📍नई दिल्ली | 8 Nov, 2024, 2:10 PM
Super Sukhoi SU-30: भारतीय रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना (IAF) के 84 सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने के उद्देश्य से “सुपर सुखोई” प्रोग्राम की योजना को अंतिम रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह परियोजना भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को आधुनिक बनाने में सहायक साबित होगी। हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने इस लगभग 63,000 करोड़ रुपये की परियोजना को 30 नवंबर, 2023 को मंजूरी दी, जो अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजी जा रही है।
सीसीएस की मंजूरी मिलने पर प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत होगी, और तीन से साढ़े तीन साल में पहला अपग्रेडेड सुखोई विमान तैयार होने की उम्मीद है। पूरी विकास प्रक्रिया और फ्लाइट टेस्टिंग में करीब सात साल का समय लगेगा, जिसमें एडवांस एवियोनिक्स, नए रडार सिस्टम, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट्स और शक्तिशाली इंजन जैसे अपग्रेड शामिल होंगे। सबसे पहले, दो सुखोई विमानों को सुपर सुखोई कॉन्फ़िगरेशन के तहत मॉडिफाई किया जाएगा ताकि नए सिस्टम की टेस्टिंग की जा सके।
84 सुखोई फाइटर जेट्स के इस बड़े अपग्रेड प्रोग्राम को पूरा करने में लगभग 15 साल का समय लगेगा। इस योजना के तहत भारतीय वायुसेना का सुखोई-30MKI विमान पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के करीब पहुँच जाएगा, हालांकि इसमें स्टेल्थ फीचर नहीं होंगे, जो आमतौर पर पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट की मुख्य विशेषता माने जाते हैं।
सुपर सुखोई अपग्रेड प्रोग्राम की मुख्य विशेषताएं
एडवांस कॉकपिट और एवियोनिक्स
नए कॉकपिट में एडवांस एवियोनिक्स और मल्टीफंक्शनल डिस्प्ले होंगे, जिससे पायलट की सिचुएशनल अवेयरनेस में सुधार होगा और कार्यभार भी कम होगा।
एडवांस रडार और एवियोनिक्स
सुपर सुखोई में Virupaksha AESA रडार का इस्तेमाल होगा, जो डिटेक्शन रेंज, सटीकता और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगा। यह रडार मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट में सहायक साबित होगा।
शक्तिशाली इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली
इस अपग्रेड के तहत विमान में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे यह विमान अत्याधुनिक और चुनौतीपूर्ण वातावरण में कार्य करने में सक्षम होगा। इसमें बेहतर जैमिंग क्षमताएं और डिफेंसिव काउंटरमेजर भी होंगे।
शक्तिशाली इंजन
सुपर सुखोई में मौजूदा AL-31F इंजन का ही एडवांस वर्जन इस्तेमाल किया जाएगा, जो बेहतर थ्रस्ट और ईंधन दक्षता प्रदान करेगा। इससे विमान की प्रदर्शन क्षमता और ऑपरेशनल रेंज बढ़ेगी।
नेटवर्क-केंद्रित क्षमताएं
अपग्रेड के बाद सुपर सुखोई नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली से लैस होगा, जिससे यह रियल-टाइम डेटा साझा कर सकेगा। यह क्षमता इसे अन्य विमानों, ग्राउंड स्टेशनों और नौसेना के साथ डेटा शेयरिंग में सक्षम बनाएगी।
उन्नत हथियार प्रणाली
अपग्रेडेड सुखोई में विभिन्न प्रकार के उन्नत हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिसमें हाइपरसोनिक मिसाइलें भी संभावित रूप से शामिल हो सकती हैं। इससे सुखोई की लड़ाकू क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा
सुपर सुखोई अपग्रेड भारतीय-रूसी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह प्रोजेक्ट भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने का एक अहम कदम है।
2028 में जब यह अपग्रेडेड सुखोई पहली बार सामने आएगा, तब यह भारत की सैन्य शक्ति को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा।