TROPEX 2025: भारतीय नौसेना की ताकत के आसपास भी नहीं फटकते पाकिस्तान और बांग्लादेश, AMAN-25 के जरिए चीन को बढ़ावा दे रहा है पाक

By News Desk

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📍नई दिल्ली | 30 Jan, 2025, 6:32 PM

TROPEX 2025: भारतीय नौसेना अपनी समुद्री ताकत को और मजबूत करने के लिए फरवरी 2025 में TROPEX 2025 (थिएटर लेवल ऑपरेशनल रेडीनेस एक्सरसाइज) का आयोजन करने जा रही है। यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करेगा। इस दौरान अत्याधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और साइबर युद्ध प्रणाली की टेस्टिंग की जाएगी। बता दें कि भारत लंबे समय से इस क्षेत्र में नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर की भूमिका निभा रहा है।

TROPEX 2025: India's Naval Might Surpasses Pakistan & Bangladesh, AMAN-25 Strengthens China's Influence
TROPEX 2025

दूसरी ओर, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देश गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकटों से जूझ रहे हैं, और ये देश अपनी नौसेना की रणनीतियों को लेकर दिशाहीन नजर आ रहे हैं। इनकी हालिया नौसैनिक गतिविधियां किसी भी प्रभावशाली रणनीतिक प्रभाव से कोसों दूर दिख रही हैं।

TROPEX 2025: नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर है भारत

भारतीय नौसेना को लंबे समय से “नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर” माना जाता रहा है, जो इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। TROPEX 2025 भारत की समुद्री रणनीति का एक और मजबूत संकेत है, जो यह बताता है कि भारत हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी को लगातार मजबूत कर रहा है। TROPEX 2025 में एडवांस वारशिप, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और साइबर वारफेयर सिस्टम शामिल होंगे।

यह अभ्यास SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत किया जा रहा है, जिसमें भारत न केवल अपनी समुद्री सुरक्षा को बढ़ा रहा है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता को भी प्राथमिकता दे रहा है। TROPEX के जरिए भारतीय नौसेना मलक्का जलडमरूमध्य (Malacca Strait), बंगाल की खाड़ी और अरब सागर जैसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की निगरानी को और मजबूत करेगी।

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आत्मनिर्भर भारत को मिल रही मजबूती

वहीं, भारतीय नौसेने के लिए यह अच्छी खबर है कि भारत को घरेलू स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योग से भी मजबूती मिल रही है। हाल ही में INS नीलगिरी, INS सूरत और वाघशीर सबमैरीन की कमीशनिंग से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। जो बताता है कि भारत अब आत्मनिर्भर हो रहा है, जबकि हमारे पड़ोसी देश अभी भी मिलिट्री हार्डवेयर और स्ट्रेटेजिक डायरेक्शन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं।

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आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान

दूसरी तरफ, पाकिस्तान अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने के लिए AMAN-25 नौसैनिक अभ्यास आयोजित कर रहा है, जो 7 से 11 फरवरी 2025 के बीच कराची में होगा। लेकिन इस अभ्यास का असली उद्देश्य चीन के हितों को बढ़ावा देना है।

पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है और उसकी नौसेना चीन पर पूरी तरह निर्भर हो चुकी है। पाकिस्तान की नौसेना अभी भी पुरानी और सीमित क्षमता वाली पनडुब्बियों और युद्धपोतों पर निर्भर है और उसके पास आधुनिकीकरण के लिए जरूरी बजट भी नहीं है। यहां तक कि अमेरिका और यूरोपीय देश अब पाकिस्तान की नौसेना में भी कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। चीन की मदद पाकिस्तान को कुछ नये युद्धपोत और पनडुब्बियां मिल रही हैं, लेकिन यह पूरी तरह से पाकिस्तान को नौसैनिक महाशक्ति बनाने में सक्षम नहीं हैं। पाकिस्तान ने AMAN-25 को मल्टीलेटरल कोऑपरेशन का नाम दिया है, जिसमें चीनी नौसेना (People’s Liberation Army Navy – PLAN) की भागीदारी प्रमुख होगी, जिससे यह अभ्यास पाकिस्तान की बजाय बीजिंग की समुद्री ताकत को दिखाने का प्रयास होगा।

राजनीतिक अस्थिरता से बेहाल है बांग्लादेश

वहीं, बांग्लादेश भी हिंद महासागर में अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और संसाधनों की कमी के चलते उसकी नौसेना अभी भी काफी पीछे हैं। हाल ही में, बांग्लादेश ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ एक नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लिया था। लेकिन यह अभ्यास असफल ही रहा। इसकी वजह है कि बांग्लादेश की नौसेना की क्षमताएं अभी भी सीमित हैं। बांग्लादेश की नौसेना ने भी हाल के वर्षों में कुछ पनडुब्बियों और पेट्रोलिंग शिपों का अधिग्रहण किया है, लेकिन यह अब भी चीन पर अत्यधिक निर्भर है।

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हिंद महासागर दुनियाभर के नौसेनाओं को आकर्षित कर रहा है, जिसमें भारत एक मुख्य भूमिका निभा रहा है। भारतीय नौसेना ने क्वाड (Quad) देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है और भारत न केवल इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि QUAD देशों के साथ साइबर डिफेंस, ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस, और एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन में भी सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा है।

इसके अलावा, इनफार्मेशन फ्यूज़न सेंटर-इंडियन ओसियन रीजन (IFC-IOR) जैसी पहलों के जरिए भारत ने यह साबित किया है कि वह इस क्षेत्र में मजबूत समुद्री निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूती दे सकता है। कुल मिला कर TROPEX 2025 भारत के लिए सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है जो हिंद महासागर में भारत की शक्ति को और मजबूती देगा।

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