📍नई दिल्ली | 25 Apr, 2025, 3:31 PM
Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाक समर्थित लश्कर के आतंकी हमले में 28 लोगों की जान जाने के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध एक बार फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैन्य गतिविधियों में तेजी देखी गई है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने अपनी आर्टिलरी और बख्तरबंद (आर्मर्ड) इकाइयों का जमावड़ा LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बढ़ा दिया है। इसके साथ ही, हमले से ठीक पहले पाकिस्तानी पंजाब के झेलम जिले में टीला रेंज में सैन्य अभ्यास के नाम पर बड़े पैमाने पर सैन्य तैनाती की गई थी। बताया जा रहा है कि इस एक्सरसाइज का नेतृत्व लाहौर स्थित 4 कोर के पूर्व जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल सलमान फैय्याज घनी ने किया था। उनका घर जिन्ना हाउस, मई 2023 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) समर्थकों ने जलाया था।
8 अप्रैल को टीला रेंज में हुई थी मिलिट्री एक्सरसाइज
पाकिस्तानी सेना ने पहलगाम हमले से ठीक पहले झेलम के टीला रेंज में 8 अप्रैल को एक सैन्य अभ्यास शुरू किया था। टीला रेंज भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब है, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाका है। सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास में आर्टिलरी, बख्तरबंद वाहन, और अन्य भारी हथियारों की तैनाती शामिल थी। इस एक्सरसाइज में पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG), आर्मी एविएशन, और एयर डिफेंस यूनिट्स ने हिस्सा लिया था। यह पाकिस्तान सेना और वायुसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास था। यहां पर मशहूद टेस्ट फायरिंग रेंज (Mashhood Test Firing Range) भी है।
कहने के लिए यह अभ्यास कथित तौर पर नियमित सैन्य प्रशिक्षण का हिस्सा था, लेकिन इसकी टाइमिंग और जगह पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि यह अभ्यास केवल एक दिखावा था, जिसका असली मकसद LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी सैन्य ताकत को दिखा कर भारत पर दबाव बनाना था। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सेना की ओर से LoC पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की खबरें भी सामने आईं, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल सलमान फैय्याज घनी
इस सैन्य अभ्यास का नेतृत्व 4 कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सलमान फैय्याज घनी ने किया था। घनी का नाम हाल ही में उस समय सुर्खियों में आया था, जब मई 2023 में PTI समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास, जिन्ना हाउस, पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया था। यह हमला पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़के दंगों के बाद हुआ था। हालांकि इस घटना के बाद घनी समेत तीन अधिकारियों को 9 मई की हिंसा में सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में विफलता के चलते पद से हटा कर उन्हें जीएचक्यू बुला लिया गया था। हालांकि जीएचक्यू में उन्हें क्या जिम्मेदारी दी गई, यह साफ नहीं हो पाया है।
सलमान फैयाज घनी ने पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी (PMA) के 79वें लॉन्ग कोर्स में ट्रेनिंगली और फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट (10वीं बटालियन) में सेकंड लेफ्टिनेंट के बने। नवंबर 2020 में उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) में इंस्पेक्टर जनरल (आर्म्स) नियुक्त किया गया। जिसके बाद अक्टूबर 2022 में उन्हें लाहौर कोर का कोर कमांडर नियुक्त किया गया था।
LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ाई तैनाती
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा, खासकर सियालकोट डिवीजन में, अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने 10 कोर, जो रावलपिंडी में मुख्यालय रखता है, और सियालकोट में तैनात बलों को हाई अलर्ट पर रखा है। भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की आशंका के चलते सैनिकों को बंकरों के अंदर रहने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
पाकिस्तानी वायुसेना ने भी उत्तरी हवाई क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक खुफिया और हवाई चेतावनी प्रणाली (AEW&C) विमानों को तैनात कर दिया है। भारतीय वायुसेना के डिफेंस स्ट्रक्चर्स और कॉमर्शियल रडार्स ने पाकिस्तानी वायुसेना की हवाई गतिविधियों को दर्ज किया है। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना ने अपनी एयर एसेट्स को दक्षिणी क्षेत्र से उत्तरी क्षेत्र की ओर स्थानांतरित किया है, जो भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को रोकने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
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भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पहलगाम हमले की साजिश लंबे समय से बनाई जा रही थी, जिसके लिए बकायदा इस इलाके की रेकी भी की गई। इस हमले के समय दोनों देशों के प्रधानमंत्री अपने-अपने देशों से बाहर थे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब में और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्की में थे।
वहीं, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सईद असीम मुनीर ने हाल ही में कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” (महत्वपूर्ण नस) करार देते हुए भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे। सूत्रों का कहना है कि यह बकायदा पाकिस्तानी सेना की रणनीति थी। वह देश के अंदरूनी संकट, खासकर इमरान खान और PTI के साथ चल रहे टकराव से ध्यान हटाने के लिए भारत के खिलाफ तनाव बढ़ाना चाहती थी।
पाकिस्तान में सेना के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ रहा है, खासकर अप्रैल 2022 में जिस तरह से इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाया गया, लोग उससे नाराज हैं। मई 2023 में खान की गिरफ्तारी के बाद हुए दंगों में जिन्ना हाउस पर हमला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जनरल मुनीर, जो खुद को “हाफिज-ए-कुरान” कहते हैं, भारत के खिलाफ भावनाओं को भड़काकर जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, भारत ने पहलगाम हमले के बाद कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें अटारी में इंटीग्रेटेड चेक पॉइंट को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को निलंबित करना, और 1960 की सिंधु जल संधि को रद्द करना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि इस हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों और उनके समर्थकों को कड़ी सजा दी जाएगी।
Pakistan Defence Minister: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का कबूलनामा– ‘आतंकियों को पाला, अमेरिका के लिए गंदा काम किया’
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे हैं, जहां वे सेना के उच्च अधिकारियों से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति का जायजा लेंगे। भारतीय सेना ने भी LoC पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है और आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।