📍तवांग | 14 Apr, 2025, 6:20 PM
Porsche 911 at Bumla Pass: समुद्र तल से 15,200 फीट से अधिक की ऊंचाई पर भारत-चीन सीमा पर स्थित बुमला पास हाल ही में एक अनोखे और रोमांचक नजारे का गवाह बना। बुमला पास अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थित है। 1962 के भारत-चीन युद्ध का गवाह रहे बुमला पास पर भारतीय और चीनी सैनिक आंख में आंख डाल कर खड़े रहते हैं। हाल ही में यह इलाका पोर्श 911 जैसी लग्जरी स्पोर्ट्स कारों की आवाजों से गूंज उठा। बूमला में स्पोर्ट्स कारें वहां तक पहुंची, जहां चीनी सेना की पोस्ट हैं। अपनी सीमा चौकियों के पास इन महंगी स्पोर्ट्स कारों को देख कर चीनी सेना भी हैरान हो गई।

Porsche 911 at Bumla Pass: बुमला पास के लिए चाहिए विशेष परमिट
बुमला पास, अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सामरिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 15,200 फीट (4,572 मीटर) की ऊंचाई पर है और तवांग शहर से 37 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरी ओर, यह चीन के त्सोना काउंटी के त्सोना ढोंग शहर से 43 किलोमीटर दूर है। यह इलाका भारतीय सेना के नियंत्रण में है और यहां आने के लिए विशेष परमिट की जरूरत होती है, जो तवांग में ठहरने वाले होटलों से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
1962 के भारत-चीन युद्ध का गवाह रहा है बुमला पास
यह दर्रा 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चर्चा में आया था, जब यहां बुमला की लड़ाई लड़ी गई थी। इस युद्ध में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भारत पर हमला किया था, और बुमला पास उन प्रमुख स्थानों में से एक था, जहां भीषण युद्ध हुआ था। युद्ध के बाद यह क्षेत्र लंबे समय तक व्यापार और आवागमन के लिए बंद रहा। हालांकि, 2006 में, 44 साल बाद, बुमला पास को व्यापार के लिए फिर से खोल दिया गया। आज यह अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच एक व्यापारिक बिंदु के तौर पर कार्य करता है। इसके अलावा, बुमला पास भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच नियमित परामर्श और बातचीत के लिए पांच आधिकारिक बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (BPM) पॉइंट्स में से एक है।
Eyeballing Chinese troops at Bumla who can’t believe what they’re seeing! Sports cars driving right up to 🇮🇳 🇨🇳 border from 🇮🇳 side
All credit to new policy of building (good!) roads right up to border to facilitate armed forces logistics & promote border tourism@ArunachalTsm pic.twitter.com/yPpg2o4XDS
— Sirish Chandran (@SirishChandran) April 12, 2025
Porsche 911 at Bumla Pass: एडवेंचर ड्राइविंग का मिलेगा मजा
हाल ही में ऑटो पत्रकार सिरिश चंद्रन (@SirishChandran) ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस अनुभव को साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे वे 12 अप्रैल 2025 को पोर्श 911 ड्राइव करते हुए भारत-चीन सीमा तक पहुंचे। सिरिश चंद्रन ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि नई सड़कों के कारण अब बुमला पास तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। उन्होंने लिखा, “इसका श्रेय नई नीति को जाता है, जिसके तहत सीमा तक अच्छी सड़कें बनाई गई हैं, ताकि सैन्य रसद को सुगम बनाया जा सके और सीमा पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।” उनकी पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि ट्रांस-अरुणाचल हाईवे, खासकर डंबुक से पासीघाट तक का रास्ता, स्पोर्ट्स कारों के लिए एकदम बढ़िया है। एडवेंचर ड्राइविंग का मजा लेने वालों को यहां के रास्तों पर तेज मोड़, सियांग नदी के दृश्य, और शानदार सड़कें देखने को मिलेंगी।
स्पोर्ट्स कारें देख चीनी सैनिक हुए हैरान
अपनी पोस्ट में साझा की गई तस्वीरों में वह बुमला पास पर खड़े नजर आ रहे हैं, और उनके पीछे चीनी सैनिक हैरानी से उनकी स्पोर्ट्स कारों को देख रहे हैं। सिरिश ने लिखा, “बुमला में चीनी सैनिकों को देखते हुए, जो विश्वास नहीं कर पा रहे कि वे क्या देख रहे हैं! भारत की ओर से स्पोर्ट्स कारें सीधे भारत-चीन सीमा तक पहुंच गईं।” उन्होंने यह भी बताया कि ट्रांस-अरुणाचल हाईवे के पूरा होते ही सरकार ने हिमालय की सीमा के साथ एक नई सड़क का टेंडर भी पूरा कर लिया है, जो भविष्य में और भी रोमांचक ड्राइविंग अनुभव प्रदान करेगी।
रिटायर्ड मेजर जनरल ने जताई खुशी
वहीं, 2003 से 2005 तक बुमला में अपनी यूनिट की कमान संभाल चुके मेजर जनरल (रिटायर्ड) राजू चौहान ने बुमला तक स्पोर्ट्स कारें पहुंचने पर खुशी जताई है। उन्होंने बताया, “एक वक्त था जब हमारे 4×4 वाहनों को भी बुमला तक पहुंचने में काफी मुश्किल होती थी। आज बुमला में पोर्श को देखना और सेला टनल का निर्माण देखना वाकई शानदार है। अविश्वसनीय भारत!”
Porsche 911 at Bumla Pass: पर्यटन को मिल रहा बढ़ावा
बुमला पास अब केवल एक सामरिक स्थल नहीं है, बल्कि यह पर्यटन के नक्शे पर भी अपनी जगह बना रहा है। भारत सरकार की ‘भारत रणभूमि दर्शन’ पहल के तहत, सीमावर्ती क्षेत्रों में 77 युद्ध स्मारकों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिनमें बुमला पास भी शामिल है। इस पहल का उद्देश्य सीमा पर्यटन को बढ़ावा देना, देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
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हालांकि, बुमला पास की यात्रा आसान नहीं है। यहां की ऊंचाई, ठंडा मौसम, और सख्त नियम कुछ चुनौतियां पेश करते हैं। यहां फोटोग्राफी की इजाजत नहीं है, और केवल अरुणाचल प्रदेश में पंजीकृत वाहनों को ही प्रवेश दिया जाता है। फिर भी, यहां का अनुभव अविस्मरणीय है। यहां एक छोटा सा रेस्टोरेंट भी है, जहां भारतीय सेना यहां आने वाले पर्यटकों को मैगी, सूप, और चाय उपलब्ध कराती है।