, जिसमें सैन्य कर्मियों की व्यक्तिगत जानकारी और लॉगिन क्रेडेंशियल्स जैसी जानकारियां शामिल हैं। हालांकि इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लिया है।

‘Pakistan Cyber Force’ के मुताबिक, उन्होंने MP-IDSA और MES की कुछ आंतरिक फाइलों, ईमेल्स और पासवर्ड्स तक पहुंच बनाई है। बता दें कि MES मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर का मैनेजमेंट करता है, जबकि MP-IDSA रक्षा नीतियों और रणनीति पर शोध करता है। हालांकि MP-IDSA के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी वेबसाइट पर ऐसा कोई साइबर हमला (Cyber Attack) नहीं हुआ है। लेकिन साइबर सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल इसकी गहन जांच कर रही हैं।

Cyber Attack: डिफेंस पीएसयू की वेबसाइट पर हमला

इतना ही नहीं, पाकिस्तान समर्थित इसी ग्रुप ने Armoured Vehicle Nigam Limited (AVNL), जो रक्षा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम (PSU) है, उसकी आधिकारिक वेबसाइट को भी डिफेस करने की कोशिश की। वेबसाइट पर पाकिस्तान का झंडा और पाकिस्तानी युद्धक टैंक ‘अल खालिद’ की तस्वीरें दिखाकर भारत को उकसाने की कोशिश की गई। इस घटना के बाद AVNL की वेबसाइट (Cyber Attack) को अस्थायी रूप से ऑफलाइन कर दिया गया है और उसकी पूरी तरह से फॉरेंसिक ऑडिट की जा रही है। AVNL रक्षा मंत्रालय के तहत एक कंपनी है, जो अर्जुन टैंक, T-90 भवानी, और अन्य बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करती है।

क्या कह रही हैं एजेंसियां?

MP-IDSA की वरिष्ठ प्रबंधन टीम ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया है कि उनकी वेबसाइट हैक (Cyber Attack) हुई है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, एक उच्च स्तरीय साइबर सुरक्षा समीक्षा की जा रही है और सभी लॉग्स तथा बैकअप को जांचा जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई सेंध तो नहीं लगी।

इस बीच, भारत की रक्षा साइबर एजेंसियां (Cyber Attack) और CERT-In (Computer Emergency Response Team-India) जैसे साइबर सुरक्षा प्राधिकरण मामले की निगरानी कर रहे हैं। इनका उद्देश्य है किसी भी तरह की अतिरिक्त घुसपैठ या भविष्य में संभावित हमलों को समय रहते पहचानना और रोकना।

इस संभावित साइबर अटैक (Cyber Attack) के बाद भारत की सभी प्रमुख साइबर एजेंसियों और रक्षा मंत्रालय की साइबर विंग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। संभावित पाकिस्तानी लिंक वाले थ्रेट एक्टर्स की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है ताकि भविष्य में होने वाले किसी बड़े हमले को समय रहते रोका जा सके।

भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश की साइबर सीमाओं की रक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी भौगोलिक सीमाओं की। इसलिए रियल टाइम मॉनिटरिंग, थ्रेट इंटेलिजेंस और AI आधारित साइबर सुरक्षा समाधान लागू किए जा रहे हैं।

साइबर वॉरफेयर का नया चेहरा

इस पूरे घटनाक्रम को हाइब्रिड वॉरफेयर (Cyber Attack) के नए रूप के तौर पर देखा जा रहा है। पाकिस्तान, सीधे सैन्य टकराव से बचते हुए अब डिजिटल माध्यमों से भारत को नुकसान पहुंचाने की रणनीति पर काम कर रहा है। ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’, जिसमें साइबर हमला, फर्जी खबरें और डेटा मैनिपुलेशन शामिल हैं, का चलन बढ़ गया है। यह घटना उसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जहां दुश्मन देश न केवल फिजिकल बॉर्डर पर बल्कि डिजिटल फ्रंट पर भी भारत को निशाना बना रहे हैं।

भारत की जवाबी तैयारी

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार (Cyber Attack) इस पूरे मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। सभी रक्षा मंत्रालय से जुड़ी वेबसाइट्स और सर्वर की सुरक्षा समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही कई साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स को तैनात किया गया है जो यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आगे कोई और सेंध न लग सके।

इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए डेटा एन्क्रिप्शन, 2FA (Two-Factor Authentication), AI-संचालित नेटवर्क निगरानी और साइबर-रिस्पॉन्स टीमें तैयार की जा रही हैं।

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क्या है ‘Pakistan Cyber Force’?

‘Pakistan Cyber Force’ खुद को एक राष्ट्रीय हैकर समूह (Cyber Attack) बताता है जो भारत के खिलाफ सूचना युद्ध छेड़ने का दावा करता है। इससे पहले भी यह समूह कई बार भारत की एजेंसियों को साइबर धमकी दे चुका है, लेकिन इस बार उसने रक्षा संस्थानों को निशाना बनाकर एक खतरनाक संकेत दिया है।

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