Aero India 2025: भारत के सबसे बड़े एरो शो में हिस्सा नहीं लेंगे अमेरिकी वायुसेना के F-35 और F-16 फाइटर जेट, ये है बड़ी वजह

By हरेंद्र चौधरी

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📍नई दिल्ली | 27 Jan, 2025, 10:12 PM

Aero India 2025: एरो इंडिया 2025 में अमेरिकी वायुसेना (USAF) के एफ-35 और एफ-16 लड़ाकू विमानों की डेमो फ्लाइट नहीं होगी। यह चौंकाने वाला एलान आधिकारिक तौर पर अमेरिकी वायुसेना की वेबसाइट पर किया गया है। यह शो 10 फरवरी से 14 फरवरी 2025 के बीच बेंगलुरु के येलाहांका एयर बेस में आयोजित होने वाला है। वहीं इस फैसले से एशिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस शो में आने वाली कंपनियों और एविएशन लवर्स को निराशा हो सकती है। क्योंकि कई एविएशन प्रेमी और रक्षा विशेषज्ञ दूर-दूर से एफ-35 और एफ-16 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की उड़ानें देखने के लिए एय़र शो में पहुंचते हैं।

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एक्सपर्ट्स और एविएशन लवर्स को निराशा

एरो इंडिया एशिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस आयोजनों में से एक है, जो हर साल दुनियाभर से रक्षा विशेषज्ञों, एविएशन इंड्स्ट्री के एक्सपर्ट्स और एविएशन लवर्स को आकर्षित करता है। इस शो का उद्देश्य न केवल मिलिट्री और सिविल एविएशन टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन करना है, बल्कि डिफेंस सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना भी है।

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हालांकि, अमेरिकी वायुसेना यानी U.S. Air Force (USAF) ने एफ-35 और एफ-16 की डेमो फ्लाइट करने की वजह का खुलासा नहीं किया है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला संभवतः टेक्निकल औऱ डिप्लोमेटिक वजहों या फिर लॉजिस्टिक चुनौतियों के चलते लिया गया होगा। वहीं अगर ये विमान एरो शो में आते तो इसे डिफेंस कोऑपरेशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा मिलता। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे एय़र शो में अमेरिकी वायुसेना के विमानों की मौजूदगी से लोगों में दिलचस्पी बढ़ती है।

सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी विमानों की गैरमौजूदगी एय़र शो (Aero India 2025) में जरूर खलेगी, लेकिन एरो इंडिया 2025 में अन्य रोमांचक हवाई प्रदर्शन और तकनीकी प्रदर्शन दर्शकों को आकर्षित करने में कोई कमीं नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना है कि अमेरिकी विमानों की अनुपस्थिति से शो की प्रासंगिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारतीय वायुसेना के विमानों की तकनीकी क्षमता और प्रदर्शन इस शो का मुख्य आकर्षण रहेगा। आयोजक अब इस कमी को पूरा करने के लिए अन्य डोमेस्टिक या इंटरनेशनल पर्फॉर्मन्सेस जोड़ने की कोशिश की जा सकती है।

वहीं, अमेरिकी विमानों की गैरमौजूदगी के बीच, भारत को अपनी स्वदेशी तकनीकों और रक्षा उपकरणों को प्रदर्शित करने का एक बड़ा मौका मिल सकता है। यह आयोजन ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने और डोमेस्टिक एविएशन इंडस्ट्री को वैश्विक मंच पर मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।

एरो इंडिया अब तक न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की डिफेंस और एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा है। हर दो साल पर आयोजित होने वाला यह शो दुनियाभर से सरकारों, उद्योग जगत और तकनीकी विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। इस बार भी, आयोजन स्थल पर अत्याधुनिक विमानों की प्रदर्शनी, ड्रोन शो, और लाइव हवाई प्रदर्शन दर्शकों के लिए रोमांचक अनुभव होंगे।

Su-57 Felon बन सकता है एरो इंडिया शो का हिस्सा

भारत में अमेरिकी दूतावास में रक्षा अताशे रियर एडमिरल माइकल एल. बेकर का कहना है कि नई दिल्ली एफ-35 पर निर्णय लेने के “बहुत शुरुआती चरण” में है। लेकिन कहानी कुछ और है। सूत्रों ने बताया कि इसकी असल वजह है रूस का Su-57 Felon, जो इस बार एरो इंडिया शो (Aero India 2025) का हिस्सा हो सकता है। रूसी राष्ट्रपति फरवरी में भारत पर होंगे और वे Su-57 स्टेल्थ फाइटर भारत को देने की पेशकश कर सकते हैं। Su-57 भारत में आएगा। इससे पहले नवंबर 2024 में, इसने चीन में झुहाई एयर शो में भाग लिया था, जो किसी विदेशी देश में इसका पहला एयर शो था।

रूस को उम्मीद है कि उसका अत्याधुनिक Su-57 लड़ाकू विमान, अमेरिकी F-35 और चीनी J-20 माइटी ड्रैगन का जवाब है, और भारतीय वायुसेना की स्टील्थ विमान की जरूरत पूरी कर सकता है। वहीं, एरो इंडिया शो में एफ-35,  एफ-16 के साथ Su-57 लड़ाकू विमान की मौजूदगी से दोनों में क्लैश हो सकता है। हो सकता है कि इसी वजह से अमेरिका ने एफ-35,  एफ-16 को न भेजने का फैसला लिया हो।

पांचवी पीढ़ी का Su-57 फाइटर जेट का प्रोडक्शन काफी सीमित रहा है। 2010 में इसकी पहली उड़ान के बाद से 14 साल हो चुके हैं, और 40 से भी कम विमान अभी तक डिलीवर किए गए हैं। यह मुख्य रूप से डिजाइन और डेवलपमेंट में देरी और पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते इसके उत्पादन पर असर पड़ा है। वहीं रूस-युक्रेन वार के चलते इसका उत्पादन 2019 तक भी शुरू भी नहीं हो पाया था।

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