📍नई दिल्ली | 8 Jan, 2025, 7:51 PM
China Y-20 Cargo Aircraft: हाल ही में तिब्बत के शिगात्से डिंगरी काउंटी में आए 7.1 मैग्नीट्यूड के भूकंप ने इस इलाके को तहसनहस करके रख दिया है। इस भूकंप में कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। भूकंप के झटके नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। वहीं इस प्राकृतिक आपदा से न केवल जनजीवन प्रभावित हुआ, बल्कि वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान हुआ है। राहत और बचाव कार्यों के लिए चीन ने पहली बार अपने अत्याधुनिक Y-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया है। इस एयरक्राफ्ट ने शिगात्से डिंगरी एयरपोर्ट पर लैंडिंग की, जो कि दिसंबर 2022 में तैयार हुआ था।
China Y-20 Cargo Aircraft: चीनी पौराणिक पक्षी कुनपेंग पर रखा गया है इसका नाम
Y-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट यानी कुनपेंग चीन का पहला स्वदेशी रूप से विकसित भारी परिवहन विमान है। इसका नाम चीन की लोककथाओं में एक पौराणिक पक्षी “कुनपेंग” के नाम पर रखा गया है। इसे चीन की वायुसेना ‘चबी गर्ल’ के नाम से भी पुकारती है। यह विमान 73 टन तक भार ले जाने की क्षमता रखता है। यह चीन के सबसे बड़े टैंक ZTZ99 को भी ढोने की क्षमता रखता है। इसे मुश्किल हालात में भी ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किया गया है। इसे मानवीय राहत, सैन्य अभियान और उपकरणों के ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस विमान में चार शेनयांग WS-20 इंजन लगे हैं, जो इसे लंबी दूरी तक उड़ान भरने और हवा में ही हवाई ईंधन भरने की क्षमता प्रदान करते हैं।
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Y-20 को दिसंबर 2023 में दुबई एयर शो में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया गया था। यह चीन का सबसे बड़ा मिलिट्री टांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। इजिप्ट, नाइजीरिया और मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के कई देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है।
China Y-20 Cargo Aircraft से अमेरिकी C-17 ग्लोबमास्टर को टक्कर
Y-20 को अमेरिकी C-17 ग्लोबमास्टर के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। C-17 1995 में लॉन्च हुआ था और अमेरिकी सेना के लिए बेहद कारगर साबित हुआ है। वहीं, Y-20 भी चीन के लिए ऐसी ही भूमिका निभा रहा है। हालांकि, शुरुआती Y-20 वर्जन में रूसी इंजन लगे थे, और “गर्म और ऊंचे” हवाई क्षेत्रों से उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे। लेकिन WS-20 इंजन के साथ Y-20B वर्जन ने इन सभी बाधाओं को पार कर लिया है। वहीं चीन ने Y-20 कार्गो विमान पर बेस्ड एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान भी तैयार कर लिया है।
शिगात्से डिंगरी एयरपोर्ट का रणनीतिक महत्व
चीन का शिगात्से डिंगरी एयरपोर्ट और Y-20 की तैनाती भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह हवाईअड्डा भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के करीब है और इसे चीन की सैन्य तैयारियों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
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तिब्बत में पांच एयरपोर्ट हैं, जिनका चीन मिलिट्री और सिविल के तौर पर इस्तेमाल करता है। वहीं इनमें से चार एयरपोर्ट भारतीय सीमा से महज 60 किमी की दूरी पर हैं। जबकि शिनजियांग में 2017 से अब तक 15 हवाई अड्डों को अपग्रेड किया गया है, जिनमें से सात मिलिट्री और सिविल उपयोग वाले हैं, जिनमें भारतीय सीमा से सिर्फ 240 किमी दूर स्थित होतान भी शामिल है।
शिगात्से डिंगरी एयरपोर्ट का निर्माण अगस्त 2019 में शुरू हुआ और दिसंबर 2022 में इसे तैयार कर लिया गया। यह एयरपोर्ट तिब्बत में चीन के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। खास बात यह है कि यह एयरपोर्ट नेपाल की सीमा से मात्र 65 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। वहीं डोकलाम से इसकी दूरी मात्र 230 किमी है। इस एयरपोर्ट पर चीन ने एक खास बड़ी अंडरग्राउंड फैसिलिटी बनाई है, जिसमें कम से कम तीन प्रवेश द्वार हैं। यह एय़रपोर्ट 3.3 किमी की लंबाई में फैला है।